थाईलैंड का गांजा उद्योग
थाईलैंड दो साल पहले ही गांजा के इस्तेमाल को अपराध की श्रेणी से हटाने वाला पहला दक्षिणपूर्वी एशियाई देश बन गया था. लेकिन अब वहां गांजा के इस्तेमाल को बैन करने की योजना बनाई जा रही है, जिससे अनिश्चितताएं पैदा हो गई हैं.
इस्तेमाल का पुराना इतिहास
थाईलैंड में पारंपरिक चिकित्सा में दर्द और थकान के इलाज के लिए भांग के इस्तेमाल का पुराना इतिहास है. खाना पकाने की पुरानी रेसिपियों में भी इसका जिक्र मिलता है. लेकिन 1930 के दशक में इसके सेवन को अपराध बना दिया गया था.
कौन करता है इसमें निवेश
2018 में सरकार ने किसानों की आय बढ़ाने के लिए भांग के मेडिकल इस्तेमाल और रिसर्च की इजाजत दे दी थी. भांग की एक किस्म 'हेम्प' और नशा ना देने वाले एक कंपाउंड कैनाबिडियोल (सीबीडी) के वैध घोषित किए जाने के बाद कंपनियों ने इसमें बहुत पैसा लगाया.
गांजा का टूथपेस्ट
उपभोक्ता सामान बनाने वाली कंपनियों ने सीबीडी-आधारित टूथपेस्ट, कॉस्मेटिक्स और पेय पदार्थ जैसे उत्पाद बाजार में उतारना शुरू कर दिया. ऊर्जा कंपनियों ने हेम्प को उगाना और सप्लाई करना शुरू कर दिया. बड़ी-बड़ी कृषि कंपनियों ने भी रूचि दिखाई. भांग से जुड़े व्यापार करने वाली कंपनियों के शेयरों के दाम बढ़ गए. सरकारी ऐप 'प्लूकगांजा' के मुताबिक 11 लाख लोगों ने भांग उगाने के लिए पंजीकरण करवा लिया था.
रीक्रिएशनल इस्तेमाल
जून 2022 में भांग को मादक पदार्थों की सूची से हटाते ही उसका रीक्रिएशनल इस्तेमाल रातों रात बढ़ गया. पूरे बैंकाक और फुकेत और चिआंग माई जैसे पर्यटन स्थलों में भांग की डिस्पेंसरियां खुल गईं. बैंकाक के खाओ सार्न जिले में भांग कैफे भी खुल गए. नए कानून लाकर इस बढ़े हुए इस्तेमाल को रोकने की कोशिश की गई, लेकिन यह चलता रहा.
चुनावों ने बदल दिया माहौल
2023 में भांग का इस कदर रीक्रिएशनल इस्तेमाल होना एक चुनावी मुद्दा बन गया और कई पार्टियां इसके खिलाफ अभियान करने लगीं. अगस्त, 2023 में फेउ थाई पार्टी ने सरकार बनाई और इस रीक्रिएशनल इस्तेमाल का अंत करने का प्रण लिया. 2024 में स्वास्थ्य मंत्री चोलनान श्रीकौ ने कहा कि भांग का हर तरह का रीक्रिएशनल इस्तेमाल गलत है और सरकार जल्द ही उस पर बैन लगाने के लिए एक बिल लेकर आएगी.
क्या होगा नए कानून में
नए कानून का मसौदा भांग की मार्केटिंग और प्रचार को प्रतिबंधित करता है. उसमें बिना परमिट के भांग उगाने वालों के लिए पहले से भी कड़ी जेल की सजा का प्रावधान है. लेकिन हजारों डिस्पेंसरियों, क्लिनिक और कैफे के भविष्य को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है. कुछ लोगों का कहना है कि अब स्थिति को पलटा नहीं जा सकता है और भांग की बिक्री और रीक्रिएशनल इस्तेमाल का अब अंत नहीं हो सकता है. - सीके/एए (रॉयटर्स)