अमेरिकी नौसेना में परमाणु जहाज की पहली महिला कमांडर
५ जनवरी २०२२परमाणु हथियारों से लैस अमेरिकी नौसेना का लड़ाकू जहाज यूएसएस अब्राहम लिंकन इसी सप्ताह कैप्टन एमी बाउवर्नश्मिट की कप्तानी में सान डिएगो से निकला. इसी के साथ बाउवर्नश्मिट अमेरिकी नौसेना के इतिहास में एक परमाणु जहाज का नेतृत्व करने वाली पहली महिला बन गईं.
वो 2016 से 2019 तक इसी जहाज की एग्जेक्टिव ऑफिसर भी थीं. अगस्त 2021 में उन्होंने कैप्टन वॉल्ट स्लॉटर से जहाज की कप्तानी अपने हाथ में ली. जहाज को नेवल एयर स्टेशन नॉर्थ आइलैंड से अब्राहम लिंकन कैरियर स्ट्राइक ग्रुप के तहत तैनात किया गया.
तजुर्बेकार कमांडर
नौसेना की एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक बाउवर्नश्मिट ने इस अवसर पर कहा, "इससे ज्यादा बड़ी जिम्मेदारी का कोई और एहसास नहीं हो सकता कि आपको उन लोगों का ख्याल रखने का काम दिया जाए जिन्होंने हमारे देश की सुरक्षा करने के काम को चुना है."
अपने पूर्वाधिकारी का धन्यवाद करते हुए उन्होंने कहा, "बेड़े में सबसे अच्छे जहाज को मुझे सौंपने के लिए आपका धन्यवाद, कैप्टन स्लॉटर." इसके पहले बाउवर्नश्मिट हेलिकॉप्टर मैरीटाइम स्ट्राइक स्क्वाड्रन 70 की कमांडिंग ऑफिसर थीं.
उन्होंने अपने करियर में 3,000 से ज्यादा उड़ान घंटे दर्ज किए हैं. उनका जहाज के स्ट्राइक ग्रुप को जिस एयर विंग के साथ तैनात किया गया है उसे नौसेना "सबसे विक्सित एयर विंग" बता रही है और वो इंडो-पैसिफिक इलाके की तरफ जा रहा है.
एक आधिकारिक सैन्य इतिहास की वेबसाइट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना में महिलाएं पहली बार बीसवीं शताब्दी की शुरुआत में नर्सों की भूमिका में आईं थीं. उसके बाद महिलाओं की बड़ी संख्या में भर्ती पहली द्वितीय विश्व युद्ध के समय की गई.
सेनाओं में महिलाएं
1974 में पहली बार नौसेना ने एक महिला को एविएटर का पद दिया. 1994 में नौसेना में पहली बार महिलाओं को एक लड़ाकू जहाज यूएसएस ड्वाइट डी आइजनहॉवर पर तैनात किया गया था.
बाउवर्नश्मिट उसी साल नेवल अकादमी से उत्तीर्ण हुई थीं. 1996 में उन्हें नेवल एविएटर का पद दिया गया. एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी नौसेना में 17 प्रतिशत (52,000 से ज्यादा) कर्मी महिलाएं हैं. वहीं ब्रिटेन की शाही नौसेना में महिलाओं को पहली बार नर्सों की भूमिका में 1696 में लाया गया था.
भारतीय सेना के तीनों अंगों में से महिलाओं की सबसे ज्यादा संख्या नौसेना में ही है. थल सेना में महिलाओं की हिस्सेदारी 0.56 प्रतिशत, वायु सेना में 1.08 प्रतिशत है, जबकि नौसेना में यह आंकड़ा 6.5 प्रतिशत है.
सीके/एए (एपी)