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मलागा के मनहूस तीन मिनट

१० अप्रैल २०१३

दुनिया की सबसे बड़ी फुटबॉल लीग में पहली बार आखिरी चार में पहुंच रही स्पेन की छोटी सी टीम पूरे 90 मिनट तक जीत रही थी. इसके बाद एक्स्ट्रा टाइम इस टीम के लिए विवाद और मायूसी लेकर आया, जहां तीन मिनट में इसकी किस्मत पलट गई.

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तस्वीर: Reuters

पिछले दो बार से जर्मन लीग में चैंपियन रहे डॉर्टमुंड से मलागा का मुकाबला जर्मनी की जमीन पर था और मुकम्मल वक्त के बाद 2-1 से बढ़त के साथ टीम सातवें आसमान पर सवार थी. जीतने का जोश मदहोशी में बदलता गया. जब रेफरी ने चार अतिरिक्त मिनट का संकेत दिया, तो मलागा की टीम ने एक गलती की और स्कोर बराबर हो गया. फिर भी उसका आगे बढ़ना तय था लेकिन आखिरी सीटी से ठीक पहले एक विवादित गोल ने उनके सपनों को चकनाचूर कर दिया. जाहिर तौर पर ऑफ साइड दिख रहे डॉर्टमुंड के खिलाड़ी ने गेंद जाल में डाल दी और उसे गोल मान लिया गया. दो मिनट पहले गुस्से में टीवी बंद करने वालों को जब उनकी टीम के जीतने की खबर मिली, तो वे हैरान रह गए.

मलागा के साथ नाइंसाफी हुई. आखिरी गोल को नहीं माना जाना चाहिए था. स्पेनी अखबार बेहद गुस्से में हैं. उनका कहना है कि ऐसा सिर्फ छोटी टीम के साथ ही हो सकता है. ला रेजान ने लिखा, "यह रियाल मैड्रिड या बार्सिलोना जैसी टीमों के साथ कभी नहीं हो सकता."

खेलों के अखबार एएस ने लिखा कि यह एक बेहद दुर्भाग्यपूर्ण नतीजा रहा लेकिन फिर भी अखबार ने तारीफ की कि पहली ही बार में मलागा की टीम ने बड़े बड़ों के छक्के छुड़ा दिए. मलागा के कोच चिली के मानुएल परागीनी हैं, जिनकी बहन की अचानक मौत हो गई है. वह चिली में थे लेकिन अपनी टीम के मैच के लिए सिर्फ कुछ घंटे पहले वहां से हजारों किलोमीटर की उड़ान भर कर जर्मन शहर डॉर्टमुंड पहुंचे. स्पेनी अखबार में उनकी बहुत तारीफ की गई है.

UEFA Champions League 2012/13 Viertelfinale Dortmund vs. Malaga
हम जीत गए, हम जीत गए...तस्वीर: Reuters

स्पेनी टीम का दुख कितना बड़ा है, इस बात का अंदाजा लगाया जा सकता है कि खराब वित्तीय स्थिति की वजह से उन्हें अगले साल यूरोपीय मुकाबलों में खेलने की अनुमति नहीं दी गई है. कोच परागीनी बेहद दुखी हैं, "यूएफा ने एक टीम को फाइनल तक पहुंचने से रोका है. हमने इतना महान खेल खेला लेकिन वे चाहते ही नहीं हैं कि हम जीतें."

मलागा के मालिक कतर के अब्दुल्लाह बिन नासिर अल थानी हैं. वह तो इस कदर गुस्से में हैं कि इसे नस्ली भेदभाव तक पहुंचा रहे हैं, "मैं उम्मीद करता हूं कि यूएफा इस मामले की तहकीकात शुरू करेगा कि कोई स्पेनी टीम इस तरह बाहर कैसे हो गई. यह फुटबॉल नहीं है, यह नस्ली फैसला है."

मेहमान टीम ने खेल का पहला गोल करके पीली जर्सी वाले खेमे में सनसनी फैला दी. 25वें मिनट में योआकिन ने गोल किया. डॉर्टमुंड के विशालकाय स्टेडियम में जमा हजारों प्रशंसकों ने चुप्पी साध ली. हालांकि बाद में 40वें मिनट में रॉबर्ट लेवान्डोस्की ने हिसाब बराबर कर दिया. खेल के आखिरी हिस्से में 82वें मिनट में जब मलागा के सब्सटीट्यूट खिलाड़ी एलीज्यू ने अपनी टीम के लिए दूसरा गोल किया, तो लगा मानो पूरा स्टेडियम सन्नाटे में डूब गया हो.

अतिरिक्त समय के एक मिनट बाद स्टार खिलाड़ी मार्को रॉयस ने डॉर्टमुंड के लिए दूसरा गोल किया और उसके बाद खेल लगभग खत्म होने के वक्त वह विवादित गोल फेलिपे संताना ने कर दिया. फैसला 3-2 से हो गया. क्वार्टर फाइनल का पहला मैच मलागा में 0-0 से ड्रॉ रहा था. अगर यह मैच भी ड्रॉ भी रहता, तो मलागा को दूसरे के ग्राउंड में दो गोल करने की वजह से जीता हुआ माना जाता.

अब डॉ़र्टमुंड की टीम यूरोपीय चैंपियंस लीग के आखिरी चार में पहुंच गई है और उसके साथ स्पेन की दिग्गज रियाल मैड्रिड भी पहुंच गई है. हालांकि रियाल को तुर्की की कमजोर गलातासारी टीम से दूसरा मुकाबला हारना पड़ा है. बाकी की दो टीमों का फैसला होना बाकी है, जिसमें जर्मनी की सबसे लोकप्रिय बायर्न म्यूनिख की टीम शामिल है.

एजेए/एनआर (एएफपी, रॉयटर्स, एपी, डीपीए)

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