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रूस पर ऊर्जा के लिये निर्भर नहीं रहेगा जर्मनी, यूएई से करार

२६ सितम्बर २०२२

संयुक्त अरब अमीरात के साथ जर्मनी ने प्राकृतिक गैस और डीजल की सप्लाई के लिये करार किया है. रूसी ऊर्जा की सप्लाई का विकल्प ढूंढने के लिये जर्मन चांसलर ने कतर और सऊदी अरब का भी दौरा किया है.

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खाड़ी देशों के दौरे पर जर्मन चांसलर
जर्मनी ने यूएई के साथ डीजल और गैस की सप्लाई के लिये करार किया हैतस्वीर: Qatar News Agency/AP/picture alliance

रविवार को संयुक्त अरब अमीरात के उद्योग मंत्री सुल्तान अहम अल जाबेर ने जर्मनी के साथ हुए करार को "ऐतिहासिक नया करार" बताया जो जर्मनी और यूएई के बीच तेजी से बढ़ती साझेदारी को सुदृढ़ बनायेगा." जर्मन चांसलर की यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायेद अल नाह्यान से मुलाकात के दौरान ऊर्जा सुरक्षा, उत्सर्जन में कटौती और जलवायु के लिये काम करने पर चर्चा हुई.

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सऊदी अरब की सरकारी तेल कंबनी एडीएनओसी ने इसी महीने पहली बार जर्मनी को डीजल की सप्लाई दी है. कंपनी का कहना है कि 2023 तक वह जर्मनी को हर महीने 250,000 टन डीजल की सप्लाई करेगी. जर्मनी को 137,000 क्यूबिक मीटर गैस की सप्लाई भी होगी जो दिसंबर में हैंबर्ग के पास ब्रुन्सबॉयटेल के तैरते एलएनजी टर्मिनल तक पहुचेगी. 2023 में एडीएनओसी जर्मनी को एलएनजी के जरिये और गैस की सप्लाई देगा. 

जर्मन चांसलर का खाड़ी देशों का दौरा
कतर के अमीर के साथ जर्मन चांसलरतस्वीर: Qatar News Agency/AP/picture alliance

ऊर्जा सप्लाई का विकल्प ढूंढने निकले चांसलर

जर्मन चांसलर की सऊदी अरब, कतर और यूएई के यात्रा के दौरान यह करार हुआ है. खाड़ी देशों की दो दिन की यात्रा में जर्मन चांसलर ने शनिवार को सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान से जेद्दा में मुलाकात की. रविवार दोपहर को वह यूएई से दोहा चले गये और कतर के अमीर शेख तमीमन बिन हमाद अल तानी से भी उर्जा और निवेश पर बातचीत की. हालांकि कतर में किसी करार की घोषणा नहीं हुई. दोनों देशों के बीच एलएनजी सप्लाई के करार की समय सीमा पर बात अटकी हुई है. जर्मन चांसलर ने कतर के बारे में कहा कि वहां मानवाधिकारों की स्थिति में कुछ सुधार हुआ है हालांकि उन्होंने नवंबर में शुरू हो रहे फुटबॉल वर्ल्ड कप में आने का कोई वादा नहीं किया.

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यूएई की यात्रा के दौरान शॉल्त्स  जलवायुन परिवर्त मंत्री मरियम अलमहेरी के साथ पर्यावरण से जुड़े मैंग्रोव पार्क प्रोजेक्ट को भी देखने गये. अलमहेरी ने बताया कि शॉल्त्स के साथ जलवायु के लिए उठाये जा रहे कदमों और आर्थिक विकास के साथ ही ऊर्जा की आपूर्ति पर चर्चा हुई. अलमहेरी ने कहा, "यूएई मानता है कि तीनों स्तंभों को एक साथ चलना होगा. हम इनमें से एक या दो को अलग करके नहीं दे सकते."

रूस पर ऊर्जा के लिये निर्भर नहीं रहेगा जर्मनी

यूएई, सऊदी अरब और कतर ऊर्जा के स्रोतों में बदलाव के यूरोपीय मॉडल के आलोचक रहे हैं. ये देश उसे अवास्तविक करार देते हैं साथ ही पिछले दो सालों में यूरोप को हुई ऊर्जी की कमी के लिये जिम्मेदार भी बताते हैं.

खा़ड़ी देशों के दौरे पर जर्मन चांसलर
यूएई की जलवायु परिवर्तन मंत्री मरियम अमहेरी के साथ ओलाफ शॉल्त्सतस्वीर: Kay Nietfeld/dpa

अबू धाबी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान शॉल्त्स ने कहा कि उनका देश रूस पर ऊर्जा के लिए निर्भर नहीं रहेगा. शॉल्त्स का कहना है, "हम एक सप्लायर और उसके फैसलों पर निर्भर रहे हैं लेकिन यह सच्चाई अब दोबारा हमारे साथ नहीं होगी."

शॉल्त्स का कहना है कि जर्मनी में अब जिस तरह का निवेश हो रहा है उससे धीरे धीरे अगले साल तक जर्मनी में गैस के आयात का बुनियादी ढांचा तैयार हो जायेगा. उसके बाद जर्मनी किसी एक खास सप्लायर पर ऊर्जा के लिये निर्भर नहीं रहेगा.

शॉल्त्स का दौरा खत्म होने से एक दिन पहले ही फ्रांस की कंपनी टोटल एनर्जीज ने 1.5 अरब डॉलर का निवेश करने के लिए कतर से करार किया है. इसके जरिये दोहा में प्राकृतिक गैस का उत्पादन बढ़ाया जायेगा. शॉल्त्स इस करार को अहम बताया और कहा कि दुनिया भर में लिक्विफायड गैस का उत्पादन बढ़ाया जायेगा जिसके की ऊंची मांग को पूरा किया जा सके.

एनआर/ओएसजे (एएफपी)