धूमकेतू की इस टक्कर से मंगल ग्रह पूरी तरह हिल गया
२८ अक्टूबर २०२२पिछले साल 24 दिसंबर को मंगल ग्रह से एक बड़ा धूमकेतू टकराया था. यह टक्कर इतनी जोरदार थी कि इससे रिक्टर पैमाने पर 4 की तीव्रता वाले झटके पैदा हुए. नासा के इनसाइट अंतरिक्ष यान ने इन झटकों की जानकारी दी थी. मंगल ग्रह पर इनसाइट चार साल पहले इन गड्ढों से करीब 3500 किलोमीटर दूर उतरा था.
मंगल ग्रह का चक्कर लगाने वाले मार्स रिकनाइसेंस ऑर्बिटर, एमआरओ ने धूमकेतू की टक्कर के कारण मंगल की धरती पर बने गड्ढे की तस्वीर ली है. टक्कर के कारण बने गड्ढे उन झटकों का कारण थे इस बात की पुष्टि हो गई है. ऑर्बिटर झटकों के 24 घंटे के अंदर ही उस जगह से गुजरा था.
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मंगल ग्रह की सतह पर विशाल गड्ढा
तस्वीर शानदार है. इसमें मंगल की सतह पर 150 मीटर चौड़े और 21 मीटर गहरे गड्ढे को देखा जा सकता है जिसके चारों तरफ बर्फ के टुकड़े फैले हुए हैं. एमआरओ ने 16 साल पहले मंगल की परिक्रमा शुरू की थी. अब तक इसने जितने गड्ढों की तस्वीर ली है उनमें यह सबसे बड़ा है. इनसाइट और एमआरओ मिशन पर काम करने वाले इंग्रिड डाउबर का कहना है कि मंगल ग्रह पर धूमकेतू की टक्कर कोई दुर्लभ घटना नहीं है लेकिन, "इतना बड़ा ऐसा कुछ देखने के बारे में हमने नहीं सोचा था."
रिसर्चरों का अनुमान है कि धूमकेतू खुद भी 16-39 फीट के आकार का रहा होगा. इस आकार का कोई पिंड अगर पृथ्वी की तरफ आये तो वह धरती पर पहुंचने से पहले वायुमंडल में ही बिखर जायेगा. प्लेनेटोलॉजी के प्रोफेसर फिलिपे लोग्नोने का कहना है, "विज्ञान के सिस्मोग्राफ या सीस्मोमीटर का इस्तेमाल करना शुरू करने के बाद जमीन पर अब तक के सबसे बड़े धूमकेतू की टक्कर का यही नमूना है." नासा ने टक्कर की ध्वनि भी रिकॉर्ड करके जारी की थी. इसे सीस्मोमीटर में दर्ज हुई कंपनों के जरिये हासिल किया गया था.
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मंगल के गर्म इलाके में बर्फ मिली
वैज्ञानिकों का कहना है कि धूमकेतू के टक्कर से मिली अहम जानकारियों से मंगल ग्रह के भीतरी हिस्से और इसके बनने की इतिहास जानने में बड़ी मदद मिलेगी. डाउबर का कहना है कि बर्फ की मौजूदगी खासतौर से बहुत "चौंकाऊ" वाली है क्योंकि "यह जगह मंगल ग्रह पर भूमध्य रेखा के पास सबसे गर्म इलाके में है जहां पानी बर्फ के रूप में नजर आया है."
इसके साथ ही यह खोज मंगल ग्रह के वातावरण के बारे में भी अहम जानकारी मुहैया करायेगी. मंगल ग्रह के ना सिर्फ ध्रुवों पर बल्कि दूसरी जगहों पर पानी का मिलना भविष्य में मंगल ग्रह की यात्रा करने वाले इंसानों के लिए बहुत उपयोगी साबित हो सकती है. नासा के प्लेनेटरी साइंस डिविजन के लोरी ग्लेज का कहना है, "हम अंतरिक्ष यात्रियों को भूमध्यरेखा के जितने करीब संभव है उतारने की कोशिश करेंगे." लोरी का कहना है कि गर्म वातावरण का फायदा उठा कर, "उस बर्फ को पानी, ऑक्सीजन या हाइड्रोजन में बदला जा सकता है."
धूमकेतू की टक्कर इतनी जोरदार थी कि इसकी वजह से मंगल के क्रोड और भूपर्पपटी के समांतर महसूस किया गया. इससे वैज्ञानिकों के लिए ग्रह की आंतरिक संरचना का अध्ययन करना संभव हुआ है. इससे पता चला है कि जिस जगह इनसाइट है वह क्रेटर वाली जगह की तुलना में कम सघन है.
इनसाइट ने अब तक पर 1300 से ज्यादा मार्सक्वेक (मंगल ग्रह पर महसूस किये जाने वाले भूकंप के झटके) दर्ज किये हैं.इनसाइट का मिशन अगले कुछ महीनों में खत्म हो सकता है क्योंकि इसके सोलर पावर पैनलों पर काफी ज्यादा धूल जमा हो गई है.
एनआर/एए (एएफपी, रॉयटर्स)