जर्मन नागरिकता लेने के लिए होड़, दफ्तरों में हजारों आवेदन
२ अगस्त २०२४जर्मनी के नागरिकता कानून में हुए सुधार के बाद यहां का पासपोर्ट लेने के इच्छुक लोगों की संख्या बढ़ी है. हेनली पासपोर्ट इंडेक्स के मुताबिक, 2024 में जर्मन पासपोर्ट दुनिया का तीसरा सबसे ताकतवर पासपोर्ट है. इस पासपोर्ट पर 134 देशों में बिना वीजा यात्रा की जा सकती है. 27 जून से लागू हो चुके नागरिकता कानून के नए प्रावधानों के मुताबिक, अब सिर्फ 5 साल में ही जर्मनी की नागरिकता मिल सकती है.
अकेले बर्लिन में जून के महीने में 4 हजार से ज्यादा लोगों ने आवेदन किया है. यानी हर रोज 133 से ज्यादा आवेदन. बर्लिन के दफ्तर में 27 जून से लेकर 21 जुलाई के दौरान तीन हफ्तों में ही 5 हजार से ज्यादा आवेदन आ चुके हैं. आंकड़े दिखाते हैं कि बहुत से लोग लंबी खिंच सकने वाली इस प्रक्रिया में शुरू में ही आवेदन कर देना चाहते हैं.
जर्मनी के बवेरिया में राज्य के आंतरिक मंत्री ने कहा कि जनवरी से मई तक हर महीने औसतन 5600 आवेदन आए हैं. जून में यह आंकड़ा बढ़कर 8400 हो गया. इनमें बड़ी संख्या कुशल कामगारों की भी है. वहीं सैक्सनी राज्य में नागरिकता के आवेदन से लेकर नागरिकता पाने में 3 महीने से 18 महीने का वक्त लग रहा था. अब अंदेशा है कि 2023 में आवेदनों की बढ़ी हुई संख्या के कारण इस प्रक्रिया में और भी समय लग सकता है.
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नए नागरिकता कानून में नेचुरलाइज्ड नागरिक (किसी देश में लगातार रहने पर वहां की नागरिकता हासिल करने का अधिकार पाने वाले) बनने के नियमों में भाषा और जर्मनी में रहने की अवधि समेत कई शर्तें आसान की गई हैं. जर्मनी में नेचुरलाइजेशन प्रक्रिया के लिए सभी 16 राज्यों की अपनी नेचुरलाइजेशन अथॉरिटी जिम्मेदार है.
नियम बदलने के पीछे मंशा
नेचुरलाइजेशन से नागरिकता मिलने संबंधी सुधार को जर्मनी में चांसलर शॉल्त्स की गठबंधन सरकार लाई थी. नए प्रावधानों के मुताबिक, लोग अपनी मूल नागरिकता के साथ-साथ जर्मनी की नागरिकता भी ले सकते हैं. पहले यह प्रावधान सिर्फ यूरोपीय संघ के नागरिकों के लिए था. हालांकि इस तरह की दोहरी नागरिकता भारत समेत कई देश स्वीकार नहीं करते हैं. इसके तहत लोग 5 साल बाद नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस कानून सुधार से पहले नागरिकता के लिए आवेदन करने की एक शर्त जर्मनी में कम से कम 8 साल रहना थी.
जर्मनी स्किल्ड वर्करों की कमी से जूझ रहा है. तेजी से बूढ़ी हो रही यूरोप की इस सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति की लेबर फोर्स से हर साल 4 लाख लोग बाहर हो रहे हैं. ऐसे में जर्मन सरकार की कोशिश है कि इसे विदेशी कामगारों के लिए एक आकर्षक जगह बनाया जाए. जर्मनी की एकीकरण आयुक्त और सत्ताधारी मध्य-वामपंथी सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी, एसपीडी की नेता रीम आलाबाली-राडोवान कहती हैं कि "बहुत से लोगों को इस मौके का दशकों से इंतजार था." उन्होंने कहा कि "सुधारों के साथ जर्मनी के पास समय की मांग के मुताबिक एक नागरिकता कानून आ गया है."
सत्ताधारी गठबंधन में शामिल जर्मनी की उदारवादी "फ्री डेमोक्रेटिक" पार्टी (एफडीपी) का कहना है कि नए नियमों से भले ही नेचुरलाइजेशन के लिए इंतजार का वक्त काम हो जाए लेकिन इससे जर्मन नागरिकता हासिल करने के लिए जरूरी पात्रता कम नहीं होगी.
एफडीपी के सांसद श्टेफान थॉमाए कहते हैं, "भविष्य में जर्मन पासपोर्ट हासिल करना तेज होगा. लेकिन यह काफी चुनौतीपूर्ण होगा क्योंकि नेचुरलाइजेशन के लिए जरूरी पत्रताएं काफी कठिन हैं." उनके मुताबिक, लंबे वक्त में ज्यादा आवेदन जरूरी नहीं कि नेचुरलाइजेशन की प्रक्रिया में बड़ा इजाफा कर दें क्योंकि नई जरूरत के मुताबिक आवेदक को आर्थिक तौर पर आत्मनिर्भर होना होगा, साथ ही मुश्किल परीक्षा से गुजरना होगा. ताकि कोई एंटी-सेमेटिक नजरिये या विरोधाभासी मूल्यों वाला व्यक्ति नेचुरलाइजेशन से नागरिक ना बने.
नागरिकता कानून में आए बड़े बदलाव
नए सुधारों के बाद लोग 8 साल के बजाय 5 साल में ही नागरिकता के लिए आवेदन कर सकते हैं. इस नए बदलावों का एक अहम पहलू यह है कि जो भी लोग जर्मन नागरिक बनेंगे उन्हें अपने मूल देश की नागरिकता नहीं छोड़नी पड़ेगी.
इसी तरह वे जर्मन नागरिक, जो किसी और देश के नागरिक होना चाहते हैं, उन्हें भी जर्मन प्रशासन से इजाजत की जरूरत नहीं है. पहले अगर वह बिना इजाजत किसी और देश की नागरिकता लेते तो उनकी जर्मन नागरिकता खतरे में पड़ सकती थी. इसके अलावा स्कूल, पेशेवर जिंदगी या सामाजिक जीवन में कोई शानदार काम करने वाले लोगों के लिए नागरिकता 5 साल की बजाय 3 साल में पाना भी मुमकिन हो गया है.
विदेशी अभिभावकों के जो भी बच्चे जर्मनी में पैदा हुए, उन्हें माता या पिता दोनों में से किसी एक के 5 साल जर्मनी में रहने या फिर स्थाई निवासी होने पर नागरिकता मिल जाएगी. पिछले नागरिकता कानून में शामिल विवादित 'ऑप्शन रेगुलेशन' यानी विदेशी मां-बाप के बच्चे को 18 साल की उम्र पर अपनी नागरिकता चुनने के लिए मजबूर किए जाने का नियम खत्म हो गया.
1960 के दशक में पश्चिमी जर्मनी में खासकर तुर्की से आए लोगों के लिए, नए सुधारों में एक खास प्रावधान किया गया है. उन्हें अब नेचुरलाइजेशन टेस्ट नहीं देना होगा. वे सिर्फ भाषा की मौखिक परीक्षा देंगे. इसी तरह जो विदेशी कामगार पूर्वी जर्मनी में आए थे, उनके लिए भी इसी तरह का प्रावधान है. वैसे तो नए सुधार सभी के लिए लागू होंगे लेकिन आवेदकों को यह साबित करना होगा कि वे अपना खर्च खुद उठा सकते हैं. हालांकि1960 के दौर में आए कामगारों को इस नियम से भी छूट दी गई है.
इसके अलावा नए नियमों के तहत एक जरूरी शर्त है लोकतंत्र और नस्लभेद-विरोध के प्रति प्रतिबद्धता. यहूदी विरोधी, नस्लभेदी या अन्य इंसानियत विरोधी काम या फिर जो महिलाओं और पुरुषों के लिए बराबर अधिकारों में यकीन नहीं रखता है या फिर बहुविवाह में रह रहा है, वह जर्मनी का नागरिक नहीं हो पाएगा. इस नए कानून सुधार के बाद से नेचुरलाइज्ड जर्मन लोगों के लिए यहूदी जीवन की रक्षा के लिए प्रतिबद्धता जताना भी जरूरी है.