ओआईसी: इस्लामोफोबिया के खिलाफ वैश्विक कार्रवाई हो
३ जुलाई २०२३दुनिया के 57 मुस्लिम देशों के संगठन ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन (ओआईसी) ने मुसलमानों की पवित्र किताब कुरान को भविष्य में और अधिक अपवित्रता से बचाने के लिए सामूहिक उपाय करने का आग्रह किया है.
पिछले हफ्ते स्वीडिश राजधानी स्टॉकहोम में एक मस्जिद के बाहर कुरान के कुछ पन्ने जला दिए गए थे, जिसकी कई इस्लामी देशों ने पहले ही निंदा की थी.
इस मुद्दे पर रविवार को सऊदी अरब के जेद्दाह में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन की कार्यकारी समिति की एक बैठक हुई, जिसमें मस्जिद के सामने कुरान जलाने से उत्पन्न घटना पर चर्चा की गई. स्वीडन में ईद-उल-अजहा के मौके पर हुई इस घटना की बैठक में निंदा की गई और उसके परिणामों पर विचार किया गया.
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ओआईसी ने क्या कहा
ओआईसी ने बैठक के बाद एक बयान जारी किया, जिसमें सदस्य देशों से "कुरान के अपमान की बार-बार होने वाली घटनाओं को रोकने के लिए एकजुट होने और सामूहिक कार्रवाई करने" का आह्वान किया गया.
बयान में कहा गया है कि ओआईसी के महासचिव हुसैन इब्राहिम ताहा ने "स्पष्ट संदेश भेजने की आवश्यकता पर जोर दिया" और कहा कि इस तरह के कृत्य "इस्लामोफोबिया के सिर्फ सामान्य मामले नहीं हैं."
बयान में कहा गया, "हमें अंतरराष्ट्रीय समुदाय को इन अंतरराष्ट्रीय कानूनों के तत्काल कार्यान्वयन की याद दिलाना जारी रखने की जरूरत है, जो किसी भी प्रकार की धार्मिक घृणा की वकालत को स्पष्ट रूप से प्रतिबंधित करते हैं."
ज्यादातर मुस्लिम देशों में पवित्र कुरान का किसी भी तरह का अपमान गैरकानूनी है और सऊदी अरब समेत दुनिया के कुछ देशों में इसके लिए मौत की सजा तक दी जा सकती है.
इराक ने पहले स्वीडन से अपील की थी कि कुरान का अपमान करने वाला व्यक्ति एक इराकी शरणार्थी है और उसे मुकदमे का सामना करने के लिए इराक में प्रत्यर्पित किया जाना चाहिए.
ईरान ने राजदूत की नियुक्ति टाली
ईरान के विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान का कहना है कि तेहरान ने स्वीडन में नए राजदूत की नियुक्ति फिलहाल रोक दी है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में सभी प्रशासनिक विवरण पूरे कर लिए गए हैं, लेकिन नए राजनयिक फिलहाल स्टॉकहोम में पद नहीं संभालेंगे.
इससे पहले ईरान ने कुरान जलाने की घटना की निंदा की और विरोध जताने के लिए तेहरान में राजदूत की जिम्मेदारी संभाल रहे अधिकारी को तलब कर स्पष्टीकरण मांगा. प्रदर्शनकारियों ने तेहरान में भी उनके खिलाफ कई प्रदर्शन किए, इस दौरान स्वीडिश झंडा भी जलाया गया.
बीते दिनों कई मुस्लिम देशों में इसी तरह के विरोध प्रदर्शन हुए हैं, जिनमें रविवार को इंडोनेशिया के जकार्ता में हुआ विरोध प्रदर्शन भी शामिल है. इस बीच स्वीडिश सरकार ने रविवार को एक सार्वजनिक बयान में कुरान जलाने की फिर से निंदा की.
स्वीडन के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में बताया, "स्वीडन में अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को दृढ़ता से संरक्षित किया गया है. हालांकि, इसका स्वाभाविक रूप से यह मतलब नहीं है कि सरकार व्यक्त की गई हर राय का समर्थन करती है."
एए/वीके (एएफपी, डीपीए, रॉयटर्स)