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स्वास्थ्यब्रिटेन

टॉयलेट से भी गंदी होती हैं कारें

१४ फ़रवरी २०२२

एक शोध में पता चला है कि कार में टॉयलेट से भी ज्यादा कीटाणु होते हैं. कार के कुछ हिस्सों में तो ई कोली बैक्टीरिया तक पाया गया.

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अगर आपसे सबसे गंदी जगह के बारे में पूछा जाए, तो शायद आप टॉयलेट का नाम लें. पर आपकी कार भी टॉयलेट से कम गंदी जगह नहीं है.
शोधकर्ताओं ने जितनी भी जगहों की जांच की, उनमें स्टीयरिंग व्हील पर बैक्टीरिया सबसे कम पाए गए.तस्वीर: YAY Micro/imago images

शोधकर्ताओं का कहना है कि हम अपने घर के शौचालयों को ज्यादा साफ करते हैं और कारों पर कम ध्यान देते हैं. इसलिए कारें शौचालयों से ज्यादा गंदी होती हैं. शोधकर्ताओं ने बताया है कि कारें बाहर से उतनी गंदी नहीं होतीं, हालांकि वे कार्बन उत्सर्जन के जरिए पर्यावरण को गंदा करती हैं. लेकिन अंदर से वे इतनी ज्यादा गंदी होती हैं, जिसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते.

ब्रिटेन में बर्मिंगम की ऐस्टन यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने यह शोध किया है. उन्होंने पाया कि कार के भीतर एक औसत घरेलू शौचालय से भी ज्यादा कीटाणु हो सकते हैं. इस शोध के लिए वैज्ञानिकों ने पांच कारों के भीतर के नमूने लिए थे और उनकी तुलना दो शौचालयों से लिए गए नमूनों से की गई. ज्यादातर मामलों में कारों में बैक्टीरिया शौचालयों से ज्यादा मिले. कारों में विषाणुओं का स्तर भी शौचालयों से ज्यादा था.

अगर आपसे सबसे गंदी जगह के बारे में पूछा जाए, तो शायद आप टॉयलेट का नाम लें. पर आपकी कार भी टॉयलेट से कम गंदी जगह नहीं है.
अब ऐसा ज्यादा होने लगा है कि लोग खुली सब्जियां या फल कार के बूट में रख दें.तस्वीर: Anders Wiklund/TT/TT NEWS AGENCY/picture alliance

सबसे ज्यादा कीटाणु पिछले हिस्से में

शोधकर्ताओं के मुताबिक कार के ट्रंक में सबसे ज्यादा बैक्टीरिया मिले. उसके बाद सबसे अधिक गंदगी ड्राइवर की सीट पर थी. गियर स्टिक तीसरे नंबर पर, पिछली सीट चौथे और डैशबोर्ड पर पांचवें स्थान पर गंदगी का भंडार पाया गया.

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शोधकर्ताओं ने जितनी भी जगहों की जांच की, उनमें स्टीयरिंग व्हील पर बैक्टीरिया सबसे कम पाए गए. उनका कहना है कि इसकी वजह यह भी हो सकती है कि कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों ने औसत से ज्यादा बार और अधिक मात्रा में और हैंड सैनेटाइजर का प्रयोग किया.

पिछले हिस्से में -कोली

माइक्रो बायोलॉजिस्ट और मुख्य शोधकर्ता जोनाथन कॉक्स ने डॉयचे वेले को बताया कि उन्हें कार की डिक्की या बूट में ई कोली वायरस के कण भी मिले. कॉक्स ने कहा, "कार के बूट में सफाई पर हम आमतौर पर कम ध्यान देते हैं क्योंकि यह मुख्यतया सामान रखने की जगह होती है."

कॉक्स कहते हैं कि बूट में लोग अक्सर जानवरों और गंदे जूतों को रखते हैं, जिस कारण वहां खतरनाक बैक्टीरिया होने की संभावना ज्यादा होती है. ई कोली बैक्टीरिया गंभीर फूड पॉइजनिंग की भी वजह बन सकता है.

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कॉक्स के मुताबिक अब ऐसा ज्यादा होने लगा है कि लोग खुली सब्जियां या फल कार के बूट में रख दें. ऐसा तब तो और भी ज्यादा होने लगा है जबकि ब्रिटेन में लोगों से प्लास्टिक बैग कम इस्तेमाल करने की अपील की जा रही है.

कॉक्स ने बताया, "यह एक जरिया है जिससे हम ई कोली बैक्टीरिया को अपने घरों और रसोइयों में ला सकते हैं, और उन्हें अपने शरीर में घुसने का मौका दे सकते हैं. इस शोध का मकसद लोगों को इस बारे में और ज्यादा जागरूक करना था."

अगर आपसे सबसे गंदी जगह के बारे में पूछा जाए, तो शायद आप टॉयलेट का नाम लें. पर आपकी कार भी टॉयलेट से कम गंदी जगह नहीं है.
यह बात एक बार फिर पुष्ट हुई कि यदि कोई जगह साफ नजर आती है तो जरूरी नहीं कि वह साफ ही हो.तस्वीर: Pontus Lundahl/TT/picture alliance / TT NEWS AGENCY

फोन भी गंदे, नोट भी गंदे

इससे यह बात एक बार फिर पुष्ट हुई कि यदि कोई जगह साफ नजर आती है तो जरूरी नहीं कि वह साफ ही हो. मसलन फोन भी कारों की तरह ही गंदे होते हैं. कुछ शोधों में पता चला है कि फोन किसी टॉयलेट सीट से दस गुना ज्यादा तक गंदा हो सकता है. इस मामले में करंसी नोट और सिक्कों की स्थिति भी काफी खराब है. न्यू यॉर्क यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने कहा कि एक बैंक नोट पर तीन हजार तरह के बैक्टीरिया हो सकते हैं.

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आमतौर पर गंदगी की तुलना के लिए शौचालयों का ही इस्तेमाल किया जाता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि टॉयलेट सीट को लेकर अवधारणा बनी होती है कि वे सबसे गंदी होती हैं. कॉक्स बताते हैं, "लोगों को इससे तुलना करने में आसानी होती है. हममें ज्यादातर लोग शौचालयों की सफाई के लिए केमिकल्स का प्रयोग करते हैं. कुछ तो ऐसा रोजाना करते हैं. लेकिन क्या हम अपनी कारों को ब्लीच करते हैं? नहीं."

 

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