4,000 फलस्तीनियों को पहचान पत्र देगा इस्राएल
२० अक्टूबर २०२१इस्राएल ने कहा है कि वेस्ट बैंक में रहने वाले 4,000 फलस्तीनियों को पहचान पत्र जारी किए जाएंगे जिसके बाद वे चेक नाकों से बेरोक टोक आ जा सकेंगे. आधिकारिक पंजीकरण का यह अभियान बरसों से बंद पड़ा था.
इस्राएल की सरकार का यह कदम उन 2,800 लोगों के लिए खासतौर पर फायदेमंद होगा जो गजा पट्टी के पूर्व नागरिक हैं. सरकार ने उन्हें कानूनी दर्जा देने का फैसला किया है. ये लोग 2007 में गजा पट्टी से भागकर तब वेस्ट बैंक आ गए थे जब हमास के साथ आंतरिक संघर्ष चल रहा था.
क्यों चाहिए पहचान पत्र?
फलस्तीनी जनता का पंजीकरण होने पर वेस्ट बैंक के नागरिकों को इलाके में बने इस्राएली सेना के नाकों से आने जाने में सुविधा हो जाएगी. इस्राएल ने छह दिन चले युद्ध में इस इलाके पर कब्जा कर लिया था और तब से यहां रहने वाले लोगों के साथ इस्राएली सेना की झड़पें होती रहती हैं.
तस्वीरेंः चम्मच से खोदी सुरंग
इस्राएल की सरकार ने इन सैन्य नाकों को सुरक्षा के लिए जरूरी बताया है. लेकिन फलस्तीनी और मानवाधिकार कार्यकर्ता इन नाकों से असहमत हैं और कहते रहे हैं कि इस कारण लोगों की जिंदगी मुश्किल हो गई है.
इस्राएली सेना की नागरिक मामले देखने वाली शाखा COGAT ने कहा है कि पहचान पत्र देने से गजा पट्टी के 2,800 पूर्व बाशिंदों के अलावा 1,200 उन लोगों को भी लाभ पहुंचेगा जो पंजीकृत नहीं हैं. इनमें वेस्ट बैंक के लोगों के रिश्तेदार आदि शामिल हैं.
इस्राएल ने शांति समझौते के तहत पहचान पत्र देने की यह योजना बनाई थी. इन पहचान पत्रों को हर साल नवीनीकृत किया जाना था. लेकिन साल 2,000 में यह योजना तब ठंडे बस्ते में चली गई जब कथित दूसरे इंतिफादा के तहत लोगों ने संघर्ष किया.
2008-09 में इस्राएल ने 32 हजार लोगों को परिवारों के पुनर्मिलन योजना के तहत परमिट दिए थे लेकिन कुछेक मामलों को छोड़कर ज्यादातर के लिए यह योजना लागू नहीं हो पाई.
क्या बोले नेता?
पहचान पत्र देने की योजना फिर से शुरू करने को लेकर देश के रक्षा मंत्री बेनी गांत्स ने ट्विटर पर लिखा कि यह एक मानवतावादी कदम है. उन्होंने सात हफ्ते पहले ही वेस्ट बैंक के शहर रामल्लाह में फलस्तीनी नैशनल अथॉरिटी के राष्ट्रपति महमूद अब्बास से मुलाकात की थी.
ट्वटिर पर उन्होंने कहा कि यह कदम उनकी "देश की अर्थव्यवस्था को मजबूत करने और फलस्तीनियों की जिंदगी बेहतर बनाने की कोशिशों का हिस्सा है.”
देखिए, युद्ध के बाद का गजा
फलस्तीनी अथॉरिटी के वरिष्ठ अधिकारी हुसैन अल-शेख ने भी इस कदम पर ट्वीट किया. उन्होंने कहा, "आज चार हजार लोगों के नामों का ऐलान किया जाएगा, जिन्होंने नागरिकता का अधिकार हासिल किया है. उन्हें फलस्तीनी पहचान के साथ-साथ अपने निवास स्थान का पता भी मिलेगा.”
वेस्ट बैंक में चार लाख 75 हजार इस्राएली यहूदी रहते हैं, जिनकी रिहायश को अंतरराष्ट्रीय कानून के तहत अवैध माना जाता है. इस्राएल के प्रधानमंत्री ने फलस्तीनी अथॉरिटी के साथ औपचारिक शांति वार्ता की संभावना से इनकार कर दिया है.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)