कभी नहीं छोड़नी चाहिए ज्यादा शांत दुनिया की चाह: श्टाइनमायर
२४ दिसम्बर २०२३अपने सालाना क्रिसमस भाषण में जर्मन राष्ट्रपति ने जर्मनी और दुनिया के सामने मौजूद चुनौतियों से निपटने के लिए साहस और सहयोग की जरूरत पर जोर दिया. क्रिसमस पूर्व उनके कार्यालय की ओर से जारी किए गए लिखित भाषण के मुताबिक श्टाइनमायर ने कहा, "इस साल वास्तव में दुनिया ने अपना स्याह पक्ष सामने रखा."
जर्मन राष्ट्रपति ने वैश्विक चुनौतियों के बीच जहां शांति की जरूरत पर बात की, वहीं लोकतंत्र को मजबूत रखने और एकता की जरूरत पर भी जोर दिया. जर्मन राष्ट्रपति ने कहा, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण की ये दूसरी सर्दियां हैं, हम हमास की क्रूरता और मध्यपूर्व में युद्ध का शिकार बन रहे पीड़ितों को देखकर भयभीत हैं.
चुनौतियों के बावजूद श्टाइनमायर ने आशा की अहमियत और नए साल में साहस और दृढ़ विश्वास के साथ आगे बढ़ने की ज़रूरत पर जोर दिया. इसे ना छोड़ने के अपने विश्वास को दोहराते हुए उन्होंने कहा, "हम सभी एक ज्यादा शांतिपूर्ण दुनिया की चाहत रखते हैं."
"साथ मिलकर करें काम"
जर्मन राष्ट्रपति ने लोकतंत्र को मजबूत बनाए रखने की अहमियत पर बल दिया. उन्होंने कहा कि यह तभी संभव है, अगर लोग इसमें लगे रहें और अगर वो यह सुनिश्चित करने के लिए काम करें कि जो अभी तक अच्छा नहीं है, कल बेहतर होगा.
श्टाइनमायर ने मुद्दों का नाम लिए बिना माना, "हमारे देश में अनसुलझे मुद्दों" से कई जर्मन लोग अब भी चिंतित हैं. कुछ जर्मन लोगों ने सरकार की इन मुद्दों से निपट सकने की क्षमता पर संदेह भी जताया है, जबकि दूसरे लोगों ने इन मुद्दों के दूरगामी परिणामों को लेकर चिंता जताई है.
श्टाइनमायर ने कहा, "हम तभी आगे बढ़ सकेंगे, जब हम साथ मिलकर काम करें. तब नहीं, जब सब लोग वापस अपनी-अपनी दुनिया में डूब जाएं."
"शांति से काम करने वाले देते हैं साहस"
अपने भाषण में राष्ट्रपति ने पुलिस, दमकलकर्मियों, सैनिकों, स्वास्थ्यकर्मियों और अन्य संस्थाओं के प्रति आभार भी व्यक्त किया.
श्टाइनमायर ने कहा, "आपके जैसे लाखों लोग दूसरों की मदद करने के लिए दृढ़ निश्चय रखते हैं और समर्पित हैं. विविधता भरे समाज में शांतिपूर्वक साथ रहने के लिए काम कर रहे हैं. और यही लोग मुझे साहस देते हैं."
"संविधान का जश्न मनाया जाना चाहिए"
अगले साल की ओर आशा से देखते हुए श्टाइनमायर ने कहा कि जर्मनी का बेसिक लॉ 75 साल का हो रहा है, और इसका जश्न मनाया जाना चाहिए.
उन्होंने कहा, "हमारा संविधान ऐसी चीज है, जिसपर हमें गर्व होना चाहिए. यह हर नागरिक की कद्र करता है, और उनकी रक्षा करता है. संविधान मुसीबत के समय देश को राह दिखा सकता है."
राष्ट्रपति ने यह भी कहा, "हमें समय निकालकर इसे याद रखना चाहिए कि जर्मनी एक अच्छा देश है, और अच्छा रहेगा. अगर हम प्रयास करते हैं, तो सफल हो सकते हैं और सफल होंगे, अगर हम साथ रहे और साथ खड़े रहे."
हर साल क्रिसमस की पूर्व संध्या पर जर्मन राष्ट्रपति के देश को संबोधित करने की परंपरा है. यह संबोधन देश की राजनीति और वैश्विक बदलावों के बीच जर्मनी की स्थिति का मूल्यांकन होता है.