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एक साल में इंसान के बराबर मांस खाती हैं मकड़ियां

१७ मार्च २०१७

दुनिया भर की मकड़ियां एक साल में 40 से 80 करोड़ टन कीड़े मकोड़े खाती हैं. यह मात्रा साल भर में इंसानों के खाए मांस-मछली के बराबर है. एक नये अध्ययन से यह बात सामने आई है.

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Deutschland Moorlandschaft Gerandete Jagdspinne
तस्वीर: picture-alliance/blickwinkel/F. Hecker

अपनी तरह के इस पहले विश्लेषण में शोधकर्ताओं ने 65 अन्य अध्ययनों में जुटाए गए डाटा का इस्तेमाल किया और उनका अनुमान है कि धरती पर 2.5 करोड़ टन वजन की मकड़ियां मौजूद हैं. इसके बाद शोधकर्ताओं ने यह अनुमान लगाया कि आठ टांगों वाले इन जीवों को जिंदा रहने के लिए खाने के तौर पर सालाना कितने कीड़े मकोड़ों की जरूरत होती है.

विज्ञान पत्रिका 'द साइंस ऑफ द नेचर' में प्रकाशित इस अध्ययन में शोधकर्ताओं ने कहा है, "हमारा अनुमान है कि मकड़ी समुदाय साल भर में 40 से 80 करोड़ टन कीड़ों को अपना शिकार बनाता है."

इस अध्ययन से पता चलता है कि बीमारी फैलाने वाले कीड़े-मकोड़ों को इंसान से दूर रखने में मकड़ियां कितना अहम रोल अदा करती हैं, खासकर जंगलों और घास वाले इलाकों में, जहां ये मकड़ियां रहती हैं. अध्ययन रिपोर्ट के लेखक ने लिखा, "हमें उम्मीद है कि ये अनुमान और इतनी बड़ी मात्रा से आम लोगों में मकड़ियों के योगदान को लेकर जागरुकता बढ़ेगी."

इसी संदर्भ में रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि दुनिया भर के इंसान हर साल 40 करोड़ टन मांस और मछली का सेवन करते हैं. वहीं व्हेल्स को एक साल में 28 से 50 करोड़ टन खाने की जरूरत होती है और सीबर्ड्स सात करोड़ टन सीफूड खाती हैं.

मकड़ियों की कुल 45 हजार प्रजातियों के बारे में जानकारी है और सभी मांस खाती हैं. अपने खाने के लिए ये दूर दूर तक चली जाती हैं. अध्ययन के मुताबिक आर्कटिक से लेकर रेगिस्तान, गुफाओं, समंदर के तटों, बालू के टीलों और मैदानों तक सब जगह पाई जाती हैं.

रिपोर्ट के मुताबिक मकड़ियां बहुत बढ़िया शिकारी होती हैं. इसके अलावा वे अन्य जीवों का खाना भी बनती हैं. पक्षियों, परभक्षियों और परजीवियों की ऐसी आठ हजार से ज्यादा प्रजातियां हैं, जो बस मकड़ी पर ही जीवित हैं.

एके/एमजे (एएफपी)