सर्दियों में भी भीषण सूखे की चपेट में है भूमध्य क्षेत्र
दक्षिणी यूरोप और उत्तरी अफ्रीका सर्दी के मौसम में भी भयानक सूखे का सामना कर रहे हैं. वसंत में हालात और बदतर हो सकते हैं.
पेड़ पर ही सूख रहे हैं फल
इस साल सिसली में पैदा हुए संतरे सामान्य आकार से बहुत छोटे हैं. वो भी तब, अगर संतरे पकने से पहले ही पेड़ पर ना सूख जाएं. इसकी वजह है, पानी की कमी. फरवरी की शुरुआत में ही प्रशासन ने सूखे की आपात स्थिति और "प्राकृतिक आपदा" का एलान कर दिया था.
सर्दियों में बारिश ही नहीं हुई
ऐसा नहीं कि बस यूरोप में ये हालत हो. यह तस्वीर मोरक्को की है, जहां पानी की कमी के कारण मिट्टी में दरार पड़ गई है. यूरोपियन अर्थ ऑब्जर्वेशन प्रोग्राम कोपरनिकस के आंकड़े बताते हैं कि यूरोप और उत्तरी अफ्रीका का एक चौथाई हिस्सा सूखे का सामना कर रहा है. 2023 की पड़ी भीषण गर्मी के बाद सर्दियों में भी बहुत कम बारिश हुई. इसके कारण भूमध्यसागर के बड़े हिस्से में सूखे की स्थिति बनी हुई है.
ज्यादा हरियाली नहीं बची
यह तस्वीर सिसली की है, जहां एक गाय हरी घास तलाश रही है. किसान समझ नहीं पा रहे कि मवेशियों का चारा कैसे जुटाएं. 2023 के वसंत में यहां तूफान आया, जिसमें घास-फूस और चारे की पैदावार तबाह हो गई. तब से बारिश ना के बराबर हुई है. इंसानी गतिविधियों से गंभीर हुई जलवायु परिवर्तन की स्थिति ने लू, सूखा और अप्रत्याशित बारिश की निरंतरता बढ़ाई है.
भीषण सूखा, खेती कैसे करेंगे
मोरक्को का बेर्रेचिद इलाका खेती के लिहाज से बेहद अहम है. यहां एक किसान आलू के खेत में सिंचाई के लिए पाइप बिछा रहा है. मोरक्को के अलावा दक्षिणी इटली, स्पेन, अल्जीरिया और ट्यूनीशिया में भी सूखे की भीषण स्थिति है. हालांकि, पिछले साल हालात और भी खराब थे. 2023 में मेडीटरेनियन में 31 फीसदी से ज्यादा इलाका सूखे की चपेट में था.
हरियाली की जगह भूरा रंग बिखरा है
अंतरिक्ष से ली गई यह तस्वीर देखिए. आमतौर पर कसाब्लांका के आसपास का यह इलाका बारिश के मौसम में हरा-भरा होना चाहिए, ना कि ऐसा सूखा और भूरा. औसत से अधिक तापमान के कारण सूखे की स्थिति विकराल हो गई है. अभी फरवरी में यहां तापमान बढ़कर 37 डिग्री सेल्सियस पर पहुंच गया. मोरक्को लगातार छह साल से सूखे का सामना कर रहा है.
घटती पैदावार, जो भी हाथ लगे बहुत है
पड़ोसी देश ट्यूनीशिया में भी कमोबेश ऐसी ही हालत है. यह तस्वीर नवंबर 2023 की है. एक किसान पेड़ से गिने-चुने जैतून तोड़ रही हैं. यहां जैतून सबसे अहम फसलों में से एक है, लेकिन इसकी पैदावार 30 फीसदी तक गिर गई है. इसके लिए सूखा और प्रचंड गर्मी भी जिम्मेदार हैं. कोपरनिकस के अनुसार, पिछली जनवरी रिकॉर्ड स्तर पर गर्म थी.
सर्दियों में गर्मियों का एहसास
सर्दियों में धूप सेंकना? गुनगुनी धूप नहीं, तेज गर्मी. 2024 में स्पेन ने अपने इतिहास की सबसे गर्म जनवरी का सामना किया. मालागा समेत कई इलाकों में तापमान करीब 30 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया. आमतौर पर जून से इतनी गर्मी पड़नी शुरू होती है. अंदलूसिया में कई साल से सूखा पड़ रहा है. इतनी गर्म सर्दी के कारण सूखा और बदतर हो गया है.
गुम हो गया है पानी
उत्तरी स्पेन भी पानी की कमी से जूझ रहा है. कैटेलोनिया के इस विलानोवा डी साउ जलाशय में पानी की कमी के कारण कई नावें फंसी हैं. यह बार्सिलोना को पानी की आपूर्ति करने वाले सबसे अहम जलाशयों में है. तीन साल से पड़ रहे सूखे के कारण इसमें पानी चार फीसदी से नीचे चला गया है, जो अब तक का सबसे निचला स्तर है. कैटेलोनिया में आपातकालीन स्थिति की घोषणा कर दी गई है और पानी की खपत सीमित कर दी गई है.
पानी का नामो-निशां नहीं
यह फरवरी के शुरुआती दिनों की तस्वीर है. फ्रांस में एगली नदी तकरीबन पूरी तरह सूखी नजर आ रही है. हालात बेहतर होने की संभावना बहुत कम है. कोपरनिकस ने इस साल वसंत में भूमध्य क्षेत्र में औसत से अधिक तापमान की भविष्यवाणी की है. आशंका है कि इसके कारण पहाड़ों पर कम बर्फ गिरेगी. इस बर्फ के पिघलने से पानी की जो खुराक मिलती है, वो नदियों के लिए बेहद अहम है.