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समाज

यूपी में "लव जिहाद" पर अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी

आमिर अंसारी
२५ नवम्बर २०२०

यूपी सरकार ने शादी के लिए जबरन धर्म परिवर्तन के खिलाफ अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी है. अध्यादेश के मुताबिक जबरन धर्म बदलने पर 10 साल तक की जेल हो सकती है. राज्यपाल की मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश में कानून बन जाएगा.

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तस्वीर: Aletta Andre

उत्तर प्रदेश की कैबिनेट ने मंगलवार को गैर कानूनी धर्म परिवर्तन के अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दे दी है. अध्यादेश के मुताबिक किसी दूसरे धर्म में शादी करने के लिए दो महीने का नोटिस देने के साथ जिला अधिकारी से इजाजत लेना अनिवार्य होगा. राज्य सरकार के प्रवक्ता और कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने बताया कि मुख्यमंत्री योगी की अध्यक्षता में हुई बैठक में धर्मांतरण अध्यादेश के मसौदे को कैबिनेट ने मंजूरी दी है. इसके तहत शादी के लिए लालच, धोखा या जबरन धर्म बदलवाने पर 10 साल तक की सजा और जुर्माने का प्रावधान है. इस मसौदे पर बोलते हुए सिंह ने कहा, "अगर कोई धर्म परिवर्तन करना चाहता है, तो उसे दो महीने पहले जिला अधिकारी को सूचना देनी होगी. इजाजत मिलने पर ही वे ऐसा कर सकेंगे." इसका उल्लंघन किए जाने पर छह महीने से तीन साल तक की सजा और जुर्माने की राशि 10 हजार रुपये से कम की नहीं होने का प्रावधान है.

कठोर होगा कानून

जिस अध्यादेश के मसौदे को मंजूरी दी गई है उसका नाम "विधि विरुद्ध धर्म संपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020" है और राज्यपाल की मंजूरी के बाद यह राज्य में कानून बन जाएगा. सरकार का कहना है कि इस कानून का मकसद महिलाओं को सुरक्षा देना है. इस अध्यादेश के मसौदे के मुताबिक नाबालिग,अनुसूचित जाति जनजाति की महिला के धर्मपरिवर्तन पर कड़ी सजा होगी, सामूहिक धर्म परिवर्तन कराने वाले सामाजिक संगठनों के खिलाफ कार्रवाई होगी.

धर्म परिवर्तन के साथ अंतर-धार्मिक शादी करने वाले को साबित करना होगा कि उसने इस कानून को नहीं तोड़ा है, लडक़ी का धर्म बदलकर की गई शादी को शादी नहीं माना जाएगा. गैरकानूनी सामूहिक धर्म परिवर्तन में कम से कम पचास हजार रुपये जुर्माना और तीन से 10 साल तक की सजा होगी.

गौरतलब है कि मंगलवार को ही इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एक फैसले में कहा था कि वयस्क अपने फैसले लेने के लिए आजाद हैं. साथ ही हाईकोर्ट ने अंतर-धार्मिक विवाह पर मुस्लिम शख्स के खिलाफ लड़की के परिजनों द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द कर दिया था.

उत्तर प्रदेश, हरियाणा, मध्य प्रदेश और अन्य बीजेपी शासित राज्यों में इन दिनों अंतर-धार्मिक विवाह को लेकर राजनीति गरमाई हुई है. बीजेपी और अन्य दक्षिणपंथी संगठन मुस्लिम लड़के और हिंदू लड़की के विवाह को तथाकथित लव जिहाद कहते हैं. "लव जिहाद" एक शब्दावली है जो हिंदू संगठन इस तरह के विवाह को परिभाषित करने के लिए करते आए हैं.

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