सरकार की तरफ से किसान-एमएसएमई को राहत
प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों से किसानों, छोटे-मध्यम उद्योगों और रेहड़ी-पटरी वालों को राहत मिल सकती है.
सरकार की सहायता
नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का एक साल पूरा होने पर कई अहम फैसले लिए गए हैं. इन फैसलों से किसान, एमएसएमई और रेहड़ी-पटरी वालों को राहत मिलने की उम्मीद है. माना जा रहा है कि सरकार के फैसले से अर्थव्यवस्था को बल मिलेगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
किसानों को राहत
केंद्र सरकार ने 14 खरीफ फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य बढ़ा दिया है. किसानों को अब अपनी पैदावार की लागत का 50 से 83 फीसदी फायदा होगा. सरकार ने खरीफ फसल 2020-21 की 14 फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य जारी कर दिया है.
कर्ज
केंद्र सरकार ने कृषि और उससे जुड़ी गतिविधियों के लिए बैंक से लिए अल्पकालिक कर्ज को चुकाने की समय सीमा 31 अगस्त 2020 तक बढ़ाई है. किसानों को ब्याज में छूट देने का भी प्रावधान दिया जा रहा है. सरकार के मुताबिक किसान अपना कर्ज वक्त पर चुका देंगे तो उन्हें 4 फीसदी ब्याज पर लोन दिया जाएगा.
रेहड़ी-पटरी वालों को लोन
रेहड़ी विक्रेताओं को किफायती कर्ज देने के लिए विशेष माइक्रो क्रेडिट सुविधा योजना “पीएम स्वनिधि” लॉन्च की गई है. यह योजना उन्हें फिर से काम शुरू करने और अपनी आजीविका कमाने में सक्षम बनाने के लिए सहायक होगी. योजना के तहत करीब 50 लाख रेहड़ी-पटरी वालों को 10,000 रुपये का लोन मिलेगा.
एमएसएमई की परिभाषा बदली
14 साल बाद सरकार ने माइक्रो, स्मॉल, मीडियम इंटरप्राइजेज ( एमएसएमई) की परिभाषा बदल दी है. वहीं एनपीए में तब्दील हो चुकी दो लाख एमएसएमई को उबारने के लिए 20,000 करोड़ रुपये के अतिरिक्त फंड को मंजूरी दी गई है. अब 250 करोड़ रुपये तक टर्नओवर करने वाली कंपनियां इस दायरे में आ जाएंगी. सरकार का कहना है कि इस घोषणा के बाद इस क्षेत्र में निवेश आएगा और रोजगार के अवसर बढ़ेंगे.
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