प्रवासी तस्करी रोकने के लिए ब्रिटेन और जर्मनी ने मिलाया हाथ
१० दिसम्बर २०२४सोमवार को ब्रिटेन और जर्मनी ने अपनी संयुक्त कार्य योजना की जानकारी दी. जर्मनी ने कहा कि वह अपने कानून को और कड़ा करेगा. नए नियमों के तहत, ब्रिटेन में प्रवासी तस्करी को स्पष्ट रूप से अपराध घोषित किया जाएगा.
यह घोषणा ‘काले ग्रुप' की बैठक से पहले हुई है. इस बैठक में ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, बेल्जियम और नीदरलैंड के मंत्री शामिल होंगे. साथ ही, यूरोपीय आयोग और यूरोपोल जैसे संगठनों के प्रतिनिधि भी चर्चा में हिस्सा लेंगे. इस बैठक में 2025 के लिए एक कार्य योजना को अंतिम रूप दिया जाएगा.
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि इससे जर्मन अभियोजकों को तस्करी के नेटवर्क तोड़ने और छोटी नौकाओं की सप्लाई रोकने में मदद मिलेगी. साथ ही, दोनों देश तस्करों की नई चालों को विफल करने के लिए एकजुट होकर काम करेंगे.
जर्मनी की गृह मंत्री नैंसी फेजर ने कहा कि तस्करी के कई अपराधों की योजना जर्मनी में ही बनाई जाती है. उन्होंने बताया, "ये संगठित गिरोह लोगों को डरा-धमकाकर नौकाओं में भरकर चैनल पार भेजते हैं. इससे मानव जीवन खतरे में पड़ता है. अब हम इन तस्करों को कड़ी चुनौती देने जा रहे हैं."
जिंदगियां बचाने और सुरक्षा बढ़ाने की कोशिश
ब्रिटेन की गृह मंत्री यवेट कूपर ने इस समझौते को मानव तस्करी के खिलाफ अहम कदम बताया. उन्होंने कहा, "लंबे समय से संगठित गिरोह कमजोर लोगों का शोषण कर रहे हैं. यह हमारी सीमाओं की सुरक्षा को नुकसान पहुंचा रहे हैं और हजारों जिंदगियों को खतरे में डाल रहे हैं."
उन्होंने कहा, "हमारा नया समझौता जर्मनी के साथ साझेदारी को मजबूत करेगा. इससे हम इन खतरनाक नेटवर्क को नष्ट करने में और सक्षम होंगे."
2024 में इंग्लिश चैनल में तस्करी के कारण अब तक 70 से ज्यादा लोग अपनी जान गंवा चुके हैं. करीब 34,000 प्रवासी अस्थायी नौकाओं से ब्रिटेन पहुंचे. सरकार ने इसे एक बड़ा खतरा बताया है और इसे आतंकवाद जैसे गंभीर मुद्दे के बराबर माना है. हाल के सालों में यूरोप मानव तस्करी रोकने के लिए कई कदम उठा रहा है. 2022 में यूरोपीय पुलिस ने वियतनामी तस्करों के एक बड़े गिरोह का भंडाफोड़ किया था.
यूरोप के साथ व्यापक सहयोग
आने वाली ‘काले ग्रुप' की बैठक में तस्करी के खिलाफ व्यापक कदम उठाने पर चर्चा होगी. सभी देश तस्करी के रास्तों को रोकने और संगठित अपराधियों के नेटवर्क को खत्म करने पर सहमत होंगे. यूरोपीय एजेंसियां जैसे फ्रोंटेक्स और यूरोपोल भी बैठक में शामिल होंगी. चर्चा का केंद्र खुफिया जानकारी साझा करना और अवैध वित्तीय लेन-देन पर रोक लगाना होगा.
ब्रिटेन के गृह मंत्रालय ने कहा कि समूह तस्करों के बिजनेस मॉडल को खत्म करने और अपराधियों को सजा दिलाने पर जोर देगा. साथ ही, सोशल मीडिया पर तस्करी से जुड़ी सामग्री हटाने और तस्करी के रूट पर कड़ा नियंत्रण करने के उपाय किए जाएंगे.
मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के मुताबिक यह समझौता अवैध प्रवास और तस्करी के नेटवर्क से निपटने में एक बड़ा कदम है. हालांकि, इन समस्याओं का समाधान जटिल है लेकिन ब्रिटेन और जर्मनी की साझेदारी यह दिखाती है कि दोनों देश इन अपराधों की जड़ों को खत्म करने और जिंदगियां बचाने के लिए प्रतिबद्ध हैं.
बढ़ती जा रही है तस्करी
काले ग्रुप की बैठक मजबूत अंतरराष्ट्रीय प्रयासों का रास्ता साफ करेगी. यह यूरोप की सबसे गंभीर चुनौतियों में से एक के खिलाफ एकजुट लड़ाई का संकेत है. यूरोप में मानव तस्करी के आंकड़ों में हाल के वर्षों में वृद्धि देखी गई है. 2022 में,
यूरोपीय संघ में मानव तस्करी के 10,093 मामले दर्ज किए गए, जो 2021 की तुलना में 41 फीसदी ज्यादा हैं. इस वृद्धि का एक प्रमुख कारण युद्धग्रस्त क्षेत्रों जैसे यूक्रेन से पलायन करने वाले लोगों की तस्करी का बढ़ना है. 2022 में, दर्ज किए गए पीड़ितों में से 63 फीसदी महिलाएं और लड़कियां थीं. वहीं, 15 फीसदी पीड़ित बच्चे थे, जिनमें से 75 फीसदी लड़कियां थीं.
2023 में, यह देखा गया कि तस्करी के अधिकांश मामले यौन शोषण (41फीसदी) और श्रम शोषण (41 फीसदी) से संबंधित थे, जबकि अन्य मामलों में अपराध में जबरन गिरोहों में शामिल करना, भीख मंगवाना, और अंगों का व्यापार शामिल है. यूरोप में तस्करों के लिए अनुमानित वार्षिक लागत 2.7 बिलियन यूरो है. आंकड़ों के अनुसार, 2023 में मानव तस्करी के संदिग्ध मामलों में कमी आई, लेकिन सजा दिलाने की दर भी तुलनात्मक रूप से कम रही.
वीके/सीके (रॉयटर्स, एएफपी)