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दिल्ली के पहलवान फिर से धरने पर क्यों बैठ गये हैं

२४ अप्रैल २०२३

तीन महीने के बाद भारत के शीर्ष पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर एक बार फिर धरने पर बैठ गए हैं. उनकी मांग है कि भारतीय कुश्ती संघ के प्रमुख को तत्काल गिरफ्तार किया जाए.

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जनवरी में पहलवानों ने कई दिनों तक धरना दिया था
जनवरी में पहलवानों ने कई दिनों तक धरना दिया थातस्वीर: Manish Swarup/AP/picture alliance

इसी साल जनवरी की कड़कड़ाती ठंड में भारत के कई पुरुष और महिला पहलवानों ने भारतीय कुश्ती संघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ दिल्ली के जंतर मंतर पर कई दिनों तक आंदोलन किया था. उन्होंने बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था. उस वक्त पहलवानों के इस आंदोलन ने काफी सुर्खियां बटोरी और केंद्र सरकार ने इन शिकायतों पर कार्रवाई का भरोसा भी दिया था.

तीन महीने बीत जाने के बाद एक बार फिर देश के कई नामी पहलवान दिल्ली के जंतर मंतर पर धरने पर बैठ गये.  इनकी मांग है कि यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच करने वाली कमेटी की रिपोर्ट सार्वजनिक की जाए.

पहलवान बजरंग पूनिया ने ट्विटर पर एक बयान जारी कर सभी खाप पंचायतों से इस धरने में शामिल होने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा कि बहन-बेटियों को न्याय दिलाने के लिए सभी लोग आगे आयें.

आंदोलन कर रहे पहलवानों का कहना है कि वे तब तक यहीं धरने पर बैठे रहेंगे जब तक कि दिल्ली पुलिस बृजभूषण के खिलाफ मामला दर्ज नहीं कर लेती.

गिरफ्तारी की मांग पर अड़े पहलवान

महिला पहलवान विनेश फोगाट ने मीडिया से बात करते हुए कहा, "जिन लड़कियों ने बृजभूषण के खिलाफ यौन उत्पीड़न की शिकायतें दी हैं पुलिस उस पर एफआईआर दर्ज करे और उनको गिरफ्तार किया जाए." उन्होंने कहा जब तक अन्याय के खिलाफ लड़ाई में जीत नहीं मिल जाती वह तब तक यहीं धरने पर बैठी रहेंगी.

पहलवानों का कहना है कि जिन सात लड़कियों ने बृजभूषण  के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है उनमें एक नाबालिग भी है. महिला पहलवानों का कहना है कि उन्होंने 21 अप्रैल को इस संबंध में दिल्ली के कनॉट प्लेस थाने में शिकायत दी थी लेकिन उन्होंने जब 22 अप्रैल को शिकायत की स्थिति जानी तो उन्हें बताया गया कि एफआईआर दर्ज नहीं की गई है.

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एफआईआर दर्ज नहीं हुई

महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न में एफआईआर नहीं करने पर दिल्ली महिला आयोग ने दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी कर 25 अप्रैल तक कार्रवाई रिपोर्ट और गिरफ्तारियों का ब्यौरा मांगा है. दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने एफआईआर दर्ज करने के बाद इसकी कॉपी मांगी है और दिल्ली पुलिस से एफआईआर दर्ज करने में देरी का कारण बताने को कहा है.

शिकायतकर्ताओं ने कहा कि पहलवानों ने यौन उत्पीड़न के कई उदाहरणों का हवाला दिया है, जो 2012 से लेकर  2022 तक के हैं. उनका कहना है कि उन्होंने इस मुद्दे को पहले नहीं उठाया, क्योंकि उन्हें परिणाम भुगतने का डर था.

पिछली बार जब पहलवानों ने धरना प्रदर्शन किया था तब खेल मंत्रालय ने मुक्केबाज मैरी कॉम की अध्यक्षता में पांच सदस्यों वाली निरीक्षण समिति का गठन किया था. समिति को बीजेपी नेता और आपराधिक इतिहास वाले बाहुबली बृजभूषण के खिलाफ आरोपों को देखने के लिए भी कहा गया था.

इन ताजा आरोपों और पहलवानों के धरने पर बृजभूषण ने अब तक अपनी कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. धरने पर बैठे पहलवानों ने सुप्रीम कोर्ट में शिकायतों की निष्पक्ष जांच की मांग करते हुए एक याचिका भी दायर की है. धरने पर बैठे पहलवानों ने समाज के सभी वर्ग, राजनीतिक दल और खापों से उन्हें समर्थन देने की अपील की है.

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