भारत: अरुणाचल पर चीन का दावा बेतुका
२० मार्च २०२४भारतीय विदेश मंत्रालय ने मंगलवार को कहा कि चीन अरुणाचल प्रदेश पर "बेतुके दावे" कर रहा है, साथ ही कहा कि चीन के साथ सीमा साझा करने वाला पूर्वोत्तर राज्य हमेशा से भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा.
चीन के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल झांग जियाओगांग ने कहा था कि जिजांग (तिब्बत का चीनी नाम) का दक्षिणी भाग चीन के भूभाग का एक अंतर्निहित हिस्सा है. चीन भारत द्वारा अवैध रूप से स्थापित तथाकथित अरुणाचल प्रदेश को कभी स्वीकार नहीं करता और इसका दृढ़ता से विरोध करता है.
चीन के दावे पर भारत का पलटवार
अब भारत सरकार ने अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन के दावे को खारिज कर दिया है. मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा.
जायसवाल ने इस संबंध में पूछे जा रहे मीडिया के सवालों का जवाब देते हुए एक्स पर एक पोस्ट में लिखा, "हमने चीनी रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता द्वारा भारतीय राज्य अरुणाचल प्रदेश के क्षेत्र पर बेतुके दावों को आगे बढ़ाते हुए की गई टिप्पणियों पर ध्यान दिया है. इस संबंध में निराधार तर्क दोहराने से ऐसे दावों को कोई वैधता नहीं मिलती है. अरुणाचल प्रदेश, भारत का अभिन्न हिस्सा था और हमेशा रहेगा."
उन्होंने आगे कहा, "अरुणाचल प्रदेश के लोगों को विकास कार्यक्रमों और बुनियादी ढांचा परियोजनाओं से लाभ मिलता रहेगा."
मोदी के दौरे के बाद चीन बोला
9 मार्च को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अरुणाचल प्रदेश का दौरा किया था और उन्होंने सेला सुरंग का उद्घाटन किया था. ये सुरंग अरुणाचल प्रदेश में 13 हजार फीट की ऊंचाई पर बनाई गई है. यह दुनिया की सबसे लंबी दोहरी लेन वाली सुरंग है.
मोदी के दौरे के बाद ही झांग ने एक बयान में कहा था भारत को "सीमा मुद्दे को जटिल बनाने वाले किसी भी कदम को उठाना बंद करना चाहिए और सीमावर्ती क्षेत्रों में ईमानदारी से शांति और स्थिरता बनाए रखनी चाहिए."
झांग ने कहा था सुरंग का उद्घाटन "सीमा पर स्थिति को कम करने के लिए दोनों पक्षों द्वारा किए गए प्रयासों के विपरीत है."
परमाणु हथियार से लैस भारत और चीन तीन हजार किलोमीटर लंबी सीमा साझा करते हैं. इसका अधिकांश भाग खराब तरीके से सीमांकित है. साल 2020 में लद्दाख के गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच हिंसक झड़प हुई थी, जिसमें 20 भारतीय सैनिक और कम से कम चार चीनी सैनिक मारे गए थे.