2023 एक दशक में प्रवासियों के लिए सबसे घातक साल
७ मार्च २०२४संयुक्त राष्ट्र का कहना है कि पिछला साल 2014 के बाद से प्रवासियों के लिए सबसे घातक रहा, जिसमें दुनिया भर में प्रवासन मार्गों पर 8,565 से अधिक लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी और यह अब तक का सबसे जानलेवा साल साबित हुआ है.
अंतरराष्ट्रीय प्रवासन संगठन (आईओएम) की ओर से जारी एक रिपोर्ट के मुताबिक, "2022 की तुलना में 2023 में मौतों की संख्या में 20 प्रतिशत की दुखद वृद्धि हुई है, जो इसकी गंभीरता को बताती है. यह आगे की रोकथाम के लिए कार्रवाई की तत्काल आवश्यकता पर भी प्रकाश डालती है."
संगठन का "मिसिंग माइग्रेंट्स प्रोजेक्ट" दुनिया भर में प्रवासियों की मौत और गायब होने की घटनाओं को इकट्ठा करता है और उनका दस्तावेजीकरण करता है.
चौंकाने वाले आंकड़े
आईओएम के उप महानिदेशक उगोची डेनियल्स ने बताया कि ये भयावह आंकड़े ध्यान दिलाते हैं कि सभी के लिए सुरक्षित प्रवासन सुनिश्चित करने की कार्रवाई कितनी जरूरी है.
डेनियल्स ने कहा, "लापता प्रवासी परियोजना द्वारा जमा किए गए ये चौंकाने वाले आंकड़े बताते हैं कि हमें और अधिक करने के लिए खुद को फिर से प्रतिबद्ध करना चाहिए."
उन्होंने आगे कहा, "हमें ऐसा करना चाहिए, जिससे सभी के लिए सुरक्षित प्रवासन सुनिश्चित हो सके, ताकि दस साल बाद अब लोगों को बेहतर जगह की तलाश में अपनी जान जोखिम में ना डालनी पड़े."
प्रवासन मार्गों पर अपनी जान गंवाने और लापता होने वाले व्यक्तियों के मामले में 2016 ने रिकॉर्ड बनाया था जब 8,084 लोगों की मौत हुई थी मगर अब 2023 ने इसे पीछे छोड़ दिया है.
यूरोप पहुंचने की चाह
आईओएम का कहना है कि सुरक्षित और विनियमित मार्गों की कमी हजारों लोगों को खतरनाक प्रवासन मार्ग अपनाने के लिए मजबूर करती है. प्रवासियों के लिए सबसे खतरनाक मार्ग भूमध्य सागर है, जहां 2023 में उत्तरी अफ्रीका से यूरोप पहुंचने की कोशिश में कम से कम 3,129 प्रवासियों की मौत हो गई.
ये आंकड़े 2017 के बाद से इस मार्ग पर सबसे अधिक मौतों को दर्शाते हैं.
2023 में पूरे अफ्रीका में 1,866 और एशिया में 2,138 प्रवासियों की बड़ी संख्या में मौतें दर्ज की गईं. इनमें से अधिकांश प्रवासियों की मौत अफ्रीका में सहारा रेगिस्तान और स्पेन के कैनरी द्वीप के समुद्री मार्ग में हुई. दूसरी तरफ एशिया में बड़ी संख्या में रोहिंग्या शरणार्थियों और अफगान शरणार्थियों की जान चली गई.
रिपोर्ट में कहा गया है कि 2023 में सभी प्रवासी मौतों में से आधे से अधिक की मौत डूबने से हुई. नौ प्रतिशत मौतें वाहन दुर्घटनाओं के कारण हुईं जबकि सात प्रतिशत मौतें हिंसा के कारण हुईं.
इस साल भी अब तक 512 प्रवासियों की जान जा चुकी है.
एए/वीके (एएफपी, रॉयटर्स)