मध्य प्रदेश: अब ढोल बजाकर बुलडोजर से ढहाया मकान
२० जुलाई २०२३उज्जैन में "महाकाल की सवारी" पर कथित तौर पर थूकने का वीडियो वायरल हुआ था. इस वीडियो में तीन युवक एक घर की छत पर खड़े होकर सवारी में शामिल लोगों पर कथित तौर पर थूकते नजर आ रहे थे. यह वीडियो सोमवार (17 जुलाई) का था.
इस घटना के बाद उज्जैन पुलिस ने सोमवार रात को दो नाबालिग भाइयों समेत तीन लोगों को गिरफ्तार किया था. वीडियो सोशल मीडिया में वायरल होने के बाद लोगों ने विरोध किया था. इसके बाद उज्जैन नगर निगम की टीम ने पुलिस और प्रशासन के साथ बुधवार सुबह आरोपियों में से एक के तीन मंजिला अवैध मकान को बुलडोजर से ढहा दिया.
ढोल बजाकर बुलडोजर चलाया
जिला प्रशासन की इस कार्रवाई में सबसे हैरानी की बात यह थी कि वह बुलडोजर के साथ ढोल और नगाड़े लेकर पहुंची थी. सोशल मीडिया पर भी इसका वीडियो साझा किया जा रहा है. जिसमें देखा जा सकता है कि तीन मंजिला मकान को गिराने से पहले बुलडोजर खड़ा है और दो लोग ढोल बजा रहे हैं.
इस दौरान पुलिस और नगर निगम के कर्मचारी पास खड़े हैं और आसपास के लोग इसका वीडियो बना रहे हैं. उज्जैन के सहायक पुलिस अधीक्षक आकाश भूरिया ने बताया कि कार्रवाई के दौरान मुनादी का नियम है, इसलिए ढोल लेकर आए थे.
भूरिया ने मीडिया से कहा, "कुछ दिन पहले उज्जैन में एक धार्मिक जुलूस के दौरान कुछ उपद्रवियों ने जमकर उत्पात मचाया था. आज हमने नगर निगम के साथ मिलकर उनके घर को तोड़ने का अभियान चलाया."
ढोल बजाने की दलील
तीनों लोगों के खिलाफ एफआईआर सावन लोट नाम के व्यक्ति की शिकायत पर की गई. तीनों लोगों पर 295ए (धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के इरादे से जानबूझकर और दुर्भावनापूर्ण कृत्य) और 153ए (पूजा स्थल पर किया गया अपराध) समेत विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था.
ढोल के इस्तेमाल पर सवाल को लेकर पुलिस की दलील है कि पारंपरिक रूप से अतिक्रमण को हटाने के लिए सार्वजनिक घोषणा की जाती है और इसलिए ढोल का इस्तेमाल किया गया. भूरिया ने कहा, "यही कारण है कि आज के इस कार्य के लिए इसका इस्तेमाल किया गया."
मीडिया रिपोर्टों में कहा जा रहा है कि उज्जैन नगर निगम ने कथित अनियमितता का विवरण देने से इनकार कर दिया. और उसने यह नहीं बताया कि किस कारण से मकान को ढहाया गया. नगर निगम का दावा है कि मकान में रहने वालों को बहुत पहले से इस बारे में नोटिस जारी कर दिया गया था.
थूकने के कथित आरोपियों में से दो नाबालिग हैं जबकि तीसरा आरोपी कुछ महीने पहले बालिग हुआ था. दोनों नाबालिग को सुधार गृह भेज दिया गया है वहीं तीसरे आरोपी को कोर्ट में पेश करने के बाद जेल भेज दिया गया. तीनों ही आरोपी अल्पसंख्यक समुदाय से आते हैं.
बीजेपी शासित प्रदेशों में खास समुदाय को निशाना बनाने के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल को लेकर मामला सुप्रीम तक जा चुका है. एक मामले की सुनवाई में कोर्ट कह चुका है कि अतिक्रमण को हटाने के लिए नियमों का पालन किया जाना चाहिए.