2022 होगा अक्षय ऊर्जा के नए रिकॉर्ड का साल
११ मई २०२२इस साल रिन्यूएबल एनर्जी के मामले में दुनिया की क्षमता रिकॉर्ड स्तर तक पहुंच जाएगी. अंतर्राष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी ने अपनी नई रिपोर्ट में बताया है कि इसमें बड़ी हिस्सेदारी बीते साल जोड़ी गई अतिरिक्त क्षमता की है. केवल 2021 मे ही दुनिया भर में नवीकरणीय ऊर्जा के क्षेत्र में 295 गीगावॉट की क्षमता बढ़ाई गई. यह बढ़ोत्तरी भी ऐसे समय में हुई जब सप्लाई चेन में कई तरह की बाधाएं आ रही थीं, निर्माण सेक्टर में हर जगह देरी देखने को मिल रही थी और कच्चे माल के दाम भी काफी ऊपर चले गए थे.
यह सारी जानकारी देते हुए आईईए ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध के समय में यह काफी मददगार हो सकती है. एजेंसी ने कहा, "2022 और 2023 में नवीकरणीय ऊर्जा के मामले में जो भी अतिरिक्त क्षमता हासिल होगी, उससे रूसी गैस और पावर सेक्टर पर यूरोपीय संघ की निर्भरता काफी हद तक घटाना संभव हो पाएगा."
इसी साल आने वाले महीनों में 320 गीगावॉट की अतिरिक्त क्षमता पैदा करने की योजना पर काम चल रहा है. इसके लिए पावर प्लांट लगाए जाएंगे. इसे ठीक से समझने के लिए यह जानना दिलचस्प होगा कि इस अतिरिक्त क्षमता से जर्मनी जैसे देश में बिजली की कुल जरूरत पूरी हो सकती है. यूरोपीय संघ के स्तर पर देखें, तो जितनी ऊर्जा प्राकृतिक गैस से आती है, वह सारी इस अतिरिक्त अक्षय ऊर्जा से ली जा सकती है.
इस नवीकरणीय ऊर्जा में सबसे बड़ा हिस्सा सौर ऊर्जा का है. एजेंसी ने बताया कि 2022 में सौर ऊर्जा का हिस्सा करीब 60 फीसदी रहेगा. यह पवन ऊर्जा और पनबिजली से काफी आगे है. आईईए विश्व के विकसित देशों को उनकी ऊर्जा नीति से जुड़ी सलाह देती है. लेकिन 2023 में एजेंसी ने वृद्धि की यह दर कम पड़ने की आशंका भी जताई है.
यूक्रेन पर रूसी हमले के बाद यूरोपीय संघ ने ऊर्जा के लिए रूसी प्राकृतिक गैस पर अपनी निर्भरता घटाने का प्रण लिया है. संघ ने रूसी गैस पर अपनी निर्भरता को इसी साल दो-तिहाई कम करने का लक्ष्य रखा है. आईईए के कार्यकारी निदेशक फातिह बिरोल ने कहा, "ऊर्जा बाजार में हाल के महीनों में हुए गतिविधियों ने, खासकर यूरोप में, एक बार फिर साबित कर दिया है कि ऊर्जा सुरक्षा की ओर बढ़ने में नवीकरणीय ऊर्जा की कितनी अहम भूमिका है. उत्सर्जन को घटाने में इसके असर को तो पहले से ही माना जाता है."
एजेंसी ने सरकारों से अपील की है कि नवीकरणीय ऊर्जा की क्षमता बढ़ाने के लिए तेजी से परमिट दिए जाएं और इसे बढ़ावा देने के कुछ तरीके अपनाए जाएं. एजेंसी ने चेतावनी भी दी है कि आजकल जैसी नीतियां लागू हैं उनके हिसाब से तो "नवीकरणीय ऊर्जा की वैश्विक वृद्धि अगले साल तक रफ्तार खो देगी." पेरिस में मुख्यालय वाले आईईए ने बताया कि एक ओर सौर ऊर्जा बहुत बढ़ी लेकिन पनबिजली की क्षमता में करीब 40 फीसदी की गिरावट आने और पवन ऊर्जा की क्षमता में कोई खास तरक्की नहीं होने से नेट फायदा कम हो गया.
आरपी/एनआर (एएफपी)