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विज्ञानसंयुक्त राज्य अमेरिका

टक्कर के बाद अंतरिक्ष में मलबे की 10,000 किलोमीटर लंबी लकीर

५ अक्टूबर २०२२

नासा के अंतरिक्ष यान ने जिस क्षुद्र ग्रह को टक्कर मारी, उसका मलबा 10,000 किलोमीटर तक फैल चुका है. धरती से लाखों मील दूर मलबे की इस रेखा को चिली में मौजूद दूरबीनों के जरिए देखा गया.

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डायमॉरफस
तस्वीर: NASA/AP/picture alliance

सितंबर 2022 के आखिर में अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने प्रयोग के तौर पर एक क्षुद्र ग्रह को अपने यान से टक्कर मारी. इस टक्कर को प्लैनेटरी डिफेंस टेस्ट नाम दिया गया. इसके जरिए वैज्ञानिक यह परखना चाहते थे कि भविष्य में धरती के लिए खतरा बनने वाले क्षुद्रग्रहों का रास्ता किस तरह बदला जा सकता है. प्रयोग काफी हद तक सफल रहा.

टक्कर के दो दिन बाद खगोल विज्ञानियों ने दक्षिण अमेरिकी देश चिली के अटाकामा रेगिस्तान में मौजूद दूरबीनों से टक्कर वाली जगह की पड़ताल की. इस दौरान वैज्ञानिकों को अंतरिक्ष यान और क्षुद्र ग्रह की सीधी टक्कर से पैदा हुए मलबे की 10 हजार किलोमीटर लंबी लकीर दिखाई पड़ी. तस्वीरों में दिख रहा है कि यह रेखा क्षुद्र ग्रह से टूटे टुकड़ों और धूल से बनी है.

डायमॉरफस की तरफ बढ़ा डार्ट यान
डायमॉरफस की तरफ बढ़ा डार्ट यानतस्वीर: NASA/Johns Hopkins APL via CNP/Consolidated News Photos/picture alliance

जेम्स वेब और हबल ने भेजीं डार्ट की टक्कर की पहली तस्वीरें

अंतरिक्ष में छिटकता मलबा

यूएस नेवल रिसर्च लैबोरेट्री के वैज्ञानिक मैथ्यू नाइट के मुताबिक सौर विकिरण के दबाव के कारण मलबा क्षुद्र ग्रह से दूर जा रहा है. सदर्न एस्ट्रोफिजिकल रिसर्च टेलिस्कोप के डाटा की समीक्षा करने वाले नाइट को लगता है कि मलबे की ये लकीर अभी और लंबी होती चली जाएगी और एक वक्त ऐसा आएगा जब ये इतनी अस्त व्यस्त हो जायेगी कि इसे ट्रैक करना भी मुश्किल हो जाएगा. नाइट कहते हैं, "उस वक्त ये मटीरियल उस धूल की तरह हो जाएगा जो सौर मंडल के चारों तरफ है."

डायमॉरफस नाम के उस क्षुद्र ग्रह का आकार करीब 160 मीटर था. डायमॉरफस से कितना और किस तरह का मलबा बिखरा, ये जानने के लिए अभी कई और साल रिसर्च चलेगी.

डायमॉरफस को टक्कर मारने वाले नासा के डार्ट स्पेसक्राफ्ट को करीब एक साल पहले धरती से रवाना किया गया था. 32.5 करोड़ डॉलर के इस अभियान का मकसद क्षुद्रग्रहों की कक्षा बदलना था. भविष्य में अगर कोई क्षुद्र ग्रह या पिंड पृथ्वी के लिए खतरा बना तो उससे कैसे निपटा जा सकता है, प्रयोग इसी की तैयारी के लिए किया गया. नासा के मुताबिक डायमॉरफस या उससे बिखरे मलबे से धरती को कोई खतरा ना पहले था और ना ही अब है.

ओएसजे/एनआर (एपी)