क्या सऊदी के साथ बिगड़ते रिश्तों को सुधार पाएंगे बाजवा
१३ अगस्त २०२०पाकिस्तानी अधिकारियों ने जानकारी दी है कि देश के सेना प्रमुख इस सप्ताहांत सऊदी अरब के दौरे पर जाएंगे. यह दौरा कश्मीर पर कूटनीतिक तनाव को शांत करने के लिए माना जा रहा है, क्योंकि इस्लामाबाद के लिए वित्तीय सहायता अधर में लटकी हुई है.
दोनों देश पारंपरिक तौर पर करीबी माने जाते हैं और 2018 में सऊदी ने पाकिस्तान को 3 अरब डॉलर का कर्ज दिया था और 3.2 अरब डॉलर ऑयल क्रेडिट का ऐलान किया था. लेकिन रियाद पाकिस्तान द्वारा कश्मीर मुद्दे पर उसकी आलोचना से चिढ़ गया. पाकिस्तान ने कहा था कि कश्मीर मुद्दे पर सऊदी उदासीन रवैया अपनाए हुए है. समाचार एजेंसी रॉयटर्स को पाकिस्तान सेना के दो वरिष्ठ अधिकारियों ने बताया कि उन्होंने सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा को सऊदी जाने के लिए प्रेरित किया है.
पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता मेजर जनरल बाबर इफ्तिखार ने रॉयटर्स से कहा, "हां वे यात्रा कर रहे हैं." हालांकि आधिकारिक लाइन यह थी कि यह यात्रा पूर्व नियोजित है और "मुख्य रूप से सैन्य मामलों को लेकर है."
कश्मीर को लेकर भारत और पाकिस्तान तीन युद्ध लड़ चुके हैं. पाकिस्तान भारत वाले कश्मीर पर दावा ठोकता आया है और भारत जम्मू-कश्मीर को अपना अभिन्न अंग बताता है. पाकिस्तान लंबे समय से सऊदी के नेतृ्त्व वाले ओआईसी (ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक कोऑपरेशन) की उच्च स्तरीय बैठक कश्मीर मुद्दे पर बुलाने की मांग कर रहा था, पाकिस्तान का कहना है कि भारत अपने नियंत्रण वाले कश्मीर में कथित उल्लंघन कर रहा है. लेकिन ओआईसी ने अभी तक निम्न-स्तरीय बैठकें ही की हैं.
दरअसल पिछले हफ्ते पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने ओआईसी की बैठक को लेकर स्थानीय मीडिया से कहा था, "अगर आप आयोजित नहीं करते हैं, तो मैं प्रधानमंत्री इमरान खान को उन इस्लामी देशों की बैठक बुलाने के लिए कहने को मजबूर हो जाऊंगा जो हमारे साथ कश्मीर मुद्दे और उत्पीड़ित कश्मीरियों का समर्थन करते हैं."
पैसों का सवाल है!
पिछले साल इस्लामाबाद मुस्लिम देशों के मंच से रियाद के दबाव में अंतिम समय में शामिल होने से पीछे हट गया था. ऐसा माना जा रहा था एक यह मंच ओआईसी के नेतृत्व को चुनौती देने के प्रयास के रूप में बना है. पाकिस्तान सेना के एक अधिकारी और सरकार के सलाहकार का कहना है कि कुरैशी के बयान ने रियाद के गुस्से को दोबारा भड़का दिया है.
दोनों देशों के बीच तल्खी का आलम यह है कि दो हफ्ते पहले एक अरब डॉलर कर्ज चुकाने के लिए पाकिस्तान को चीन से कर्ज लेना पड़ा. ऑयल क्रेडिट बढ़ाने की पाकिस्तान की गुजारिश पर रियाद ने अब तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के अधिकारी के मुताबिक, "ऑयल क्रेडिट का पहला साल 9 जुलाई 2020 को पूरा हो गया, इस व्यवस्था में विस्तार के लिए हमारा अनुरोध सऊदी पक्ष के पास विचाराधीन है." वित्त मंत्रालय के अधिकारियों और एक सैन्य अधिकारी ने बताया कि सऊदी अरब पाकिस्तान से एक अरब डॉलर और वापस मांग रहा है. सऊदी सरकार की तरफ से इस पर कोई टिप्पणी नहीं आई है.
पाकिस्तान के एक करोड़ श्रमिक सऊदी अरब में काम करते हैं.
एए/सीके (रॉयटर्स)
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