अंतरिक्ष से कचरा साफ करने का जापानी मिशन फेल
६ फ़रवरी २०१७पृथ्वी की कक्षा में करीब 10 करोड़ टुकड़े हैं जो बेकार हो चुके हैं. यानी यह कूड़ा है जो धरती के चारों ओर चक्कर काट रहा है. इनमें पुराने उपग्रहों के उपकरण और पुराने रॉकेटों के टुकड़े हैं. विशेषज्ञों का कहना है कि यह कचरा भविष्य के अंतरिक्ष अभियानों को खतरा पैदा कर सकता है. इसलिए इस कचरे की सफाई पर गंभीरता से विचार किया जा रहा है.
जापान एयरोस्पेस एक्सप्लोरेशन एजेंसी के वैज्ञानिकों ने एक उपकरण से प्रयोग किया था. मछली पकड़ने वाले जाल बनाने वाली कंपनी की मदद से एक जाल बनाया गया था. वैज्ञानिक इस इलेक्ट्रोडायनमिक जाल की मदद से कूडे की गति को धीमा करके उसे निचली कक्षा में लाना चाहते थे. उम्मीद यह की जा रही थी कि पांच दशक की मानवीय गतिविधियों से अंतरिक्ष में जो भी कचरा जमा हुआ है उसे धीरे धीरे नीचे लाया जाए. जब वह पृथ्वी के वातावरण में प्रवेश करेगा तो जलकर नष्ट हो जाएगा.
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जाल करीब 700 मीटर लंबा था. इसे स्टेनलेस स्टील और एल्युमिनियम की पतली तारों से बनाया गया था. इसे दिसंबर में एक यान के जरिए अंतरिक्ष में भेजा गया. इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन के अंतरिक्षयात्रियों के लिए सामान ले जाने वाले एक कार्गो यान से इसे कक्षा में छोड़ा जाना था. लेकिन इसे छोड़ा नहीं जा सका. वैज्ञानिकों के पास इसे अंतरिक्ष में छोड़ने के लिए सिर्फ एक हफ्ते का समय था. क्योंकि अंतरिक्ष यान को सोमवार को पृथ्वी पर लौटना था. लेकिन जाल नहीं खुला.
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वैज्ञानिक कोएची इनोऊ ने बताया, "हमें लगता है कि जाल खुला ही नहीं. यह बहुत निराशाजनक है क्योंकि हमारा मिशन अपना मकसद हासिल किए बिना ही खत्म हो गया." यह जापानी एजेंसी के लिए बड़ा झटका है क्योंकि कुछ ही समय पहले जापानी अंतरिक्ष वैज्ञानिकों को एक और नाकामी हाथ लगी थी. तब एजेंसी को उपग्रह को मिनी-रॉकेट के जरिए कक्षा में भेजने का मिशन रद्द करना पड़ा था. पिछले साल फरवरी में भी जापानी एजेंसी का बेहद महंगा और अत्याधुनिक उपग्रह लॉन्च बेकार चला गया था क्योंकि अंतरिक्ष यान से संपर्क टूट गया था.
वीके/एके (एएफपी)