क्या पाया यूरोप की नई अंतरिक्ष टेलिस्कोप ने
यूरोप के खगोल वैज्ञानिकों ने हाल ही में लॉन्च की गई अंतरिक्ष टेलिस्कोप यूक्लिड द्वारा ली गई तस्वीरें जारी की हैं. देखिए डार्क मैटर और डार्क ऊर्जा के रहस्यों पर से पर्दा हटाने के लिए बनाई गई इस टेलिस्कोप ने क्या पाया.
डार्क मैटर की पड़ताल
यह यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी (ईएसए) की हाल ही में लॉन्च की गई अंतरिक्ष टेलिस्कोप 'यूक्लिड' द्वारा ली गई पहली तस्वीरें हैं. इस टेलिस्कोप को डार्क मैटर और डार्क ऊर्जा के बारे में और पता करने के लिए बनाया गया है. माना जाता है कि ब्रह्मांड का 95 प्रतिशत इन्हीं शक्तियों से बना है. इस मिशन में नासा भी साझेदार है.
विशाल आकाशगंगाएं
इन तस्वीरों में सिर्फ 24 करोड़ प्रकाश वर्ष दूर पर्सियस क्लस्टर की 1,000 आकाशगंगाएं और उसके पीछे फैलीं 1,00,000 से ज्यादा आकाशगंगाएं शामिल हैं. यह पर्सियस की तस्वीर है. वैज्ञानिक मानते हैं कि संगठित ढांचे जैसे लगने वाले पर्सियस जैसे विशाल क्लस्टरों का बनना ही डार्क मैटर के होने का प्रमाण है.
हमारी आकाशगंगा की हमशक्ल
ईएसए के मुताबिक यह तस्वीरें इस टेलिस्कोप की 10 अरब प्रकाश वर्ष तक दूर, अरबों आकाशगंगाओं को देख सकने की क्षमता को दिखाती हैं. "हिडेन गैलक्सी" नाम की आकाशगंगा की तस्वीरें भी हैं जिसे हमारी आकाशगंगा की हमशक्ल माना जा रहा है.
ब्रह्मांड के बिल्डिंग ब्लॉक
दूसरी तस्वीरों में एक अनियमित आकाशगंगा शामिल है. माना जा रहा है कि यह ब्रह्मांड के बिल्डिंग ब्लॉक जैसी दिखाई देती है. यूक्लिड इन सभी आकाशगंगाओं के प्रकाश का अध्ययन कर ब्रह्मांड का एक थ्रीडी मैप बनाएगी.
ग्रैविटी से चिपके सितारे
यह करीब 7,800 प्रकाश वर्ष दूर स्थित एनजीसी 6397 नाम के ग्लोब्यूलर क्लस्टर की तस्वीर है. गुरुत्वाकर्षण द्वारा एक साथ थामे हुए लाखों सितारों के समूह को ग्लोब्यूलर क्लस्टर कहते हैं. कोई भी और टेलिस्कोप एक साथ एक पूरे ग्लोब्यूलर क्लस्टर की तस्वीर नहीं ले सकती.
घोड़े के सिर वाली नेब्युला
यह घोड़े के सिर वाली नेब्युला का विस्तृत दृश्य है. इसे बर्नार्ड 33 के नाम से भी जाना जाता है और यह ओरियन तारामंडल का हिस्सा है. वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यूक्लिड की मदद से वो इस नेब्युला में वृहस्पति के घनत्व के कई ग्रहों को उनकी बाल्यवास्था में खोज पाएंगे. (रॉयटर्स)