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अपराध

दुनिया भर में हर चौथे दिन हुई एक पत्रकार की हत्या: यूनेस्को

४ नवम्बर २०२४

यूनेस्को की नई रिपोर्ट दिखाती है कि साल 2022-23 में दुनिया भर में हर चार दिन में एक पत्रकार की हत्या हुई.

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रूस-यूक्रेन के बीच जारी युद्ध के दौरान प्रेस की जैकेट और हेलमेट
पत्रकारों की हत्या के सबसे ज्यादा मामले लैटिन अमेरिकी और कैरिबियन क्षेत्रों में दर्ज किए गए हैंतस्वीर: Juancho Torres/AA/picture alliance

यूनेस्को द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दो सालों की तुलना में 2022-23 में पत्रकारों की हत्या के मामले 38 फीसदी बढ़े हैं और ज्यादातर मामलों में अपराधियों को सजा भी नहीं मिली है.

रिपोर्ट के अनुसार, काम करते समय 162 पत्रकारों ने अपनी जान गंवाई है. यूनेस्को की महानिदेशक ऑड्री अजूले का कहना है, "2022 और 2023 में, हर चार दिन में एक पत्रकार को सिर्फ इसलिए मार दिया गया क्योंकि वो बस अपना काम कर रहा था."

कहां हुईं सबसे ज्यादा हत्याएं

पत्रकारों की हत्या के मामले में मेक्सिको टॉप पर है, जहां 2022 में 19 पत्रकारों की हत्या की गई और 2023 में फलीस्तीनी इलाकों में 24 पत्रकारों को मारा गया.

सबसे ज्यादा हत्याएं लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों में हुईं, जहां दो सालों में 61 पत्रकार मारे गए. जबकि उत्तरी अमेरिका और पश्चिमी यूरोप सबसे कम खतरनाक इलाके थे, जहां छह पत्रकारों की हत्या हुई.

यूनेस्को: पत्रकारों के अधिकांश हत्यारों को नहीं मिलती सजा

2022-23 में मारे गए पत्रकारों में 14 महिलाएं शामिल थीं और कम से कम पांच पत्रकार ऐसे थे जिनकी उम्र 15 से 24 के बीच थी.

मारे गए ज्यादातर पत्रकार ऐसे इलाकों में थे जहां संघर्ष चल रहा था. ऐसे इलाकों में 44 हत्याएं हुईं जो उस साल की कुल संख्या का 59 प्रतिशत थी.

मेक्सिको में स्थानीय महिला पत्रकार की हत्या के बाद श्रद्धांजलि देते लोग
साल 2022 में मेक्सिको में 19 पत्रकारों की हत्या की गईतस्वीर: Ivan Arias/REUTERS

किन वजहों से हुई हत्याएं

रिपोर्ट में बताया गया है कि ज्यादातर पत्रकारों को इसलिए मारा गया क्योंकि वे संगठित अपराध या भ्रष्टाचार पर काम कर रहे थे या विरोध प्रदर्शनों की रिपोर्टिंग में शामिल थे.

लैटिन अमेरिका और कैरिबियन देशों के अलावा अरब देशों को भी पत्रकारों के लिए सबसे खतरनाक इलाकों की श्रेणी में रखा गया है.

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नहीं होती सुनवाई

रिपोर्ट से पता चला है कि हत्या से जुड़े ज्यादातर मामलों में सजा नहीं मिली है. कई देशों द्वारा यूनेस्को को दिए गए जवाब के अनुसार, 2006 से 85 प्रतिशत मामले या तो अनसुलझे हैं या छोड़ दिए गए हैं. अजूल कहती हैं, " ऐसे अपराधों के लिए निश्चित तौर पर सजा मिलनी चाहिए फिर भी 85 फीसदी मामलों में ये हाल है."

यूनेस्को की द्विवार्षिक रिपोर्ट दुनिया भर में पत्रकारों की सुरक्षा की स्थिति का विश्लेषण करती है. संगठन पत्रकारों की हत्या के मामलों में सजा न मिलने के खिलाफ एक वार्षिक प्रचार अभियान चलाता है. इस साल यह 6 नंवबर को इथियोपिया की राजधानी अडीस अबाबा में आयोजित किया जाएगा.

एवाई/आरपी (एफपी/डीपीए)