2024 में महंगाई, चुनाव और युद्ध का बोलबाला रहा
महंगाई से प्रेरित सत्ता विरोधी भावना वैश्विक राजनीतिक परिदृश्य को नया आकार दे रही है. साल 2024 महंगाई, चुनाव और युद्ध का साल साबित हुआ.
महंगाई और मतदाता
2024 में दुनिया भर की ज्यादातर अर्थव्यवस्थाओं में मुद्रास्फीति कम हुई, लेकिन मतदाताओं को इसकी परवाह नहीं रही. पिछले कुछ सालों में अंडों से लेकर ऊर्जा तक हर चीज की कीमतों में भारी वृद्धि से नाराज होकर वोटरों ने लगभग हर मौके पर मौजूदा पार्टियों को सजा दी.
ट्रंप की वापसी
अमेरिका में महंगाई ने डॉनल्ड ट्रंप को राष्ट्रपति के रूप में दूसरा कार्यकाल जीतने में मदद की, चार साल पहले उन्हें व्हाइट हाउस से बाहर कर दिया गया था और फिर उन्होंने चुनाव धोखाधड़ी का झूठा दावा किया था. उनके समर्थक 6 जनवरी, 2021 को यूएस कैपिटॉल में घुसकर ट्रंप की हार को पलटने की अपनी कोशिश में विफल रहे. इस साल, उन्होंने बैलट बॉक्स के जरिए उनकी जीत पक्की की.
युद्ध और संघर्ष
साल 2024 में मध्यपूर्व में जंग जारी रही और इस्राएल ने गजा पट्टी में अपना सैन्य अभियान जारी रखा और उसे लेबनान तक बढ़ा दिया.
सत्ता से बेदखल हुए असद
सीरिया में इस्लामिक गुट हयात तहरीर अल-शाम (एचटीएस) ने एक अभियान चलाकर बशर अल-असद को सत्ता से हटा दिया और अब वे देश को चलाने की कोशिश कर रहे हैं.
कंपनियों के सामने एआई की चुनौती
कारोबार के क्षेत्र में दुनिया भर की कंपनियां इस बात से जूझ रही हैं कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को कैसे अपनाया जाए. एआई का इस्तेमाल तेजी से बढ़ने से इंसानों से काम छिनने का खतरा बढ़ता जा रहा है.