पन्नू की हत्या की साजिश में भारतीय अधिकारी का हाथः अमेरिका
३० नवम्बर २०२३अमेरिका ने कहा है कि एक खालिस्तान समर्थक अमेरिकी नागरिक की हत्या की विफल साजिश के पीछे भारतीय अधिकारी काम कर रहा था. बुधवार को अमेरिका के न्याय मंत्रालय ने भारतीय मूल के एक व्यक्ति पर हत्या की साजिश का मुकदमा दर्ज किया.
अमेरिकी अधिकारियों ने न्यूयॉर्क में कहा कि 52 वर्षीय निखिल गुप्ता भारत सरकार के एक कर्मचारी के साथ मिलकर काम कर किया. यह अधिकारी सुरक्षा और जासूसी के लिए जिम्मेदार है. अधिकारियों ने आरोप लगाया कि गुप्ता ने इस अधिकारी के साथ मिलकर हत्या की साजिश रची थी.
भारतीय अधिकारी की भूमिका
अधिकारियों ने उस व्यक्ति की पहचान आधिकारिक रूप से जारी नहीं की है, लेकिन इससे पहले अधिकारी गुरपतवंत सिंह पन्नू का नाम ले चुके हैं जो सिख्स फॉर जस्टिस नामक संगठन के नेता हैं. सिख्स फॉर जस्टिस खालिस्तान समर्थक संगठन है जो भारत से अलग खालिस्तान बनाए जाने के लिए आंदोलनरत है. पन्नू के पास अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता है.
अमेरिकी अधिकारियों ने कथित तौर पर साजिश में शामिल भारतीय अधिकारी का नाम भी उजागर नहीं किया है. जिस व्यक्ति निखिल गुप्ता पर मुकदमा दर्ज किया गया है, उसे जून में चेक रिपब्लिक में गिरफ्तार किया गया था और उसके अमेरिका को प्रत्यार्पण की प्रक्रिया चल रही है.
वरिष्ठ अमेरिकी सरकारी वकील डेमियन विलियम्स ने एक बयान जारी कर कहा, "आरोपी ने भारत में रहकर यहां न्यूयॉर्क में भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक की हत्या की साजिश रची, जो सिखों के लिए अलग देश स्थापित करने की वकालत करता है.”
भारत की प्रतिक्रिया
पिछले हफ्ते ही अमेरिकी अधिकारियों ने कहा था कि उन्होंने पन्नू की हत्या की साजिश का भंडाफोड़ किया है. अमेरिका ने इस मामले में भारत सरकार की भूमिका पर चिंता जताई थी और भारत को चेतावनी भी जारी की थी. इससे पहले कनाडा ने आरोप लगाया था कि वहां भारतीय मूल के कनाडाई नागरिक की हत्या में भारतीय अधिकारियों की भूमिका के सबूत मिले हैं.
निखिल गुप्ता की गिरफ्तारी पर फिलहाल भारत ने कोई टिप्पणी नहीं की है लेकिन पिछले हफ्ते भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा था कि अमेरिकी आरोपों की औपचारिक रूप से जांच की जाएगी.
उन्होंने कहा कि भारत ने कार्रवाई का वादा किया है. वॉटसन ने कहा, "भारत सरकार इस बारे में स्पष्ट है कि वे इसे गंभीरता से ले रहे हैं और जांच करेंगे. हम भारत से जवाबदेही की उम्मीद करते हैं.”
बीते बुधवार को विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा था, "भारत ऐसी जानकारियों को गंभीरता से लेता है क्योंकि ये हमारे अपने राष्ट्रीय सुरक्षा हितों को प्रभावित करते हैं. इस बारे में जरूरी कदम उठाए जाएंगे.”
अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता आड्रिएने वॉट्सन ने कहा कि गुप्ता ने यह बात स्वीकार की है कि वह भारतीय अधिकारी के निर्देश पर काम कर रहा था. उन्होंने कहा, "हमने इस सूचना को पूरी गंभीरता से लिया और सर्वोच्च स्तर पर भारतीय अधिकारियों के साथ संवाद किया और अपनी चिंताएं जाहिर की.”
कनाडा भी सक्रिय
हालांकि जब भारत पर ऐसे ही आरोप कनाडा ने लगाए थे तो भारत ने उन्हें सिरे से नकार दिया था और कनाडा के खिलाफ कड़ी कूटनीतिक कार्रवाई करते हुए उसके दूतावास से कई अधिकारियों को निष्कासित कर दिया था.
अमेरिकी आरोपों के बाद कनाडा ने एक बार फिर भारत से मांग की है कि उसके आरोपों को गंभीरता से लिया जाए. बुधवार को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अमेरिका में जो हुआ, वह उनके आरोपों को पुख्ता करता है.
ट्रूडो ने कहा, "अमेरिका से जो खबरें आ रही हैं, वे हमारी उस बात को और पुख्ता करती हैं जो हम शुरू से कह रहे हैं कि भारत को इसे गंभीरता से लेने की जरूरत है.”
भारत का आरोप है कि कनाडा में भारत विरोधी गतिविधियों को शह दी जा रही है. वह कई बार कनाडा से भारत विरोधी गतिविधियों में शामिल लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने को कह चुका है. इस वजह से दोनों देशों के संबंधों में काफी तनाव चल रहा है.
वीके/एए (एएफपी, रॉयटर्स, एपी)