केरल के मंदिर में 'रोबोट' हाथी के साथ हो रही पूजा अर्चना
केरल के इरिन्यादापिल्ली श्रीकृष्ण मंदिर में एक मशीनी हाथी से पूजा के रस्मो-रिवाज करवाये जा रहे हैं. मासूम हाथियों को हर तरह की क्रूरता से बचाने के लिए ऐसा किया गया है.
केरल में पहल
केरल के त्रिशूर जिले में स्थित इरिन्यादापिल्ली श्रीकृष्ण मंदिर के प्रशासन ने अपने आयोजनों में किसी भी तरह से किसी जीवित पशु का इस्तेमाल ना करने का प्रण लिया है.
कहां से आया रोबोटिक हाथी
यह बिल्कुल असली सा लगने वाला मेकैनिकल हाथी पेटा इंडिया यानि 'पीपल फॉर एथिकल ट्रीटमेंट ऑफ एनीमल्स' और भारतीय अभिनेत्री पार्वती थिरुवथु ने मंदिर को दान में दिया है.
कैसे होता है इस्तेमाल
जंजीरों में बांध कर, सजा-धजा कर और पीठ पर इंसान के बैठने लायक गद्दी लगे हाथियों का केरल के मंदिरों के लगभग हर बड़े आयोजन में इस्तेमाल किया जाता रहा है.
कैसी क्रूरता
जानवरों के अधिकारों के लिए काम करने वाली संस्था पेटा का कहना है कि मंदिर में आयोजनों के दौरान जानवरों को बहुत ज्यादा शोर बर्दाश्त करना पड़ता है जो उनके साथ "क्रूरता" है.
कैद में हाथी
भारत में इस समय जितने हाथियों को अपने काम के लिए इंसानों ने कैद कर रखा है उनकी कुल तादाद लगभग 2,500 है. इनका भी पांचवा हिस्सा केवल केरल में हैं.
क्या कहते हैं पुजारी
इरिन्यादापिल्ली श्रीकृष्ण मंदिर के पुजारी राजकुमार नंबूदरी ने इंडियन एक्सप्रेस अखबार से बातचीत में खुशी जताते हुए उम्मीद जतायी कि और मंदिर भी इस रास्ते पर चलेंगे.
केरल सरकार को चिट्ठी
हाल ही में सेंटर फॉर रिसर्च ऑन एनीमल राइट्स नामक संस्था ने केरल सरकार को लिखित सूचना दी है कि केरल में 2018 से अब तक 138 ऐसे हाथियों की जान चली गई है.
कैसा है रोबोट
यह रोबोटिक हाथी 11 फुट लंबा और 800 किलो वजनी है और लोहे के फ्रेम में बनाया गया है. मंदिर में रस्मो रिवाज में शामिल करने से पहले इस हाथी की भी बाकायदा पूजा की गई.
जंगली को पालतू बनाना
ज्यादातर हाथियों को बिना किसी अनुमति के जंगलों से पकड़ कर लोग दूसरे राज्यों में ले जाकर बेच देते हैं. जंगली जानवरों से अपनी मर्जी के काम करवाने के लिए उन्हें मारा पीटा जाता है.
हाथियों का आशीर्वाद
मंदिर में हाथी से आशीर्वाद लेने की परंपरा को अब भी निभाया जा रहा है लेकिन नकली हाथी के साथ क्रूरता-मुक्त अंदाज में. उधर कैद में रहे असली हाथियों को उनके असली घरों में फिर से बसाना है.