दुनिया को कई और वैक्सीन उपलब्ध कराएगा भारत
२९ जनवरी २०२१मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए स्विट्जरलैंड के दावोस में चल रहे विश्व आर्थिक मंच के शिखर सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि देश ने कोरोना महामारी से लड़ने के लिए सभी बाधाओं को दूर किया. उन्होंने देश की कोरोना महामारी से लड़ने की प्रतिक्रिया की तारीफ करते हुए कहा कि अब तक दो वैक्सीन देश में बनाई गई हैं और जल्द ही कई और वैक्सीन आने जा रही हैं.
मोदी ने कहा कि देश में बनी वैक्सीन 150 देशों को निर्यात की जा चुकी है और दुनिया को और टीके उपलब्ध कराए जाएंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि महामारी के दौरान हमने न सिर्फ अपने लोगों की जान बचाई बल्कि वैश्विक जिम्मेदारी भी निभाई है. भारत ने अपने पड़ोसी देशों के अलावा ब्राजील को भी भारत में बनी वैक्सीन भेजी है.
मोदी ने देश में कोरोना से लड़ने के लिए तकनीक के इस्तेमाल के बारे में बोलते हुए कहा, "हमने कोविड-19 विशिष्ट स्वास्थ्य बुनियादी ढांचे के विकास करने पर जोर लगाया, मानव संसाधन को कोरोना से लड़ने के लिए प्रशिक्षित किया, जांच और ट्रैकिंग के लिए तकनीक का भरपूर इस्तेमाल किया."
आत्मनिर्भर भारत पर जोर
आत्मनिर्भर भारत के मुद्दे पर बोलते हुए मोदी ने कहा कि यह वैश्वीकरण को मजबूती दिलाएगा. विश्व आर्थिक मंच में बहुराष्ट्रीय कंपनियों के प्रतिनिधियों को ऑनलाइन संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि वे दुनिया के कारोबारी समुदाय को भरोसा देना चाहते हैं कि अब आर्थिक मोर्चे पर हालात तेजी से सुधरेंगे.
मोदी ने कहा अब भारत आत्मनिर्भर बनने के संकल्प के साथ आगे बढ़ रहा है. भारत की आत्मनिर्भरता की यह आकांक्षा वैश्वीकरण को नए सिरे से मजबूत करेगी. उन्होंने उम्मीद जताई कि इस इस अभियान को इंडस्ट्री 4.0 से भी बहुत बड़ी मदद मिलेगी.
मोदी ने कहा, "विशेषज्ञ बता रहे हैं कि इंडस्ट्री 4.0 के चार मुख्य कारक होने वाले हैं-कनेक्टिविटी, ऑटोमेशन, आर्टिफिशयल इंटेलिजेंस या मशीन लर्निंग और रियल टाइम डाटा. आज भारत दुनिया के उन देशों में से है जहां सबसे सस्ता डाटा उपलब्ध है, जहां के दूर-दराज के इलाकों में मोबाइल कनेक्टिविटी और स्मार्ट फोन उपलब्ध है."
उन्होंने कहा कि वे आश्वस्त है कि इस अभियान को उद्योग जगत से भी मदद मिलेगी. लेकिन भारत में अमेरिकी राजदूत रहे केनेथ जस्टर ने आत्मनिर्भर भारत को लेकर बीते दिनों चिंता जताई थी. उन्होंने कहा था अमेरिकी कंपनियों के अलावा दूसरी कंपनियों को चीन में कारोबार करने में दिक्कत आ रही है. भारत के पास दूसरा विकल्प बनने का अच्छा मौका है. लेकिन इसे पूरा करने के लिए भारत को और अधिक कदम उठाने होंगे.
दावोस संवाद को दुनिया के कई बड़े नेता संबोधित कर चुके हैं जिनमें रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, जर्मन चांसलर अंगेला मैर्केल, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग समेत कई अन्य नेता शामिल हैं.
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