मालदीव से भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू
१२ मार्च २०२४भारत ने मालदीव से अपने सैनिकों की वापसी शुरू कर दी है. मंगलवार को मालदीव के मीडिया में बताया गया कि निगरानी करने वाले विमानों का संचालन कर रहे भारतीय सैनिकों को वापस बुला लिया गया है. यह कदम मालदीव के राष्ट्रपति के आदेश के बाद आया है.
मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुईज को चीन का समर्थक माना जाता है और उन्होंने पिछले साल हुए चुनाव में भारत विरोध के मुद्दे को जोर-शोर से उठाया था. राष्ट्रपति बनने के बाद भी उन्होंने अपना भारत विरोधी रुख बरकरार रखा और हाल ही में भारत को अपने सैनिक हटाने के लिए 15 मार्च तक की समय सीमा दी थी.
मालदीव के मिहारू अखबार ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि एड्डू एयरपोर्ट पर तैनात 25 भारतीय सैनिकों ने 10 मार्च से पहले द्वीप समूह छोड़ दिया. मुईज ने भारतीय सैनिकों के पहले जत्थे की 10 मार्च तक वापसी की मांग रखी थी.
राष्ट्रपति मुईज मालदीव की विशाल समुद्री सीमा पर गश्त करने के लिए तैनात भारतीय सुरक्षा कर्मियों को बाहर निकालने के वादे के साथ सितंबर में सत्ता में आए थे.
सैनिकों की वापसी
मालदीव में भारतीय सेना की एक छोटी सी टुकड़ी है. कुछ टोही विमानों के साथ यह टुकड़ी हिंद महासागर पर नजर रखती है. रिपोर्टों के मुताबिक नवीनतम सरकारी आंकड़े बताते हैं कि मालदीव में 88 भारतीय सैन्यकर्मी हैं.
भारतीय नौसेना का एक डोर्नियर विमान और दो हेलीकॉप्टर मालदीव में तैनात हैं जो यहां-वहां फैले 200 छोटे द्वीपों से मुख्यतया मरीजों को इलाज के लिए अस्पतालों तक पहुंचाने का काम करते हैं. इसके अलावा ये विमान मालदीव के विशाल इकोनॉमिक जोन को अवैध मछली पकड़ने से बचाने के लिए भी इस्तेमाल होते हैं.
4 फरवरी को मालदीव के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि मालदीव में तैनात भारतीय सैनिकों की वापसी 10 मार्च से शुरू हो जाएगी. पहली टुकड़ी 10 मार्च को वहां से चली जाएगी और बाकी सैनिक भी 10 मई तक चले जाएंगे.
मिहारू ने कहा कि तीन भारतीय विमान, जिनमें दो हेलीकॉप्टर और एक फिक्स्ड-विंग विमान है, उनका संचालन भारतीय गैर सैनिक कर्मचारियों द्वारा किया जाएगा. जो पहले ही वहां पहुंच गए हैं.
मालदीव या भारतीय अधिकारियों की ओर से इस बारे में कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन मिहारू ने कहा कि मालदीव नेशनल डिफेंस फोर्स (एमएनडीएफ) ने पुष्टि की है कि भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू हो गई है.
करीब आते चीन और मालदीव
भारतीय सैनिकों की वापसी शुरू होने के साथ ही पिछले हफ्ते ही मालदीव ने चीन के साथ एक "सैन्य सहायता" समझौते पर हस्ताक्षर किए थे. मालदीव के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि यह समझौता "मजबूत द्विपक्षीय संबंधों" को बढ़ावा देने के लिए है और चीन समझौते के तहत उसके कर्मचारियों को प्रशिक्षित करेगा.
भारत हिंद महासागर में चीन की बढ़ती मौजूदगी और मालदीव के साथ-साथ पड़ोसी श्रीलंका में उसके प्रभाव को लेकर शंका के साथ देखता है. सितंबर में मुईज के चुनाव जीतने के बाद से माले और नई दिल्ली के बीच संबंध ठंडे पड़ गए.
नई दिल्ली हिंद महासागर द्वीपसमूह को अपने प्रभाव क्षेत्र में मानता है, लेकिन मालदीव अपने सबसे बड़े बाहरी ऋणदाता चीन की तरफ झुक रहा है.
राष्ट्रपति बनने के बाद मुईज ने अपना सबसे पहला दौरा चीन का ही किया था. उसके बाद चीन का एक जहाज मालदीव के दौरे पर भी गया. इस बीच भारत और मालदीव के संबंधों में तब तनाव और बढ़ गया जब वहां के तीन उप-मंत्रियों ने भारत के प्रधानमंत्री पर आलोचनात्मक टिप्पणियां कीं. भारत ने जब आपत्ति जताई तो उन मंत्रियों को निलंबित कर दिया गया था.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)