अटलांटिस आखिरी अंतरिक्ष उड़ान पर रवाना
८ जुलाई २०११शटल का बाहरी टैंक 1.89 मिलियन लीटर लिक्विड हाइड्रोजन और ऑक्सीजन से भरा है और इसे केनेडी स्पेस सेंटर से प्रक्षेपित किया गया. भारतीय समय के हिसाब से इसने रात नौ बजे उड़ान भरी.
अटलांटिस अंतरिक्ष की यात्रा पूरी कर 12 दिनों में धरती पर लौटेगा और इसके साथ ही अमेरिका की समानव अंतरिक्ष यात्राएं समाप्त हो जाएंगी. इसके बाद अमेरिका अंतरिक्ष यात्रियों को अंतरिक्ष में भेजने के लिए तब तक रूस पर निर्भर हो जाएगा, जब तक कि नया अमेरिकी यान नहीं बन जाए. नासा के प्रवक्ता एलार्ड बॉइटल ने बाहरी ईंधन टैंक भरने की शुरुआत के बाद कहा, "अंतरिक्ष यान के अंत की शुरुआत"...
इस ऐतिहासिक उड़ान की आखिरी तैयारियों के दौरान तूफानी मौसम था. नासा ने अपने बयान में कहा है, किसी भी प्रणाली के साथ कोई समस्या नहीं है. अंतरिक्ष यान अटलांटिस, बाहरी टैंक, रॉकेट बूस्टर्स, शटल का इंजिन, सहायता के उपकरण सब ठीक हैं. हालांकि नासा ने यह भी बताया कि लॉन्च पैड के नजदीक दो बार बिजली गिरी. पहली बार यहां से 157 मीटर दूर वॉटर टॉवर पर और फिर बीच पर.
फ्लोरिडा में इस ऐतिहासिक उड़ान को देखने के लिए साढ़े सात लाख लोग जमा हुए. नासा के अंतरिक्ष यात्री टेरी विर्ट्स ने कहा, "यह दुखद समय है. दुख की बात यह है कि अब हमारे पास अमेरिकी क्षमता नहीं होगी कि हम अपने अंतरिक्ष यात्रियों को भेज सकें."
लोगों में गुस्सा भी है क्योंकि अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी में कई सौ लोगों की नौकरियां भी जाएंगी. विर्ट्स कहते हैं, 'कुछ नया हाथ में होने से पहले ही पुराने को बंद करना बहुत मुश्किल है.'
नासा ओरियन अंतरिक्ष यान की योजना को बचाने में सफल रहा है. इसके साथ भविष्य में अंतरिक्ष में जाया जा सकेगा. स्पेस एक्स, बोइंग और सीरा नेवादा जैसी प्राइवेट कंपनियां स्पेस शटल की अगली पीढ़ी डिजाइन करने में लगी हुई है. लेकिन ये योजनाएं 2015 के पहले अमल में आ पाना मुश्किल हैं.
इस सप्ताह की शुरुआत में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने शटल की तारीफ करते हुए कहा था कि अब नए प्रोजेक्ट्स पर ध्यान देने की जरूरत है. नासा ने योजना बनाई है कि वह डिस्कवरी, एंडेवर और अटलांटिक को देश भर के संग्रहालयों में भेजेगा ताकि लोग उन्हें देख सकें.
रिपोर्टः एजेंसियां/आभा एम
संपादनः महेश झा