नॉर्दर्न लाइट्स की शानदार तस्वीरें
पृथ्वी के ध्रुवीय क्षेत्र में बनने वाली ऑरोरा बोरिएलिस की तस्वीरें सबको मोहित कर लेती हैं. रात के अंधेरे में होने वाली इस घटना को देखकर ऐसा लगता है कि यह प्रकृति का नाइट शो है.
आकाश में प्रकृति की रंग-बिरंगी रोशनी की अठखेलियां
हर साल के कुछ खास समय में रात का आकाश रंगीन हो जाता है, जिसे नॉर्दर्न लाइट्स या ऑरोरा बोरिएलिस के नाम से जाना जाता है. इस साल भी नॉर्दर्न लाइट्स की कुछ आश्चर्यजनक तस्वीरें सामने आईं हैं.
रंगों से चमकता आसमान
यह दिलचस्प नजारा सिर्फ उत्तर में ही नहीं बल्कि धरती के दक्षिणी हिस्सों में भी देखा जाता है. उत्तरी रोशनी (ऑरोरा बोरिएलिस) के अलावा दक्षिणी रोशनी (ऑरोरा ऑस्ट्रालिस) भी होती है.
रोशनी की "बारिश"
नॉर्दर्न लाइट्स को स्कैंडिनेविया, आईसलैंड, ग्रीनलैंड के कुछ हिस्सों, कनाडा और उत्तरी साइबेरिया से देखा जा सकता है. आप इसे अलास्का, ब्रिटेन, जर्मनी के उत्तरी हिस्सों से भी देख सकते हैं.
क्या है रोशनी का राज
धरती के मैग्नेटोस्फियर और सूर्य की सबसे बाहरी परत कोरोना के संपर्क में आने के कारण ही ऑरोरा बनते हैं. जब आवेशित कणों वाली सौर हवाएं उठती हैं और धरती के वातावरण से टकराती हैं, तो वहां ये कण रोक दिए जाते हैं. लेकिन फिर भी कुछ कण रास्ता निकाल कर भीतर आ जाते हैं और फिर ध्रुवीय इलाकों में हवा के कणों से टकराते हैं. इस टकराहट से पैदा होने वाली ऊर्जा से ऐसा दृश्य पैदा होता है.
अलग आकार और रंग
चार तरह के ऑरोरा होते हैं. कोरोना, कर्टेन, आर्क और बैंड. हरे रंग का प्रकाश तब बनता है जब हवा में मौजूद ऑक्सीजन के परमाणु 100 किलोमीटर की ऊंचाई पर टकराएं, लाल रंग, जब ऑक्सीजन परमाणु 200 किलोमीटर की ऊंचाई पर टकराएं और बैंगनी एवं नीले प्रकाश का कारण नाइट्रोजन परमाणु होते हैं.
करीब से देखने का मजा
ऐसे नजारे देखने के लिए हर साल बड़ी संख्या में लोग स्कैंडिनेवियाई देशों की ओर जाते हैं. लोग रात को उत्तर के दूरदराज के इलाकों में कैंपिंग करके रोशनी के इस खेल का आनंद लेते हैं.
सही समय है जरूरी
अंधेरी रात का आकाश ऑरोरा का आनंद लेने का सबसे अच्छा समय है. लेकिन कई बार मौसम खराब होने से आप इसे देखने से चूक सकते हैं. आसमान जितना साफ उतनी ज्यादा इसे देखने की संभावना होती है.