परदेसियों ने देश में कितना पैसा भेजा?
वर्ल्ड बैंक का कहना है कि विदेश में काम कर रहे लोगों ने 2017 में अपने देशों को रिकॉर्ड पैसा भेजा. सबसे ज्यादा कहां के लोगों ने अपने देश में पैसा भेजा, जानिए.
बड़ा सहारा
दूसरे देशों में काम कर रहे लोग अपने देश में जो पैसा भेजते हैं, उसे अर्थशास्त्र की भाषा में रेमीटेंस कहते हैं. बहुत से गरीब देशों की अर्थव्यवस्था के लिए यह रकम बड़ा सहारा है.
रिकॉर्ड रेमीटेंस
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि रेमिटेंस पेमेंट में 2017 में उम्मीद से ज्यादा उछाल देखा गया. हालांकि रिपोर्ट के मुताबिक इस दौरान अपने देश में पैसा भेजने के लिए लगने वाली फीस भी काफी बढ़ गई है.
बड़ा उछाल
कम और मध्यम आय वाले देशों को भेजी गई रेमीटेंस रकम 2017 में 466 अरब डॉलर रही जो 2016 में 429 डॉलर थी. इस तरह साल भर में इसमें 8.5 प्रतिशत की बढ़त दर्ज की गई.
बेहतर अर्थव्यवस्था
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट कहती है कि यूरोप, रूस और अमेरिका में अर्थव्यवस्था में बेहतरी की वजह से वहां काम करने वाले अपने देशों को उम्मीद से ज्यादा पैसा भेज पाए.
सबसे आगे हिंदुस्तानी
इसमें सबसे ज्यादा भारतीयों ने अपने देश में पैसा भेजा. 69 अरब डॉलर की रकम के साथ भारत इस फेहरिस्त में सबसे ऊपर है.
टॉप10 में और कौन
भारत के बाद चीन (64 अरब डॉलर), फिलीपींस (33 अरब डॉलर), मेक्सिको (31 अरब डॉलर), नाइजीरिया (22 अरब डॉलर) और मिस्र (20 अरब डॉलर) टॉप10 में शामिल हैं.
एशिया सबसे ऊपर
क्षेत्रवार तरीके से देखें तो सबसे ज्यादा रेमिटेंस पूर्व एशिया और प्रशांत क्षेत्र में गया जो 130 अरब डॉलर के आसपास है. इसके बाद 117 अरब डॉलर के साथ दक्षिण एशिया और 80 अरब डॉलर के साथ लातिन अमेरिका का स्थान आता है.
कम की जाए लागत
वर्ल्ड बैंक की रिपोर्ट के लेखक दिलीप राथा कहते हैं, "रेमिटेंस की रकम बढ़ रही है, इसलिए उसने भेजने पर आने वाली लागत को कम किया जाए, ताकि परिवारों को ज्यादा पैसा मिल सके."
विदेशों में डेढ़ करोड़ भारतीय
अंतरराष्ट्रीय प्रवासी रिपोर्ट कहती है कि विदेशों में रहने वाले प्रवासियों के मामले में भारत पहले स्थान पर है. कुल 1.659 करोड़ भारतीयों में से आधे से अधिक खाड़ी देशों में रहते हैं.
कहां कितने भारतीय
सबसे ज्यादा भारतीय संयुक्त अरब अमीरात में रहते हैं जहां उनकी तादाद 33.1 लाख है. इसके बाद सऊदी अरब (22 लाख), अमेरिका (22 लाख), ओमान (12 लाख), कुवैत (11.6 लाख) और ब्रिटेन (8.36 लाख) आते हैं.