अटलांटिस में तकनीकी गड़बड़ी
१३ मई २००९उड़ान भरने के अगले दिन पता लगा कि अटलांटिस में कुछ तकनीकी गड़बड़ी आ गई है. अंतरिक्ष में उड़ान भरते वक़्त अटलांटिस से अंतरिक्ष में घूमते हुए छोटे पथरीले टुकड़े टकरा गए. इससे यान के गर्मी को रोकने वाली कवच को नुक़सान पहुंचा है. अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा का कहना है कि इसमें कोई बहुत ख़तरा नहीं है. अटलांटिस 11 दिनों के मिशन पर निकला है और उसमें सात अंतरिक्ष यात्री सवार हैं.
सोमवार को हबल टेलिस्कोप की मरम्मत करने के लिए अटलांटिस रवाना हुआ. उड़ान भरते वक़्त भी यान के आसपास कुछ गड़बड़ी हुई थी. नासा ने अटलांटिस के यात्रियों तक यह ख़बर पहुंचा दी है कि विमान के दाहिने पंख के पास कुछ गड़बड़ी हो सकती है. अंतरिक्ष से मिली तस्वीरों से पता चला है कि यान की गर्मी को रोकने वाली टाइल्स पर 21 इंच लंबी ख़रोंच लग गई है. मिशन के अध्यक्ष टोनी सेचाची का कहना है कि इससे कोई ख़तरा नहीं है. मिशन को संभालने वाले अंतरिक्ष यात्री डैन बुरबैंक ने अंतरिक्ष से रेडियो पर कहा कि इस बात से सबको काफी राहत मिली है.
2003 में कोलंबिया नाम के स्पेस शटल में कुछ इस तरह की तकनीकी ख़राबी आ गई थी. विमान के ईंधन टैंक के पास का फोम से बना कवच निकल आया था जिससे विमान अस्थिर हो गया और फ्लोरिडा में ज़मीन पर उतरने से पहले ही नष्ट हो गया. विमान में सवार सारे सात यात्री मारे गए थे. इनमें भारत की पहली महिला अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला भी शामिल थीं. इस हादसे के बाद नासा सुरक्षा पर ज़्यादा ध्यान दे रही है. अटलांटिस में अगर कोई ख़राबी आ जाए तो यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन में भी रह सकते हैं. नासा ने अपने लांच पैड में इमरजेंसी के लिए एक और यान तैयार रखा है जो किसी भी वक़्त धरती से छोड़ा जा सकती है.
नासा ने हबल स्पेस टेलिस्कोप की मरम्मत के लिए यह अंतिम टीम भेजी है. यात्रा के दौरान अंतरिक्ष में चलकर यह यात्री हबल टेलिस्कोप के दो कैमरों, रेडियो सिगनल पकड़ने वाले जायरोस्कोप और बैट्री को बदलेंगे. दो मशीनों की भी मरम्मत की जाएगी. हबल विज्ञान के लिए एक बहुत ही बड़ी उपल्ब्धि समझी जा रही है. इससे अंतरिक्ष के बारे में बहुत जानकारी हासिल हुई है. मरम्मत के ज़रिए हबल को 2014 तक काम में रखा जा सकेगा.
रिपोर्टः एजेंसियां/एम गोपालाकृष्णन
संपादनः ए जमाल