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राजनीतिऑस्ट्रेलिया

पहली बार ऑस्ट्रेलिया में किसी काउंसिल का मेयर बना भारतीय

विवेक कुमार, सिडनी से
२३ मई २०२३

भारतीय मूल के समीर पांडेय को ऑस्ट्रेलिया के शहर पैरामाटा का मेयर चुना गया है. यह पहली बार है, जब भारतीय मूल का कोई व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में इस पद पर पहुंचा है.

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ऑस्ट्रेलिया में भारीतय मूल के पहले मेयर, समीर पांडेय
ऑस्ट्रेलिया में भारीतय मूल के पहले मेयर, समीर पांडेयतस्वीर: Parramatta City Council

समीर पांडेय ऑस्ट्रेलिया के पैरामाटा शहर की काउंसिल के मेयर चुने गये हैं. यह पहली बार है कि भारतीय मूल का कोई व्यक्ति ऑस्ट्रेलिया में किसी काउंसिल के सर्वोच्च पद पर पहुंचा है. लेबर पार्टी के पार्षद समीर पांडेय अब तक डिप्टी लॉर्ड मेयर थे और पूर्व मेयर डोना डेविस के विधान सभा में चुने जाने के बाद खाली हुए पद पर चुने गये हैं.

पैरामाटा न्यू साउथ वेल्स में सिडनी से लगता एक अहम और ऐतिहासिक उपनगर है, जहां भारतीय मूल के लोग बड़ी संख्या में रहते हैं. ढाई लाख से ज्यादा की आबादी वाले इस शहर में लगभग 11.2 फीसदी लोग भारतीय मूल के हैं. पैरामाटा ऑस्ट्रेलिया के सबसे बहुसांस्कृतिक इलाकों में से एक है और इसे देश के सबसे तेजी से विकसित होते शहरी केंद्रों में से एक माना जाता है.

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काउंसिल के पैरामाटा वॉर्ड से पार्षद समीर पांडेय ने अपने चुनाव के बाद कहा कि उनका शहर ग्रेटर सिडनी इलाके का भोगौलिक केंद्र है, जहां अनंत संभावनाएं मौजूद हैं. उन्होंने कहा, "पैरामाटा सिडनी में रहने के लिए सबसे अच्छी जगह ही नहीं है बल्कि यह विविधता और ऊर्जा का चुंबकीय क्षेत्र भी है. सिडनी के दूसरे केंद्र में अपनी स्थिति को मजबूत करते हुए हम इन अनूठी संभावनाओं का लाभ उठाने के लिए बेहद उत्सुक हैं."

कौन हैं समीर पांडेय?

आईटी विशेषज्ञ और उद्योगपति समीर पांडेय करीब 20 साल पहले एक इंजीनियर के रूप में ऑस्ट्रेलिया आये थे. वह लेबर पार्टी के सदस्य हैं और विधानसभा का चुनाव भी लड़ चुके हैं, जिसमें वह बहुत मामूली अंतर से हारे थे. 2017 में वह पहली बार पार्षद का चुनाव जीते थे और 2022 में वह दूसरी बार पार्षद बने. बतौर पार्षद अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत में वह काउंसिल के डिप्टी मेयर चुने गये थे. भारत के बिहार से आने वाले पांडेय दो बच्चों के पिता हैं. 

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समीर पांडेय 17 साल से लेबर पार्टी के सदस्य हैं. विवादों से दूर रहने वाले समीर पांडेय को भारतीय समुदाय के सभी तबकों में बराबर का सम्मान हासिल है. साथ ही, वह अन्य समुदायों में भी खासे लोकप्रिय हैं. इसी लोकप्रियता के बल पर उस देश में राजनीतिक सीढ़ियां चढ़ रहे हैं, जहां बहुसांस्कृतिक और खासकर भारतीय समुदाय के राजनेताओं को बहुत ज्यादा सफलता नहीं मिली है.

क्यों अहम है पांडेय की सफलता?

अमेरिका, कनाडा या ब्रिटेन जैसे अन्य देशों में, जहां भारतीय समुदाय बहुत बड़ा है, ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के लोगों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत कम है. देश में दस लाख से ज्यादा भारतीय मूल के लोग रहते हैं, जिनमें से छह लाख से ज्यादा नागरिक हैं. इसके बावजूद बड़े राजनीतिक पदों पर भारतीय मूल के लोगों का प्रतिनिधित्व अब तक ना के बराबर रहा है.

समीर पांडेय का चुनाव हाल के सालों में ऑस्ट्रेलिया में बढ़ते भारतीय समुदाय और उसके मजबूत होते प्रभाव का प्रतीक है. पिछले कुछ सालों से भारतीय मूल के लोग ऑस्ट्रेलिया का सबसे तेजी से बढ़ता आप्रवासी समुदाय हैं. पिछले कुछ सालों से हर साल ऑस्ट्रेलिया आने वाले लोगों में और यहां का नागरिक बनने वाले लोगों में भारतीयों की संख्या सबसे ज्यादा रही है.

समीर पांडेय का चुनाव उस दिन हुआ है, जब भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ऑस्ट्रेलिया में हैं. मंगलवार को जब नरेंद्र मोदी सिडनी में 20 हजार से ज्यादा भारतवंशियों को संबोधित करेंगे, तो समीर पांडेय ऑस्ट्रेलिया में भारतीय मूल के पहले मेयर के तौर पर मंच पर उनके साथ मौजूद रहेंगे.