ढाका के बाद नाईक पर नकेल कसने की कोशिश
८ जुलाई २०१६डॉक्टर के पेशे को त्याग कर इस्लामिक प्रचारक बने जाकिर नाईक के अनुयायियों की संख्या करोड़ों में है. अपनी तकरीरों से युवाओं को प्रभावित करने का दंभ भरने वाले जाकिर अब इन्हीं तकरीरों के चलते मुसीबत में हैं क्योंकि ढाका हमले में मारे गए छह में से दो आतंकी जाकिर नाईक की तकरीरों से प्रभावित थे.
तकरीरों और अतीत की जांच
जाकिर नाईक मामले को भारत सरकार ने पूरी गंभीरता से लिया है. मुंबई के रहने वाले जाकिर नाईक के तकरीरों और बयानों की जांच की जा रही है. ढाका हमले में मारे गए छह में से दो आतंकी निबरस इस्लाम और रोहन इम्तियाज जाकिर से प्रभावित थे. इस खुलासे ने भारतीय जांच एजेंसियों को जाकिर के अतीत को खंगालने पर मजबूर कर दिया है. पिछले दिनों हैदराबाद से NIA की छापेमारी में पकड़े गए IS के संदिग्धों ने पूछताछ में जाकिर की तकरीरों को सुनने की बात कही थी.
केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा है कि जाकिर नाईक की तकरीरों को हमने संज्ञान में लिया है और मामले की जांच के लिए जरूरी निर्देश भी दे दिए हैं. उनका कहना है कि सरकार आतंकवाद पर किसी भी कीमत पर समझौता नहीं करेगी.
महाराष्ट्र सरकार ने भी नाईक के तकरीरों की जांच का आदेश दे दिया है. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस ने मुंबई पुलिस आयुक्त को आदेश दिया है कि वह ज़ाकिर नाईक पर लग रहे आरोपों की जांच कर रिपोर्ट दे. इस मामले में देवेंद्र फडणवीस का कहना है, "नाईक की तकरीरों, उनके सोशल मीडिया अकाउंट और मुंबई में उनकी संस्था को मिलने वाले धन के स्रोतों की भी जांच की जाएगी."
जाकिर की गिरफ्तारी की मांग
शिवसेना ने जाकिर नाईक की आलोचना करते हुए भारत वापस आते ही उन्हें गिरफ्तार करने की मांग की है. शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने केंद्र को पत्र लिख कर मांग की है कि डॉक्टर जाकिर नाईक को भारत में वापस आने पर प्रतिबंध लगा दिया जाये. अगर फिर भी वह आते हैं तो उन्हें गिरफ्तार कर लिया जाये. भाजपा ने डॉ. जाकिर नाईक को राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए खतरा बताते हुए उन पर सख्त कार्रवाई की मांग की है. हाल ही में सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का प्रभार संभालने वाले मंत्री एम वैंकया नायडू ने डॉ. नाईक की तकरीरों को बेहद आपत्तिजनक बताया है.
जाकिर के विरोध में गुरुवार को रजा एकेडमी के हजारों लोगों ने ईद पर हरी पट्टी बांधकर नमाज पढ़ी और जाकिर पर प्रतिबन्ध लगाने की मांग की. डॉ. जाकिर नाईक के संगठन इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए रजा एकेडमी ने केंद्र और राज्य सरकार से मांग की है कि नाईक के आतंकी कनेक्शन की भी जांच होनी चाहिए. साथ ही नाईक के पास इतने पैसे कहां से आते हैं, इसकी भी जांच होनी चाहिए.
रमजान में हुए इन देशों में हमले
'शांतिदूत' या ‘नफरत के मसीहा'
इस्लामिक प्रचारक जाकिर नाइक एक के कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह भाजपा के निशाने पर हैं. 2012 का एक वीडियो सामने आया है जिसमें दिग्विजय सिंह ने जाकिर को 'शांतिदूत' बताया और कहा कि वह दुनिया में शांति का सन्देश फैला रहे हैं. जाकिर को नफरत फ़ैलाने वाला बताते हुए भाजपा ने जाकिर को शांतिदूत कहे जाने पर दिग्विजय सिंह और कांग्रेस पार्टी को कठघरे में खड़ा किया है. वीडियो वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह ने अपनी सफाई में कहा है कि जिस कार्यक्रम में, मैं नाइक के साथ शामिल हुआ था, वह धार्मिक सद्भावना को लेकर हुआ था. उनका कहना है, "मैंने और जाकिर ने सांप्रदायिक हिंसा के खिलाफ बोला था. इसमें कोई आपत्तिजनक बातें नहीं कही गईं." दिग्विजय सिंह ने कहा कि अगर भारत सरकार और बांग्लादेश के पास जाकिर के खिलाफ सबूत हैं तो सख्त ऐक्शन लें.
जाकिर मामले में अभिनेता आमिर खान ने कहा है कि जाकिर धर्म का गलत प्रचार करते हैं. आमिर का कहना है, "कोई धर्म आतंकवाद नहीं सिखाता, प्यार की सीख देता है. आतंकवाद फैलाने वालों का धर्म से कोई नाता नहीं होता."
जाकिर की सफाई
डॉ. नाईक फिलहाल सऊदी अरब में हैं और भारत लौटकर 12 जुलाई को मीडिया में अपना पक्ष रखेंगे. ढाका हमले या किसी अन्य आतंकी घटना से कोई संबंध नहीं होने की बात उन्होंने कही है. डॉ. जाकिर का तर्क यह है कि उनसे प्रभावित व्यक्ति अगर किसी अपराध में लिप्त पाया जाता है, तो इसकी ज़िम्मेदारी उन पर कैसे डाली जा सकती है. स्वयं को हर तरह की जांच के लिए तैयार बताते हुए डॉ. नाईक ने कहा है कि किसी को आतंकी बनने के लिए उन्होंने कभी नहीं कहा.
रिपोर्ट: विश्वरत्न