सेम-सेक्स मैरिज को वैधता देने वाले देश
सोवियत संघ से टूटने वाले देशों में एस्टोनिया, ऐसा पहला देश बना है, जिसने समलैंगिक शादी को कानूनी मान्यता दी है. वैध शादी केवल आदमी और औरत के बीच ही हो सकती है ऐसा ना मानने वाले देशों की तादाद लगातार बढ़ रही है.
एस्टोनिया की पहल
20 जून 2023 को एस्टोनिया की संसद ने सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने वाला बिल पास किया. संसोधित कानून एक जनवरी 2024 से लागू होगा.
क्यूबा में उठी लहर
क्यूबा की जनता ने सितंबर 2022 में रेफरेंडम के जरिए सेम-सेक्स मैरिज को हरी झंडी दिखाई. क्यूबा के नये फैमिली कोड के हिसाब से संतान की चाहत पूरी करने के लिए ऐसे जोड़े बिना पैसों का लेनदेन किये एक सरोगेट का सहारा ले सकते हैं.
स्लो था स्लोवेनिया
पूर्वी यूरोप के ज्यादातर देशों में इसकी अनुमति है. लेकिन दिसंबर 2015 में स्लोवेनिया ने जनमत संग्रह में गे मैरिज के खिलाफ फैसला लिया था. फिर जुलाई 2022 में देश की संवैधानिक अदालत के आदेश के बाद वहां भी इसे वैधता दी गई.
नये नये शामिल हुए
चिली और स्विट्जरलैंड में 2021 में इसे कानूनी मान्यता मिली. गे मैरिज और इससे जुड़े सरोगेसी, स्पर्म डोनेशन और नागरिकता जैसे सभी मामलों में सेम-सेक्स मैरिज को वैधता देने वाले कुछ आखिरी पश्चिमी यूरोपीय देशों में इसे गिना जा सकता है.
इंटरनेशनल कंवेन्शनों के कारण खुला रास्ता
कोस्टा रिका के सुप्रीम कोर्ट ने 2018 में कहा कि अमेरिकन कन्वेंशन ऑन ह्यूमन राइट्स पर हस्ताक्षर करने के कारण देश में भी शादी के अधिकार में बराबरी होनी चाहिए. कोर्ट ने सरकार को 2020 तक का समय दिया और फिर यह लागू हो गया.
संवैधानिक अदालतों की भूमिका
2019 में ही तीन देशों - ऑस्ट्रिया, ताइवान और इक्वाडोर - में संवैधानिक अदालतों के निर्देश और दखल के कारण गे और लेस्बियन जोड़ों को शादी के सूत्र में बंधने का अधिकार मिला. एशिया में ताइवान इसे वैधता देने वाला पहला देश बना.
एक नया जर्मनी
30 जून 2017 को जर्मन संसद में समलैंगिक शादियों को वैधता देने का प्रस्ताव पास हुआ और 2017 के आखिर से इसे लागू कर दिया गया. इस अहम कदम के पहले पांच सालों में ही 65,000 से अधिक ऐसी शादियां हुईं.
अगुआ नीदरलैंड्स
अप्रैल 2001 में नीदरलैंड्स दुनिया का पहला देश बना, जहां गे और लेस्बियन जोड़ों को सिविल सेरेमनी में बंधने का अधिकार मिल गया. इसके बाद दर्जनों अन्य यूरोपीय देशों में भी इसे मान्यता मिली.
यूरोपीय देशों में प्रसार
नीदरलैंड्स के बाद यूरोप के अन्य देशों बेल्जियम, ब्रिटेन (उत्तरी आयरलैंड को छोड़कर), डेनमार्क, फिनलैंड, फ्रांस, आइसलैंड, आयरलैंड, लक्जेमबर्ग, नॉर्वे, पुर्तगाल, स्पेन और स्वीडन में भी सिविल सेरेमनी की अनुमति मिली.
सिविल पार्टनरशिप
कुछ यूरोपीय देशों में समलैंगिक जोड़ों को सिविल पार्टनरशिप में रहने की व्यवस्था है. ये देश हैं ऑस्ट्रिया, क्रोएशिया, साइप्रस, चेक रिपब्लिक, ग्रीस, हंगरी, इटली, माल्टा और स्विट्जरलैंड. 2014 में एस्टोनिया भी इस सूची में जुड़ा.
पूर्वी यूरोप
बुल्गारिया, लात्विया, लिथुआनिया, पोलैंड, रोमेनिया और स्लोवाकिया जैसे पूर्वी यूरोप के देशों में समलैंगिक लोगों को शादी करने का हक मिला हुआ है. दिसंबर 2015 में स्लोवेनिया ने जनमत संग्रह में गे मैरिज के खिलाफ फैसला लिया.
बच्चे गोद लेना
पश्चिमी यूरोप के 15 देशों में समलैंगिक जोड़े बच्चों को गोद ले सकते हैं, चाहे वे शादीशुदा हों या सिविल पार्टनरशिप में रह रहे हों. ऐसे देश हैं बेल्जियम, ब्रिटेन, डेनमार्क, फ्रांस, नीदरलैंड्स, स्पेन और स्वीडन. इसके अलावा फिनलैंड, जर्मनी और स्लोवेनिया में समलैंगिकों को अपने पार्टनर के बच्चों को गोद लेने का अधिकार देता है.
उत्तरी अमेरिका में अगुआ
यहां सबसे पहले कनाडा ने समलैंगिक शादी और बच्चा गोद लेने को जून 2005 में ही मान्यता दे दी थी. अमेरिका में 2015 में सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद गे मैरिज को देशव्यापी वैधता मिली.
लैटिन अमेरिका में
पहला देश रहा मेक्सिको, जहां 2007 में सिविल यूनियन और 2008 में पूर्ण विवाह की अनुमति मिल गयी. अर्जेंटीना, ब्राजील, कोलंबिया और उरुग्वे में भी समलैंगिक शादियां कानूनी रूप से वैध हैं.
अफ्रीका का हाल
अफ्रीकी महाद्वीप के 30 देशों में समलैंगिकता पर ही प्रतिबंध है. केवल दक्षिण अफ्रीका में ही समलैंगिक लोगों को शादी करने और बच्चे गोद लेने का अधिकार है. ऋतिका पाण्डेय (एएफपी)
किनसे हैं उम्मीदें
भारत में अब भी सेम-सेक्स मैरिज की अनुमति नहीं है लेकिन इसके समर्थन में कई आंदोलन चल रहे हैं. इसके अलावा चेक रिपब्लिक, अंडोरा, जापान, फिलिपींस और थाईलैंड में इसकी काफी मांग है.