पाकिस्तान: पानी की कमी से आम की पैदावार कम
११ जुलाई २०२२हर साल पाकिस्तान में गर्मी के मौसम में दो दर्जन से अधिक आम की किस्मों का लोग बेसब्री से इंतजार करते हैं. हालांकि, इस साल मार्च में सामान्य से महीनों पहले तापमान तेजी से बढ़ा. इसके बाद हीटवेव ने आम की फसलों को नुकसान पहुंचाया और नहरों में पानी का स्तर कम हो गया. किसानों को पानी इन्हीं नहरों से मिलता है.
खेत पर आम को इकट्ठा कर रहे किसान फजल-ए-इलाही कहते हैं, "आमतौर पर मैं हर साल 24 ट्रक आम उठाता हूं, इस साल मुझे सिर्फ 12 ट्रक ही आम मिले हैं. इलाही कहते हैं, "हम अभिशप्त हैं."
पाकिस्तान दुनिया के शीर्ष आम निर्यातकों में से एक है. पाकिस्तान के पंजाब और सिंध के दक्षिणी हिस्सों में सालाना लगभग बीस लाख टन आम उगाया जाता है. सिंध राज्य सरकार के कृषि विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी गोहराम बलूच के मुताबिक कुल फसल को अभी मापा जाना बाकी है, लेकिन अधिकांश क्षेत्रों में पैदावार पहले से ही कम से कम 20 से 40 प्रतिशत कम हुई है.
स्थानीय स्तर पर आम के शहर के रूप में मशहूर मीरपुर खास में आम के बड़े बागों के मालिक उमर भुजियो कहते हैं कि उनकी फसलों को इस साल सामान्य मात्रा में आधे से भी कम पानी मिला है. उमर कहते हैं, "आम उत्पादकों को इस साल दो समस्याओं का सामना करना पड़ा- एक तापमान में समय से पहले वृद्धि और दूसरी पानी की कमी."
शांति और संघर्ष दोनों की वजह हो सकती हैं दो देशों से गुजरने वाली नदियां
पाकिस्तान दुनिया के सबसे अधिक जल संकट वाले देशों में से एक है. समय के साथ यह समस्या खराब बुनियादी ढांचे और संसाधनों के कुप्रबंधन से और बदतर हो गई.
सतत विकास नीति संस्थान (एसडीपीआई) के खाद्य सुरक्षा विशेषज्ञ आबिद सुलेरी कहते हैं, "तापमान में शुरुआती वृद्धि ने फसलों द्वारा पानी का सेवन बढ़ा दिया. यह पानी की खपत के लिए विभिन्न फसलों के बीच एक प्रतियोगिता बन गई."
आम तौर पर मई की शुरुआत में आम के बेल्ट में तापमान में वृद्धि की उम्मीद होती है, जो जून और जुलाई में शुरू होने से पहले फल को पकने में मदद करता है. लेकिन मार्च में अचानक तापमान में वृद्धि ने पैदावार को भारी नुकसान पहुंचाया और इस कारण किसानों की आय में गिरावट हुई.
एए/सीके (एएफपी)