जो प्लेबॉय बनते हैं, उन्हें मानसिक रोग ज्यादा होते हैं: शोध
२३ नवम्बर २०१६हाल ही में जारी एक अध्ययन से पता चला है कि महिलाओं के प्रति भेदभावपूर्ण रवैय रखने वाले लोग मानसिक समस्याओं से ज्यादा घिरते हैं.
अमेरिकन साइकोलॉजिकल असोसिएशन की पत्रिका जर्नल ऑफ काउंसलिंग साइकॉलजी में यह अध्ययन रिपोर्ट छपी है. इसमें भेदभावपूर्ण रवैये और मानसिक बीमारियों के बीच संबंध स्थापित किया गया है. स्टडी कहती है कि डिप्रेशन से लेकर नशीली दवाओं की लत जैसी मानसिक बीमारियों का खतरा उन लोगों में ज्यादा होता है जो महिलाओं को समान नहीं समझते.
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अमेरिका में इंडियाना यूनिवर्सिटी ब्लूमिंगटन के शोधकर्ताओं ने यह अध्ययन किया है. मुख्य शोधकर्ता जोएल वोंग कहते हैं, "कुछ मर्दवादी भेदभावपूर्ण बातें जैसे खुद को प्लेबॉय समझना और महिलाओं पर हावी होने की कोशिश करना सामाजिक अन्याय तो हैं ही, साथ ही ये आपकी मानसिक सेहत के लिए भी ठीक नहीं हैं."
यह रिपोर्ट ऐसे समय में आई है जबकि इतिहास का सबसे विवादित अमेरिकी चुनाव खत्म हुआ है. यह चुनाव रिपब्लिकन उम्मीदवार डॉनल्ड ट्रंप ने जीता है, जो कई मौकों पर महिला विरोधी और भेदभावपूर्ण बातें कह चुके हैं. उनकी ऐसी टिप्पणियों की लगातार आलोचना होती रही है.
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यह सिर्च अमेरिका में पिछले 11 सालों में हुए 70 अध्ययनों के आधार पर हुई है जिनमें 19 हजार पुरुषों के व्यवहार का अध्ययन किया गया. इसके लिए 11 ऐसे व्यवहागरत लक्षणों का अध्ययन किया गया जिन्हें विशेषज्ञ समाज में मर्दवाद की प्रतिछवियां मानते हैं. इनमें जीतने की ललक से लेकर खतरे उठाने की प्रवृत्ति तक शामिल हैं. जिन लक्षणों को मानसिक रोगों के सबसे नजदीक पाया गया उनमें यौन संबंधों में उच्छृंखलता, प्लेबॉय जैसा व्यवहार, महिलाओं पर खुद को हावी करने की कोशिश और बस अपने ही ऊपर भरोसा करने की प्रवृत्ति शामिल है.
वोंग कहते हैं, "अपने ही ऊपर भरोसा करने की प्रवृत्ति का सबसे अच्छा उदाहरण ऐसे पुरुष होते हैं जिन्हें भटक जाने पर दूसरों से रास्ता पूछने में दिक्कत होती है." अध्ययन कहता है कि ऐसे पुरुष मानसिक समस्या होने पर मदद लेने में भी झिझकते हैं.
वीके/एके (रॉयटर्स)