विश्व स्वास्थ्य संगठन के कोविड मौतों के अनुमान पर संदेह
६ मई २०२२2020 और 2021 में पूरी दुनिया में कोविड की वजह से हुई मौतों के बारे में विश्व स्वास्थ संगठन के नए आंकड़ों पर विवाद के बीच संगठन के अनुमान के अभी भी गलत होने की संभावना उभर रही है.
डब्ल्यूएचओ से ही जुड़े महामारीविद एरिक फेल-डिंग ने डीडब्ल्यू को बताया कि इन दो सालों में करीब 1.5 करोड़ लोगों के कोविड से मारे जाने का संगठन का अनुमान बहुत 'कंजर्वेटिव' है. फेल-डिंग संगठन की ही कोविड-19 पर विशेषज्ञ समिति के सदस्य हैं.
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जन स्वास्थ्य के आड़े आ रही राजनीति
उन्होंने यह भी कहा कि भारत का संगठन की रिपोर्ट को ब्लॉक करने की कोशिश करना दिखाता है कि कैसे राजनीति जन स्वास्थ्य के आड़े आ रही है. फेल-डिंग ने कहा, "मुझे लगता है कि कई विकासशील देशों के पास अमीर देशों के जैसी अच्छी, सुदृढ़ स्वास्थ्य प्रणालियां नहीं हैं और वो आसानी से संकट में डूब जाती हैं."
उन्होंने आगे कहा, "इसके अलावा इन देशों में मृत्यु के आंकड़ों पर ठीक से नजर भी नहीं रखी जाती है. इसलिए मैं स्पष्ट कहना चाहूंगा कि यह 1.5 करोड़ का आंकड़ा बस ऐतिहासिक रूप से उपलब्ध संख्या से ऊपर का आंकड़ा है."
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फेल-डिंग ने यह माना कि 1.5 करोड़ आधिकारिक रूप से सरकारों द्वारा दिए गए आंकड़ों से काफी ज्यादा है. उन्होंने कहा, "अर्थशास्त्रियों का अनुमान है कि 2020 से 2021 के बीच दरअसल 1.8 करोड़ लोगों की मौत हुई थी. मई 2022 तक यह अनुमान बढ़ कर 2.1 करोड़ तक पहुंच गया है."
नेतृत्व की विफलता
रिपोर्ट को ब्लॉक करने की कोशिशों के बारे में फेल-डिंग ने कहा, "1.5 करोड़ का आंकड़ा कुछ हफ्तों पहले न्यूयॉर्क टाइम्स ने दिया था और उस समय ऐसी खबर आई थी कि भारत रिपोर्ट को ब्लॉक करने की कोशिश कर रहा है. भारत की वजह से रिपोर्ट अभी तक ब्लॉक थी क्योंकि यह महामारी के समय नेतृत्व की विफलता के बारे में थी.
उन्होंने यह भी बताया कि भारत और ब्राजील इसमें अकेले नहीं है, रूस और ब्रिटेन जैसे कई देशों में भी भारी विफलता देखने को मिली." संगठन का 1.5 करोड़ का आंकड़ा पिछले अनुमान के मुकाबले बहुत बड़ा है.
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इसमें सिर्फ सीधे कोरोना वायरस की वजह से हुई मौतों को ही नहीं बल्कि अस्पतालों के भर जाने जैसे महामारी के दूसरे असर की वजह से हुई मौतों को भी शामिल किया गया है. सबसे ज्यादा मौतों वाले देशों में भारत, रूस, अमेरिका और ब्राजील शामिल हैं.
- सिनिको वैद