अब वेनेजुएला में नोटबंदी
२३ मार्च २०१८वेनेजुएला के राष्ट्रपति निकोलस मादुरो ने गुरुवार को यह घोषणा की. अपने टेलीविजन संदेश में उन्होंने कहा, "मैंने मुद्रा में से तीन शून्य हटाने का फैसला किया है और बाजार से पुराने नोट और सिक्के हटा कर 4 जून से उनकी जगह नए नोट लाने का फैसला किया है." हालांकि इस कदम से बोलिवर की कीमत पर कोई असर नहीं पड़ेगा.
बोलिवर का सबसे बड़ा नोट भले ही एक लाख का हो लेकिन बाजार में इसकी कीमत कुछ भी नहीं है. काले बाजार में एक लाख बोलिवर के बदले 0.5 डॉलर मिलते हैं. खुद वेनेजुएला में ही एक लाख बोलिवर के बदले एक कप कॉफी भी नहीं खरीदी जा सकती. एक किलो चीनी का भाव है ढाई लाख बोलिवर.
आर्थिक तंगी के शिकार इस देश में महंगाई भी तेजी से बढ़ रही है. पिछले एक साल में महंगाई की दर 6,000 प्रतिशत बढ़ी है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष के अनुसार इस साल यह 13,000 प्रतिशत तक जा सकती है. वेनेजुएला तेल से संपन्न है लेकिन राजनीतिक अस्थिरता ने देश की अर्थव्यवस्था का यह हाल कर रखा है. खाद्य और अन्य सामग्री की कमी के चलते उनके दाम लगातार बढ़ते चले जा रहे हैं.
भले ही आम लोगों के लिए यह थोड़ी राहत जैसा हो कि अब उन्हें चीनी ढाई लाख की जगह मात्र ढाई सौ बोलिवर में खरीदनी होगी लेकिन जानकारों का मानना है कि नोटबंदी से देश के हालात में कोई फर्क नहीं आने वाले है और राष्ट्रपति का यह कदम सिर्फ लोगों का ध्यान महंगाई से भटकाने की एक कोशिश है. अंतरराष्ट्रीय मुद्रा बाजार में बोलिवर अब भी उतना ही कमजोर दिखेगा.
मुद्रा में इस तरह का बदलाव वेनेजुएला के लोगों के लिए कोई नई बात नहीं है. साल 2008 में तत्कालीन राष्ट्रपति हूगो शावेज ने भी इसी तरह तीन शून्य गायब किए थे. तब उन्होंने मुद्रा को "मजबूत बोलिवर" का नाम दिया था.
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देश में भ्रष्टाचार और कमजोर सरकारी तंत्र को महंगाई के लिए जिम्मेदार माना जाता है लेकिन मादुरो लगातार कहते रहे हैं कि यह पश्चिम की उनके खिलाफ साजिश है. अमेरिका, कनाडा और यूरोपीय संघ ने मानवाधिकार हनन के चलते वेनेजुएला पर कई तरह के प्रतिबंध लगाए हुए है. अपने टीवी संदेश में मादुरो ने कहा, "वेनेजुएला बर्बर आर्थिक युद्ध का शिकार है." मादुरो इस साल मई में होने वाले चुनावों में एक बार फिर खड़े होंगे.
आईबी/एके (एएफपी, रॉयटर्स)