इच्छामृत्यु को वैध बनाने वाला दुनिया का पहला देश
ठीक 20 साल पहले एक अप्रैल 2002 को नीदरलैंड्स ने इच्छामृत्यु को कानूनी वैधता दी. ऐसा करने वाला नीदरलैंड्स दुनिया का पहला देश था. आज भी कई देश ऐसे हैं जहां इच्छामृत्यु गैरकानूनी माना जाता है.
नीदरलैंड्स
दुनिया के जिन मुठ्ठी भर देशों में इच्छामृत्यु को कानूनी मान्यता मिली है उनमें नीदरलैंड्स का नाम प्रमुखता से आता है. कानूनी मान्यता देने वाला विश्व के सभी देशों में नीदरलैंड्स पहला था. यहां सन 2002 से ही इसे वैधता मिली.
बेल्जियम
नीदरलैंड्स के अलावा बेल्जियम दूसरा ऐसा देश है जहां गंभीर मानसिक बीमारियों से ग्रस्त लोगों को भी बहुत कड़ी शर्तों के साथ अपनी जान देने की कानूनी अनुमति है. हालांकि शर्तों का ठीक से पालन ना करने पर मरने में मदद करने वाले को एक से तीन साल की जेल हो सकती है.
ऑस्ट्रेलिया
विक्टोरिया यहां का पहला राज्य है जहां जून 2019 में इच्छामृत्यु का कानून लागू हुआ है. यह सिर्फ उन लोगों पर लागू है जो जानलेवा बीमारी से पीड़ित हैं और उनका दिमाग ठीक काम कर रहा हो. साथ ही जिनके जीवन के अब सिर्फ छह महीने बाकी हों. उम्मीद है कि इसके बाद क्वीन्सलैंड और वेस्टर्न ऑस्ट्रेलिया राज्यों में भी ऐसे कानून पास किए जा सकते हैं.
कोलंबिया
2015 में यूथेनेसिया को मान्यता देने वाला कोलंबिया विश्व का चौथा देश बना. हालांकि कोलंबिया की संवैधानिक अदालत ने 1997 में ही इसके पक्ष में फैसला सुनाया था लेकिन डॉक्टर ऐसा करना नहीं चाहते थे. कारण था देश का एक और कानून जिसमें दया-मृत्यु के लिए छह महीने से तीन साल की जेल की सजा का प्रावधान था.
स्विट्जरलैंड
अब तक कई देश इसे कानूनी मान्यता दे चुके हैं लेकिन स्विट्जरलैंड इकलौता देश है जहां जाकर कोई विदेशी भी कानूनी रूप से यूथेनेसिया कर सकता है. अगर मरीज चाहता हो तो मेडिकल मदद देकर किसी के प्राण लेना यहां अपराध नहीं है. तस्वीर में हैं यूथेनेसिया के मशहूर समर्थक वैज्ञानिक डेविड गुडबॉल.
लक्जमबर्ग
सन 2008 में यूथेनेसिया और मेडिकल मदद से जान देने को यहां भी वैधता मिली. गंभीर रूप से बीमार मरीजों के लिए यह एक कानूनी विकल्प बन गया. इसके लिए मरीज को बार बार मांग करनी होती है और कम से कम दो डॉक्टर और एक मेडिकल पैनल से इसके पक्ष में दी गई सलाह लिखित रूप से जमा करानी होती है.
जर्मनी
सन 2017 में जर्मनी में एक यादगार कदम उठाते हुए कोर्ट ने गंभीर रूप से बीमार मरीजों को दवा लेकर इच्छामृत्यु की इजाजत दे दी. मार्च 2017 से एक साल के भीतर इस तरह की मौत चाहने वालों के करीब 108 मरीजों ने आवेदन जमा किया. जिनमें से कइयों ने यूथेनेसिया ड्रग लेकर जान दे भी दी है.
अमेरिका
कुछ अमेरिकी राज्यों जैसे ऑरेगन प्रांत में 1997 से इच्छामृत्यु वैध है. बाद में कैलिफोर्निया में भी इसे मान्यता मिल गई. खुदकुशी के इच्छुक व्यक्ति को डॉक्टर दवा देते हैं, जिसे कॉकटेल कहा जाता है. इसे लेते ही मरीज सो जाता है और आधे घंटे के भीतर उसकी मौत हो जाती है.
कनाडा
कनाडा के क्यूबेक प्रांत ने जून 2014 में एक ऐसा कानून अपनाया जो गंभीर रूप से बीमार मरीजों को डॉक्टर की मदद से अपने प्राण त्यागने का अधिकार देता है. यह देश का पहला ऐसा प्रांत बना, जहां प्रभावी ढंग से आत्महत्या में मदद को वैध बनाया गया.
भारत
भारत के सर्वोच्च न्यायलय ने 2018 में "पैसिव यूथेनेसिया" के पक्ष में फैसला सुनाया. इसमें धीरे धीरे मरीज को लाइफ सपोर्ट से हटाया जाता है. कोर्ट ने कहा कि कुछ शर्तों के साथ हर व्यक्ति को गरिमामय मौत पाने का अधिकार है लेकिन इसके लिए व्यक्ति को स्वस्थ शारीरिक और मानसिक स्थिति में यह वसीयत करनी होगी.