दुनिया के सबसे दानशील देश और भारत की रैंकिंग
चैरिटीज एड फाउंडेशन (सीएएफ) का वर्ल्ड गिविंग इंडेक्स बताता है कि दुनिया में किस देश के लोग सबसे ज्यादा अनजान लोगों की मदद करते हैं. यह सर्वे 140 से ज्यादा देशों के 1,45,000 से ज्यादा लोगों के बीच कराया गया.
सबसे दानशील देश
इंडोनेशिया को इस इंडेक्स में पहली रैंकिंग मिली है. वहां की 90 फीसदी जनसंख्या ने किसी ना किसी रूप में दान दिया या किसी अनजान की मदद की. उसके बाद म्यांमार (78 फीसदी), माल्टा (74 प्रतिशत), आइसलैंड (71 प्रतिशत) और सिंगापुर (68 फीसदी) का नंबर है.
भारत की रैंकिंग
इंडेक्स में भारत को 26वीं रैंकिंग मिली है. दान देने के मामले में वह 48वें नंबर पर है. 65 फीसदी लोगों ने किसी अनजान व्यक्ति की मदद की जबकि 38 प्रतिशत लोगों ने दान दिया.
सिंगापुर की रैंकिंग में उछाल
2022 के मुकाबले 2023 में सिंगापुर ने 19 स्थानों की छलांग लगाई है और अब तीसरे स्थान पर है. ग्रीस, फिलीपींस और सिंगापुर ने सबसे ज्यादा प्रगति की है. ग्रीस में अनजान लोगों की मदद में सबसे बड़ा उछाला आया, जबकि सिंगापुर ने स्वयंसेवा में सबसे अधिक वृद्धि दर्ज की.
महाद्वीपों में उदारता
सबसे दानशील 10 देशों में एशिया, यूरोप और अफ्रीका के देशों का नाम शामिल है. 2023 में विश्व की 73 फीसदी जनसंख्या ने या तो धन दान किया, स्वयंसेवा की, या किसी अनजान व्यक्ति की मदद की.
अजरबैजान की गिरावट
इस वर्ष अजरबैजान 65 स्थान गिरकर 119वें स्थान पर आ गया है, जो इस साल की सबसे बड़ी गिरावट है. पिछले दशक में, यूक्रेन, इंडोनेशिया, चाड, रूस और चीन जैसे देशों ने इंडेक्स में 25 या उससे अधिक अंक का सुधार दर्ज किया है.
चीन की परोपकारी प्रगति
2016 में लागू चैरिटी कानून के बाद, चीन में दान और स्वयंसेवा में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है. देश ने दान में 388 प्रतिशत और स्वयंसेवा में 441 फीसदी की वृद्धि दर्ज की है.