60 के दशक में कई स्पेस एजेंसियां चांद तक पहुंचीं, लेकिन फिर दशकों तक चांद उपेक्षित बना रहा. अब चांद पर उतरने के मिशन एक बार फिर जोरों पर हैं. इनमें देशों से लेकर निजी कंपनियां तक शामिल हैं. भारत के चंद्रयान-3 के साथ-साथ रूस की भी करीब 50 साल बाद चांद पर उतने की योजना है. रूस का मिशन में कई बार देरी हुई, लेकिन अब भारत-रूस के तकरीबन साथ-साथ चांद पर लैंडिंग की संभावना बन रही है.