अमेरिका में रिकॉर्डतोड़ महंगाई
१३ जनवरी २०२२दिसंबर के दौरान अमेरिका में महंगाई दर सालाना सात प्रतिशत के स्तर पर पहुंच गई है. केंद्रीय बैंक में नंबर-दो की जगह लेने के लिए नामित लाइल ब्रेनार्ड ने कहा अमेरिकी मुद्रास्फीति 'बहुत अधिक' है और अमेरिकी फेडरल रिजर्व इसे कम करने को प्राथमिकता देगा. दुनिया के सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था में महंगाई की दर 1982 के बाद सबसे ज्यादा है. ब्रेनार्ड फेडरल रिजर्व के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स की सदस्य हैं और उन्हें पिछले साल नवंबर के अंत में राष्ट्रपति जो बाइडेन द्वारा उपाध्यक्ष के पद के लिए नामित किया गया था.
महंगाई से बढ़ी चिंता
अमेरिका में उपभोक्ता मूल्य महंगाई सूचकांक पिछले साल दिसंबर में सात फीसदी से अधिक की सालाना दर से बढ़ा जो जून 1982 के बाद सबसे अधिक है. यानी अमेरिका में महंगाई पिछले 40 सालों में सबसे तेज गति से बढ़ी है. नवंबर में यह 6.8 फीसदी बढ़ी थी. ब्रेनार्ड ने एक बयान में कहा, "हमारी मुद्रा नीति मुद्रास्फीति को वापस 2 प्रतिशत तक लाने पर केंद्रित है, साथ ही एक रिकवरी को बनाए रखना है जिसमें सभी शामिल हों."
साथ ही उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था "स्वागत योग्य प्रगति कर रही है, लेकिन महामारी चुनौतियां पेश कर रही है." उन्होंने कहा, "हमारी प्राथमिकता हमारे द्वारा किए गए लाभ की रक्षा करना और पूर्ण रिकवरी का समर्थन करना है."
फेडरल रिजर्व ने पहले ही उस स्टीमुलस पैकेज को वापस लेना शुरू कर दिया है जो महामारी के दौरान अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए दिया गया था. देश में खाने की चीजें, गैस और मकान का किराया बढ़ने की वजह से यहां के नागरिकों की माली हालत खस्ता हो रही है.
दुनिया में बढ़ी महंगाई
पिछले एक साल में वैश्विक स्तर पर महंगाई बढ़ी है, आंशिक रूप से उच्च ऊर्जा लागत और कोरोना वायरस महामारी के कारण सप्लाई चेन बाधित होना भी इसका एक कारण है. भारत में भी खुदरा महंगाई दर छह महीने के उच्च स्तर पर पहुंच गई है. इसका कारण खाने पीने की चीजों की कीमतों में बढ़ोतरी, पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से महंगाई के आंकड़े बढ़े हैं. इसी के साथ माल ढुलाई भी महंगा हुआ है जिससे किराना और सब्जी-भाजी के दाम बढ़े हैं. सरकारी आंकड़े के मुताबिक भारत में दिसंबर 2021 में खुदरा महंगाई दर 5.59 प्रतिशत हो गई. जुलाई 2021 में भी महंगाई दर 5.59 प्रतिशत थी.
एए/सीके (एपी, एएफपी)