पुतिन ने रूसी हमले का ठीकरा पश्चिमी देशों के सिर पर फोड़ा
२१ फ़रवरी २०२३राजधानी मॉस्को में रूसी सांसदों और सेना के बड़े अधिकारियों की सभा को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा कि "यूक्रेन के लोगों को कीव प्रशासन और उसके पश्चिमी मालिकों का बंधक" बनाया हुआ है और एक तरह से इस देश पर राजनीतिक, सैन्य और आर्थिक कब्जा कर लिया है. यूक्रेन पर आक्रमण करने के कारण पश्चिमी देशों के साथ रूस के संबंध इतने खराब हो गए हैं जितने शीत युद्ध के सबसे बुरे काल के बाद कभी नहीं हुए थे.
पुतिन ने घरेलू विरोधियों पर निशाना साधते हुए कहा कि उनके अधिकारी पुतिन से असहमति रखने वालों का शिकार तो नहीं करेगी लेकिन "जो रूस को धोखा देने के रास्ते पर चल रहे हैं उनको कानून के सामने जवाब देने पर मजबूर जरूर करेगी."
रूसी अर्थव्यवस्था का हाल
पुतिन ने कहा, "वे (पश्चिमी देश) चाहते हैं कि (रूसी) लोग (प्रतिबंधों से) परेशान हो जाएं... लेकिन उनकी मंशा कामयाब नहीं हो पायी. रूसी अर्थव्यवस्था और प्रबंधन उससे ज्यादा ताकतवर साबित हुआ जितना उन्होंने सोचा था." पुतिन ने रूसी अर्थव्यवस्था के हाल पर कहा कि नागरिकों से जुड़े कई बुनियादी सेक्टरों में सिकुड़न आने की बजाए असल में उत्पादन बढ़ा है.
उन्होंने कहा, "... जो प्रतिबंध लगा रहे हैं वे खुद को ही सजा दे रहे हैं. उनके कारण ही चीजों के दाम बढ़े हैं, नौकरियां छिन रही हैं और ऊर्जा का संकट पैदा हुआ है. हम सुनते हैं कि वे अपने लोगों को कहते हैं कि ये सब रूस के कारण ही हो रहा है. रूसी अर्थव्यवस्था और प्रशासनिक तंत्र उससे कहीं ज्यादा मजबूत साबित हुआ जितना पश्चिम ने सोचा था."
पुतिन का 'ऐतिहासिक' भाषण
रूस के कुछ सरकारी चैनलों ने 21 फरवरी की सुबह से एक काउंटडाउन चलाया था. राष्ट्रपति पुतिन के भाषण से पहले ही रूस की सरकारी समाचार एजेंसी रिया नोवोस्ती ने इसे ऐतिहासिक बता दिया था. रूस के संविधान में लिखा है कि राष्ट्रपति का हर साल यह भाषण देना अनिवार्य है. लेकिन साल 2022 में राष्ट्रपति पुतिन ने यह परंपरा तोड़ी. 2022 यानि वही साल जब रूसी सेनाएं यूक्रेन में युद्ध कर रही थीं और दिसंबर 2022 के आसपास कई मोर्चों पर झटके झेल रही थीं. हालांकि क्रेमलिन प्रवक्ता ने इसके स्थगन का कारण राष्ट्रपति की व्यस्तता बताया था. अब जब यूक्रेन पर रूसी हमले के एक साल पूरे होने वाले हैं तब आखिरकार पुतिन ने बोलने का फैसला किया.
इसके पहले 2017 में भी पुतिन ने एक बार अपना भाषण स्थगित किया था जो फिर 2018 में हुआ. पिछले साल दो और बड़े सालाना कार्यक्रम रद्द किए गए थे. इसमें से एक पुतिन की सालाना प्रेस क्रॉन्फ्रेंस थी और दूसरी जिसमें आम जनता अपने राष्ट्रपति से फोन पर बात कर अपने सवाल पूछ पाती है.
रूस ने पश्चिमी देशों को 'गैरदोस्ताना' श्रेणी में रखा
परंपरा कुछ ऐसी रही है कि रूस के राष्ट्रपति पुतिन सांसदों और सरकारी अधिकारियों की एक बड़ी भीड़ को संबोधित करते हैं और रूस के सारे सरकारी टीवी चैनल इसका प्रसारण करते हैं. भाषण के पहले ही क्रेमलिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने साफ कर दिया था कि इस साल कुछ "गैरदोस्ताना" देशों के पत्रकारों को भाषण सुनने के लिए वहां मौजूद रहने की इजाजत नहीं दी गई. इसमें सूची में अमेरिका, ब्रिटेन और यूरोपीय देशों के पत्रकार शामिल हैं. पेस्कोव ने पहले ही कह दिया था कि वे पत्रकार टीवी पर देख कर अपनी रिपोर्टें लिख सकते हैं.
एक दिन पहले ही अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने यूक्रेनी राजधानी कीव का दौरा किया था. वहां से पोलैंड पहुंचे बाइडेन नाटो के पूर्वी कमान से बातचीत करने वाले हैं जिसका मकसद यूक्रेन पर रूसी हमले के खिलाफ पश्चिमी एकता को मजबूत करना है.
आरपी/एमजे (एपी, रॉयटर्स, एएफपी)