कोरोना: कपड़े का मास्क लगाएं या एन95 लगाना ही जरूरी
१९ जनवरी २०२२कोरोना महामारी का दूसरा साल चल रहा है और फिलहाल कहर मचाए ओमिक्रॉन वेरिएंट से लोगों के गंभीर रूप से बीमार की होने की खबरें नहीं आ रही हैं. कई देशों में तमाम लोगों को कोविड वैक्सीन लग चुकी है. बहुत से लोगों को तो दो वैक्सीन के बाद बूस्टर भी दिया जा चुका है. ऐसे में जायज सवाल है कि एन95 मास्क पहनना ज्यादा सही है या फिर कपड़े का मास्क पहनना बेहतर है? हो सकता है कि यह सवाल आपके मन में भी उमड़ रहा हो. सही जवाब तो विशेषज्ञ और डॉक्टर ही दे सकते हैं. तो आइए, जानते हैं.
स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार कोविड का ओमिक्रॉन वेरिएंट बहुत तेजी से फैलता है. इसके खिलाफ मजबूत सुरक्षा जरूरी है. ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचने के लिए आज आपको एन95 या केएन95 जैसे ज्यादा सुरक्षा देने वाले मास्क की ही जरूरत है. आज की तारीख में कई देशों में स्वास्थ्य तंत्र लचर हालत में हैं. लोगों की एक बड़ी आबादी संक्रमण की शिकार हो चुकी है या संक्रमित होने की जद में है. घरों में भी किसी एक व्यक्ति के संक्रमित होने पर बाकी पूरे परिवार के संक्रमित होने के मामले ज्यादा आ रहे हैं. वर्जीनिया टेक में वायरस पर अध्ययन करने वाली लिन्सी मार कहती हैं कि ऐसे में ज्यादा सुरक्षा वाले मास्क और जरूरी हो जाते हैं.
सीडीसी का क्या कहना है?
अमेरिका के सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल और प्रिवेंशन (सीडीसी ) ने हाल ही में अपने दिशा-निर्देशों में बदलाव किया है और बताया है कि स्वास्थ्यकर्मियों को कौन से मास्क पहनने चाहिए. इन्हीं दिशा-निर्देशों में आम लोगों के लिए भी सलाह दी गई है कि लोग अपने चेहरे पर अच्छी तरह फिट होने वाला मास्क ही लगाएं और इसे ज्यादा से ज्यादा वक्त तक लगाए रखें.
इससे पहले जब आपूर्ति में दिक्कतें आ रही थीं, तब इस संकट को देखते हुए सीडीसी ने कहा था कि एन95 सिर्फ स्वास्थ्यकर्मियों को ही लगाने चाहिए. वैसे एक और श्रेणी भी है, सर्जिकल एन95 मास्क, जो अमूमन आम जनता को बेचे जाने के लिए उपलब्ध नहीं होते हैं.
एन95 में क्या बेहतर है?
कपड़ों से बने मास्क के मुकाबले एन95 मास्क आपके चेहरे पर अच्छी तरह और कसा हुआ फिट होता है. इसे बनाया ही ऐसी सामग्री से जाता है कि यह 95 फीसदी से ज्यादा हानिकारक कणों को आपकी नाक और मुंह में जाने से बचा लेता है. कपड़े के मुकाबले एन95 में फाइबर एक-दूसरे के बहुत करीब गुंथे होते हैं. इसमें इलेक्ट्रोस्टैटिक चार्ज होता है, जो कणों को मास्क से गुजरकर आपके नाक-मुंह में जाने देने के बजाय उन्हें खुद से चिपका लेता है.
केएन95 और केएफ94 मास्क से भी आपको लगभग इसी तरह की सुरक्षा मिलती है. सीडीसी की वेबसाइट पर आप उन मास्क की लिस्ट भी देख सकते हैं, जो सुरक्षा और गुणवत्ता के अंतरराष्ट्रीय मानकों को पूरा करते हैं. वैसे इन मास्क को खरीदते समय भी आपको सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि बाजार में नकली मास्क भी खूब बेचे जा रहे हैं.
नकली मास्क से भी सावधान
सीडीसी की ही मानें, तो अमेरिका में केएन95 के नाम से बिक रहे 60 फीसदी से ज्यादा मास्क नकली हैं, जो गुणवत्ता और सुरक्षा के अंतरराष्ट्रीय पैमानों पर खरे नहीं उतरते हैं. आपको भी अपने देश में मास्क खरीदते समय इस बात को लेकर सावधान रहने की जरूरत है. वैसे किसी के मास्क को सिर्फ देखकर यह अंदाजा लगाना मुश्किल है कि यह असली या नकली. ऐसे में विशेषज्ञ सुझाते हैं कि मास्क सीधे नामी विक्रेताओं से ही खरीदे जाएं.
हां, अगर आपको कोई एन95 मास्क लगातार देर तक लगाने में दिक्कत होती है, तो विशेषज्ञ आपको अलग-अलग बनावट और आकार वाले मास्क आजमाने की सलाह देते हैं, ताकि आप खुद ही अंदाजा लगा सकें कि कौन सा मास्क आपके लिए सबसे आरामदेह है.
वीएस/एमजे (एपी, रॉयटर्स)