"आप तीस सेकंड के लिए मुझे छू सकते हैं"
२८ जून २०१६शरीर पर एक "मिरर बॉक्स" बांधे ये कभी डुसेलडॉर्फ की सड़कों पर घूमीं, कभी एम्स्टर्डम की, तो कभी लंदन की. हाथ में एक लाउडस्पीकर लिए ये कह रही थीं, "आप तीस सेकंड के लिए मुझे छू सकते हैं." बक्सा कभी इनकी छाती पर बंधा होता, तो कभी इनकी जांघों पर. इसमें हाथ घुसाने की एक छोटी से जगह भी बनी होती, ताकि लोग उनके वक्ष या फिर जननांगों को छू सकें.
लाउडस्पीकर पर इस तरह की घोषणा सुन कई लोग हैरत में वहां रुक जाते, आखिरकार एक एक कर लोग उन्हें छूने के लिए आगे भी बढ़ते. सिर्फ पुरुष ही नहीं, महिलाएं भी इसमें हिस्सा लेतीं. डुसेलडॉर्फ और एम्स्टर्डम में तो सब ठीक रहा लेकिन लंदन में पुलिस उन्हें उठा कर थाने ले गयी.
यह महिला हैं स्विट्जरलैंड की परफॉरमेंस आर्टिस्ट मीलो मोर और इनके साथ ऐसा पहली बार नहीं हुआ कि पुलिस ने अश्लीलता के आरोप में इन्हें गिरफ्तार किया हो. इस बार वे लंदन पुलिस का सिरदर्द बनी हैं, इससे पहले पेरिस में भी इन्हें एक रात जेल में गुजारनी पड़ी है. मीलो मोर महिला अधिकारों की बात करती हैं और अपने अनोखे तरीके से लोगों का ध्यान इस ओर खींचती हैं. इनका मानना है कि महिलाओं को यह तय करने का अधिकार होना चाहिए कि उन्हें कब, कौन और कैसे छुएगा.
पेरिस में ये वस्त्रहीन हो कर आइफल टावर के सामने जा कर खड़ी हो गयीं और पर्यटकों के साथ तस्वीरें खिंचवाने लगीं. इससे पहले जर्मनी की आर्ट कोलोन प्रदर्शनी के बाहर भी इन्होंने वस्त्रहीन हो कर अपना इंस्टॉलेशन लगाया. और उससे पहले जर्मनी के ही एक अन्य शहर म्युंस्टर में इन्होंने अपनी एक प्रदर्शनी लगाई और वहां ये गोद में एक नवजात शिशु को लिए वस्त्रहीन हो कर घूमती रहीं.
मोर के ये तरीके हमेशा विवादों में रहे हैं. उनके आलोचकों का कहना है कि फेमिनिस्ट और अश्लील होने में फर्क होता है. इस वीडियो के वायरल होने के बाद से सोशल मीडिया पर लोग चर्चा कर रहे हैं कि क्या महिला अधिकारों के लिए आवाज उठाने के लिए इससे बेहतर तरीका नहीं हो सकता.
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