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ओमिक्रॉन पर कम प्रभावी है टीका: वैक्सीन निर्माता

३० नवम्बर २०२१

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में अन्य वायरस के मुकाबले काफी म्यूटेशन हो चुका है, जिससे इसके खिलाफ अभी मौजूद वैक्सीन का प्रभाव कम होने का डर जताया जा रहा है.

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Weltspiegel | 04.06.2021 | Coronavirus - Impfungen in Kanada
तस्वीर: Carlos Osorio/REUTERS

मॉडेर्ना के चीफ एक्जीक्यूटिव ने डर जताया है कि फिलहाल उपलब्ध कोरोना वायरस के वैक्सीन ओमिक्रॉन वेरिएंट से निपटने में कम प्रभावी साबित हो सकते हैं. स्टेफाने बेंसेल ने चेतावनी दी है कि इन नए वेरिएंट के खिलाफ प्रतिरोधक क्षमता दे सकने वाली वैक्सीन को बनाने में दवा निर्माता कंपनियों को कई महीनों का समय लग सकता है.

बेंसेल ने यह भी कहा कि वायरस के स्पाइक प्रोटीन के बड़ी संख्या में म्यूटेशन होने के चलते नया वेरिएंट ओमिक्रॉन वर्तमान वैक्सीन लगाने के बाद बने एंटीबॉडीज से बचने में कामयाब हो सकता है.

दुनिया भर में नए वेरिएंट का डर

फाइनेंशियल टाइम्स अखबार को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया, "मुझे लगता है, वैक्सीन उस स्तर पर प्रभावी हो ही नहीं सकती... जैसी यह डेल्टा के खिलाफ थी." बेंसेल ने यह भी बताया कि उनकी कंपनी साल 2022 में 2 से 3 अरब तक वैक्सीन डोज बना सकती है. हालांकि उन्होंने पूरे के पूरे वैक्सीन प्रोडक्शन को ओमिक्रॉन के खिलाफ मोड़ देने को भी खतरनाक बताया. उनका कहना था कि अब भी कोरोना के अन्य वेरिएंट का प्रसार हो रहा है और ये खतरनाक हो सकते हैं.

मॉडेर्ना के चीफ एक्जीक्यूटिव की ओर से कही गई बात के आधार पर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि अभी कोरोना महामारी लंबे समय तक खिंच सकती है. इतना ही नहीं यह नया वेरिएंट लोगों को ज्यादा बीमार करने और हॉस्पिटल में भर्ती होने की वजह भी बन सकता है.

बायोनटेक प्रमुख का दावा

बायोनटेक कंपनी के सीईओ उगुर साहीन ने दावा किया है कि बायोनटेक और फाइजर का कोविड-19 टीका नए ओमिक्रॉन वायरस से होने वाली किसी गंभीर बीमारी के खिलाफ ताकतवर सुरक्षा देगा. हालांकि कंपनी अपने मौजूदा टीके को अपग्रेड करने की जरूरत पर भी विचार कर रही है. उगुर साहीन ने कहा, "हम समझते हैं कि इस बात संभावना है कि लोगों को ओमिक्रॉन से होने वाली गंभीर बीमारी से पर्याप्त सुरक्षा होगी." साहीन के अनुसार गंभीर बीमारी का मतलब अस्पताल में भर्ती होना या इंटेंसिव केयर की जरूरत है.

अगले दो हफ्तों में बायोनटेक के कोमिरनाटी टीके की दो या तीन डोज लेने वाले लोगों के खून की जांच ये पता करने के लिए हो रही है कि उसमें पाई जाने वाली एंटीबॉडी ओमिक्रॉन को निष्क्रिय करने में सक्षम है या नहीं. इससे ये पता चलेगा कि क्या ओमिक्रॉन से लड़ने के लिए नए वैक्सीन की जरूरत है. उधर बायोटेक कंपनी अपने टीके का संवर्धित डोज बनाने पर तेजी से काम कर रही है और उसके 2 अरब डोज की सप्लाई हो चुकी है.  

दुनियाभर के स्टॉक मार्केट धड़ाम

ओमिक्रॉन से महामारी के लंबे खिंचने का डर दुनियाभर के स्टॉक मार्केट पर देखा जा रहा है. जापान का निक्केई सूचकांक और ज्यादातर यूरोपीय और अमेरिकी स्टॉक मार्केट में इसके चलते गिरावट देखी गई. पिछले दिनों में भारतीय शेयर बाजार में भी जबरदस्त गिरावट आई है. ओमिक्रॉन की खबर के चलते सिर्फ शुक्रवार को ही दुनियाभर के स्टॉक मार्केट को करीब 2 ट्रिलियन डॉलर की पूंजी का नुकसान झेलना पड़ा था. सोमवार को मार्केट थोड़े संभले लेकिन बेंसल के बयान के बाद एक बार फिर उनमें जबरदस्त अस्थिरता आ गई है.

हालांकि लगातार ओमिक्रॉन के खतरे की खबरों के बीच एस्ट्राजेनेका वैक्सीन के निर्माता ब्रिटेन के ऑक्सफोर्ड ग्रुप के डायरेक्टर ने आशा भरी बात कही है कि इस नए वेरिएंट का प्रभाव इतना ज्यादा नहीं होगा कि महामारी फिर से उठ खड़ी होगी.

एडी/एमजे (एएफपी, डीपीए)