भारतः खाली मस्जिद को बनाया क्वारंटीन सेंटर
२७ अप्रैल २०२०महाराष्ट्र में कोरोना वायरस के कारण सबसे अधिक मौतें दर्ज की गई हैं और वहां कोविड-19 के मरीजों की संख्या भी अन्य राज्यों के मुकाबले सबसे ज्यादा है. महाराष्ट्र में अब तक 8,068 कोरोना पॉजिटिव केस सामने आ चुके हैं और अकेले इस राज्य में 342 लोगों की मौत महामारी के कारण हो चुकी है. महाराष्ट्र की हालत सबसे गंभीर बनी हुई है. मुंबई, पुणे, यवतमाल जैसे शहर सबसे ज्यादा प्रभावित हैं. लॉकडाउन के बावजूद महाराष्ट्र में मामले सामने आ रहे हैं और यहां मौतें भी हो रही हैं. देश में कोविड-19 के संदिग्धों को रखने के लिए क्वारंटीन केंद्र बनाए गए हैं. हालांकि यह ज्यादातर स्कूलों, कॉलेजों या सरकारी इमारतों में बनाए जाते हैं. लेकिन महाराष्ट्र के पुणे शहर में एक मस्जिद के खाली हॉल को क्वारंटीन सेंटर के तौर पर तैयार किया गया है.
80 बिस्तर वाले इस सेंटर को ऐसे लोगों के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है जिन्हें कोरोना संक्रमण का खतरा है. पुणे के एक शैक्षणिक संस्थान के अंदर स्थित एक मस्जिद को कोविड-19 के संदिग्धों के लिए क्वारंटीन केंद्र के तौर पर तैयार किया गया है. आजम कॉलेज ऑफ एजुकेशन ने कोरोना के संदिग्धों के लिए मस्जिद के हॉल के इस्तेमाल की पेशकश की है. मस्जिद की पहली मंजिल पर बना हॉल 9,000 स्क्वायर फीट का है और यहां 80 लोगों के ठहरने के इंतजाम किए गए हैं. मस्जिद में रहने वाले संदिग्धों के लिए बिस्तर, शौचालय, पंखे और अन्य जरूरी चीजों की व्यवस्था की गई है.
कोरोना के संदिग्धों को दूसरों से अलग-थलग रखने के लिए क्वारंटीन केंद्रों का इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा इसलिए ताकि अन्य लोग इनके संपर्क में आने से बचें और वायरस का फैलाव ना हो. आजम ट्रस्ट के चेयरमैन मुनव्वर पीर भाई इस पहल पर डीडब्ल्यू से कहते हैं, "मौजूदा हालात में सरकार को क्वारंटीन और आइसोलेशन के लिए केंद्रों की जरूरत है. स्थानीय प्रशासन से मिलकर यह काम किया गया है. सरकार जो मरीज भेजेगी उन्हें यहां रखा जाएगा." ट्रस्ट ने यूनानी मेडिकल और डेंटल कॉलेज का एक हिस्सा क्वारंटीन केंद्र बनाने के लिए दिया है.
मुनव्वर पीर भाई के मुताबिक इस केंद्र में महिलाओं को भी रखा जा रहा है. उनके मुताबिक, "यूनानी मेडिकल और डेंटल कॉलेज के वार्ड में 150 संदिग्धों के रहने का इंतजाम किया गया है लेकिन सामाजिक दूरी के नियमों के मुताबिक वहां 50 मरीज ही रह पाएंगे." वहीं उनके मुताबिक मस्जिद में भी नियमों के हिसाब से 50 लोग आराम से रह पाएंगे. ट्रस्ट का कहना है कि वह संदिग्धों को खाना भी मुहैया करा सकता है. ट्रस्ट के अधिकारियों ने बताया कि जो लोग यहां रहेंगे उन्हें पढ़ने के लिए किताबें भी मिलेंगी क्योंकि यह एक शिक्षण परिसर है और संदिग्ध आसानी के साथ अपना समय निकाल पाएंगे.
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